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हमीरपुर जिला जेल में बनेगा राखी बैंक लेकिन भाइयों से नहीं मिल पाएंगी बहनें - हमीरपुर खबर

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की जिला जेल में अब राखी बैंक बनाया जाएगा. कैदियों और बंदियों की बहनों द्वारा लाई जाने वाली राखी, रोली और चावल को जेल में स्थापित की गई राखी बैंक में जमा किया जाएगा. इसके बाद लिफाफे को उस कैदी, बंदी को दे दिया जाएगा.

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जिला जेल में बनेगा राखी बैंक.
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Published : Jul 28, 2020, 7:51 PM IST

हमीरपुर: जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला जेल प्रशासन ने रक्षा बंधन पर एक नया तरीका निकाला है. इस समय जिला कारागार में मुलाकात बंद चल रही है, लेकिन जेल में बंद कैदियों और बंदियों के रक्षाबंधन त्योहार पर कोरोना अपना ग्रहण नहीं लगा पाएगा. इसके लिए जेल प्रशासन ने जेल में ही एक राखी बैंक बनाया है. इस बैंक में कैदियों और बंदियों की बहनों द्वारा जेल में लाई जाने वाली राखी, रोली और चावल को जेल में स्थापित की गई राखी बैंक में जमा किया जाएगा. इसके बाद रक्षाबंधन पर्व में यह लिफाफा संबंधित कैदी और बंदी को दे दिए जाएगा.

स्थापित किए गए विशेष काउंटर
जेल में स्थापित किए गए विशेष काउंटर को राखी बैंक का नाम दिया गया है. यहां पर बंदियों और कैदियों की बहनें जो सामान लाएंगी, उसे जमा किया जाएगा. यह सामग्री आगामी एक अगस्त तक ही जमा की जा सकेगी. इसके बाद संबंधित कैदी और बंदी के नाम से एक लिफाफा तैयार होगा, जिसमें राखी देने वाले का नाम, पता दर्ज रहेगा और रक्षाबंधन पर इस लिफाफे को संबंधित तक पहुंचा दिया जाएगा. बैंक में जमा हुई सभी राखियों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा. इसके बाद ही उन्हें लिफाफे में पैक कर कैदी और बंदी को दिया जाएगा. ऐसा करने से कोरोना का संक्रमण नहीं फैल सकेगा.

जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि मुख्यालय कारागार प्रशासन के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है. शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री को जमा नहीं किया जाएगा. यहां तक कि राखी के साथ मिठाई आदि भी जमा नहीं हो सकेगी. कारागार प्रशासन ने आदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बंदी और कैदियों के परिजन न जमा कर पाएं.

हमीरपुर: जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला जेल प्रशासन ने रक्षा बंधन पर एक नया तरीका निकाला है. इस समय जिला कारागार में मुलाकात बंद चल रही है, लेकिन जेल में बंद कैदियों और बंदियों के रक्षाबंधन त्योहार पर कोरोना अपना ग्रहण नहीं लगा पाएगा. इसके लिए जेल प्रशासन ने जेल में ही एक राखी बैंक बनाया है. इस बैंक में कैदियों और बंदियों की बहनों द्वारा जेल में लाई जाने वाली राखी, रोली और चावल को जेल में स्थापित की गई राखी बैंक में जमा किया जाएगा. इसके बाद रक्षाबंधन पर्व में यह लिफाफा संबंधित कैदी और बंदी को दे दिए जाएगा.

स्थापित किए गए विशेष काउंटर
जेल में स्थापित किए गए विशेष काउंटर को राखी बैंक का नाम दिया गया है. यहां पर बंदियों और कैदियों की बहनें जो सामान लाएंगी, उसे जमा किया जाएगा. यह सामग्री आगामी एक अगस्त तक ही जमा की जा सकेगी. इसके बाद संबंधित कैदी और बंदी के नाम से एक लिफाफा तैयार होगा, जिसमें राखी देने वाले का नाम, पता दर्ज रहेगा और रक्षाबंधन पर इस लिफाफे को संबंधित तक पहुंचा दिया जाएगा. बैंक में जमा हुई सभी राखियों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा. इसके बाद ही उन्हें लिफाफे में पैक कर कैदी और बंदी को दिया जाएगा. ऐसा करने से कोरोना का संक्रमण नहीं फैल सकेगा.

जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि मुख्यालय कारागार प्रशासन के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है. शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री को जमा नहीं किया जाएगा. यहां तक कि राखी के साथ मिठाई आदि भी जमा नहीं हो सकेगी. कारागार प्रशासन ने आदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बंदी और कैदियों के परिजन न जमा कर पाएं.

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