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हमीरपुर: स्कूल के कमरों में भरा भूसा, खुले में पढ़ रहे नौनिहाल

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में पुरैनी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कमरों में भूसा भरकर ताला लगा दिया गया है. कमरे में भूसा भरे होने से स्कूली बच्चों को खुले में पढ़ना पड़ रहा है.

स्कूल के कमरों में भरा पड़ा भूसा
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Published : Nov 14, 2019, 1:56 PM IST

हमीरपुर: जिले में शिक्षा के मंदिरों का बुरा हाल है. ऐसी ही एक चौंकाने वाली तस्वीर देखने को मिली है. सरीला ब्लाक क्षेत्र के पुरैनी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कमरों में ताला पड़ा हुआ है. छात्र छात्राएं खुले में बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं.

आपको जानकर यह हैरत होगी कि विद्यालय के तालाबंद कमरों में भूसा भरा हुआ है. यह भूसा अन्ना गोवंशों के लिए बनाई गई अस्थाई गोशाला का है. जहां गोशाला में भूसा रखने का समुचित प्रबंधन न होने के चलते इसे विद्यालय के कमरों में भरकर ताला लगा दिया गया है. ऐसे में यहां के छात्रों को बाहर बैठकर पढ़ाई करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. इस बारे में बात करने पर स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि स्कूल के कमरों में ग्राम प्रधान ने भूसा रखकर ताला लगा दिया है. प्रधानाचार्य के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुला तभी से विद्यालय के कमरे में भूसा भरा हुआ था.

स्कूल के कमरों में भरा पड़ा भूसा

मामले का खुलासा होने पर बीएसए ने कार्रवाई करने की बात कही है. बीएसए के मुताबिक इस मामले में उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

गर्मी की छुट्टियों के बाद जब शिक्षण सत्र की शुरुआत हुई तभी से विद्यालय के कमरों में भूसा भरा हुआ था. यह भूसा अन्ना गोवंशों का है. इसे ग्राम प्रधान ने विद्यालय के कमरों में भरकर ताला डाल दिया है.

गजराज राजपूत, प्रधानाचार्य

प्रकरण संज्ञान में आने पर मैंने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

सतीश कुमार, बीएसए

हमीरपुर: जिले में शिक्षा के मंदिरों का बुरा हाल है. ऐसी ही एक चौंकाने वाली तस्वीर देखने को मिली है. सरीला ब्लाक क्षेत्र के पुरैनी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कमरों में ताला पड़ा हुआ है. छात्र छात्राएं खुले में बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं.

आपको जानकर यह हैरत होगी कि विद्यालय के तालाबंद कमरों में भूसा भरा हुआ है. यह भूसा अन्ना गोवंशों के लिए बनाई गई अस्थाई गोशाला का है. जहां गोशाला में भूसा रखने का समुचित प्रबंधन न होने के चलते इसे विद्यालय के कमरों में भरकर ताला लगा दिया गया है. ऐसे में यहां के छात्रों को बाहर बैठकर पढ़ाई करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. इस बारे में बात करने पर स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि स्कूल के कमरों में ग्राम प्रधान ने भूसा रखकर ताला लगा दिया है. प्रधानाचार्य के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुला तभी से विद्यालय के कमरे में भूसा भरा हुआ था.

स्कूल के कमरों में भरा पड़ा भूसा

मामले का खुलासा होने पर बीएसए ने कार्रवाई करने की बात कही है. बीएसए के मुताबिक इस मामले में उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

गर्मी की छुट्टियों के बाद जब शिक्षण सत्र की शुरुआत हुई तभी से विद्यालय के कमरों में भूसा भरा हुआ था. यह भूसा अन्ना गोवंशों का है. इसे ग्राम प्रधान ने विद्यालय के कमरों में भरकर ताला डाल दिया है.

गजराज राजपूत, प्रधानाचार्य

प्रकरण संज्ञान में आने पर मैंने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

सतीश कुमार, बीएसए

Intro:स्कूल के कमरों में भरा भूसा, खुले में पढ़ने को बच्चे मजबूर

हमीरपुर। जिले में शिक्षा के मंदिरों का क्या हाल है ?उसकी कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें देखने को मिली हैं। यहां सरीला ब्लाक क्षेत्र के पुरैनी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कमरों में ताला पड़ा है और छात्र छात्राएं बरामदे में बैठ कर पढने को मजबूर हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि विद्यालय के ताला बंद कमरों में भूसा भरा हुआ है। यह भूसा अन्ना गायों के लिए बनाई गई अस्थाई गौशाला का है, लेकिन गौशाला में भूसा रखने का समुचित प्रबंधन न होने के चलते इसे विद्यालय के कमरों में भरकर ताला लटका दिया गया है। 


Body:विद्यालय के प्रधानाचार्य गजराज राजपूत ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद जब शिक्षण सत्र की शुरुआत हुई तभी से विद्यालय के कमरों में भूसा भरा हुआ था। उन्होंने बताया कि यह भूसा अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई अस्थाई गौशाला का है जिसे ग्राम प्रधान ने विद्यालय के कमरों में भरकर ताला डाल दिया है। वह इस मसले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आने पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 
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Conclusion:नोट : पहली बाइट विद्यालय के प्रधानाचार्य गजराज राजपूत की है दूसरी बाइट बेसिक शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार की। 


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