हापुड़: गढ़ कोतवाली क्षेत्र के झड़ीना नहर पटरी के पास 3 दिन पहले 26 बंदर मृत मिले थे. इतनी बड़ी संख्या में मृत अवस्था में बंदरों के मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था. बंदरों के पास ही एक प्लास्टिक के कट्टे में गुड़ भी रखा हुआ मिला था. मौके पर वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने पहुंचकर बंदरों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. अब इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
एएसपी मुकेश मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि तीन दिन पूर्व शाहपुर चौधरी गांव के निकट झड़ीना जाने वाली नहर पटरी के जंगल में 19 बंदरों के शव प्राप्त हुए थे. तत्काल वन विभाग और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची. बंदरों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. इस पूरे मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज कराया गया था. एसएसपी ने बताया कि छानबीन करने के बाद 7 बंदरों के शव और मिले.
गढ़ पुलिस ने इस घटना का सफलतापूर्वक अनावरण करते हुए गढ़मुक्तेश्वर के गांव शाहपुर चौधरी निवासी कपिल और रोहतास उर्फ लाला को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि दोनों की तीन-तीन बीघा गन्ने की खेती घटनास्थल के पास ही है. बुवाई के तुरंत बाद ही बंदरों ने गन्ना निकाल कर खा कर बर्बाद कर दी थी. पिछले कई वर्षों से बंदरों द्वारा उनके खेतों में निरंतर नुकसान किया जा रहा था. जब वह बंदरों को भगाने की कोशिश करते थे तो काटने को दौड़ते थे. इसी बात से गुस्सा होकर 1 किलो फेराडोल दीमक की दवाई खरीदी थी. 14 मई को ही एक दुकान से 2 किलो गुड़ खरीदा. इसके बाद 15 मई को दोनों ने एक ट्यूबेल पर गुड़ में आधा किलो फेराडोल मिलाकर बंदरों को खाने के लिए रख दिया था. आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह सोचा था कि दीमक की दवाई से बंदर बेहोश हो जाएंगे और इलाके को छोड़कर चले जाएंगे. लेकिन दीमक की दवाई मिला गुड़ खाकर 26 बंदरों की मौत हो गई.