हमीरपुर : जिले के मौदहा ब्लॉक में मनरेगा योजना में मुर्दों से काम दिखाकर भुगतान करने के गंभीर मामला सामने आया है. मुख्य विकास अधिकारी एमके मिश्रा ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि मौदहा ब्लॉक के खंडेह गांव में मनरेगा के मामले में शिकायतकर्ता देवेंद्र तिवारी के अनुसार वर्ष 2018 से लगातार इस योजना में धांधली की जा रही थी. स्वयं उनके पिता छोटेलाल का 2019 में निधन होने के बाद भी उनके नाम का जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से धन निकासी की गई है. इसी तरह मृतक भूरी पत्नी राजा भइया, हरनाम सिंह, नारायण, भरतलाल और पुत्तू यादव के भी इसी तरीके से जॉब कार्ड में काम दर्शाकर सरकारी धन का खूब घोटाला किया गया है. जबकि इन सभी को मरे हुए सात साल से लेकर 12 साल का समय हो चुका है.
सरकारी जॉब करने वालों के नाम भी मजदूरी निकालकर हड़पी गई है. यह सब कुछ दो पंचवर्षीय में प्रधान, सचिव और बैंकों की मिलीभगत से हुआ है. मामले को मुख्य विकास अधिकारी एमके मिश्रा ने गंभीरता से लेते हुए 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. यह जांच टीम जिला कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में बुधवार को जांच करने पहुंची. जांच टीम ने गांव के पंचायत भवन में पहुंच शिकायतकर्ताओं को बुलाकर उनके उनका बयान लिया. इसके बाद मामले की जानकारी होने पर पंचायत भवन पर पहुंचे ग्रामीणों से भी इस मामले की जानकारी ली.
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बता दें कि गांव में कुल 1700 मजदूरों के जॉब कार्ड बने हुए हैं. जिसमें 200 मजदूरों के जॉब कार्डों में गड़बड़ी की गई है. जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर कई मुर्दो से गांव में विकास कार्यों में मजदूरी कराकर उनका पैसा निकाल लिया है. जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि मामला गंभीर है. जांच में मामला सही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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