हमीरपुर: ग्रामीण क्षेत्राें में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने व उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शासन ने स्वामित्व योजना लागू की है. जिसके तहत जिले की पांच ग्राम पंचायतों का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया. जबकि 15 जुलाई से जिले की सभी पंचायतों में इसका काम शुरू किया जाएगा. जिसके बाद नगरीय क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा.
एडीएम विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी गांव में रहती है, लेकिन अधिकांश परिवारों के पास आवासीय संपत्ति के कागज नहीं है. जिससे उन्हें अपनी संपत्ति में मालिकाना हक नहीं मिल पाता. इसकी पूर्ति करने के लिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना लागू की है. इसके लिए ड्रोन से आवासीय क्षेत्र का नक्शा तैयार कराकर भवनों व खाली पड़ी आवासीय भूमि की पैमाइश की जाएगी. ताकि जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों के नाम वार आवासीय संपत्ति का ब्योरा निकाला जा सके. इसके लिए शुरुआत में जिले की पांच ग्राम पंचायतों पाराओझी, सूरजपुर, सिड़रा, अमिरता व चंदौखी गांव में ड्रोन से सर्वे कार्य किया गया. 15 जुलाई से जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इसे शुरू कराया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस योजना से संपत्ति कर के दायरे में आने के बाद पंचायतों को कर संग्रह करने में आसानी होगी. जिसकी आमदनी से पंचायतें ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं दे सकेंगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पास खेतों की तो खतौनी होती है, लेकिन आवासीय भवनों के कागजात नहीं होते. जिससे अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है. स्वामित्व योजना से जहां ऐसे मामलों में कमी आएगी. वहीं ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति का स्वामित्व मिलेगा.
हमीरपुर: स्वामित्व योजना के तहत पांच पंचायतों का ड्रोन से हुआ सर्वे - हमीरपुर खबर
हमीरपुर जिले में स्वामित्व योजना के तहत जिले के पांच ग्राम पंचायतों में ड्रोन से सर्वे किया गया. यह कार्य 15 जुलाई से सभी ग्राम पंचायतों में शुरू किया जाएगा. जिससे नगरीय क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा.
हमीरपुर: ग्रामीण क्षेत्राें में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने व उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शासन ने स्वामित्व योजना लागू की है. जिसके तहत जिले की पांच ग्राम पंचायतों का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया. जबकि 15 जुलाई से जिले की सभी पंचायतों में इसका काम शुरू किया जाएगा. जिसके बाद नगरीय क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा.
एडीएम विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी गांव में रहती है, लेकिन अधिकांश परिवारों के पास आवासीय संपत्ति के कागज नहीं है. जिससे उन्हें अपनी संपत्ति में मालिकाना हक नहीं मिल पाता. इसकी पूर्ति करने के लिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना लागू की है. इसके लिए ड्रोन से आवासीय क्षेत्र का नक्शा तैयार कराकर भवनों व खाली पड़ी आवासीय भूमि की पैमाइश की जाएगी. ताकि जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों के नाम वार आवासीय संपत्ति का ब्योरा निकाला जा सके. इसके लिए शुरुआत में जिले की पांच ग्राम पंचायतों पाराओझी, सूरजपुर, सिड़रा, अमिरता व चंदौखी गांव में ड्रोन से सर्वे कार्य किया गया. 15 जुलाई से जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इसे शुरू कराया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस योजना से संपत्ति कर के दायरे में आने के बाद पंचायतों को कर संग्रह करने में आसानी होगी. जिसकी आमदनी से पंचायतें ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं दे सकेंगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पास खेतों की तो खतौनी होती है, लेकिन आवासीय भवनों के कागजात नहीं होते. जिससे अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है. स्वामित्व योजना से जहां ऐसे मामलों में कमी आएगी. वहीं ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति का स्वामित्व मिलेगा.