हमीरपुर: कोरोना वायरस ने महाराष्ट्र में भयंकर तबाही मचा रखी है. यही वजह है कि वहां से भारी तादाद में यूपी के कामगार जान हथेली पर रखकर वापस लौटने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के बाद से रोज कमाने खाने वाले मजदूरों की हालत दिन पर दिन बिगड़ती चली गई और अब हालात ऐसे हो गए हैं कि उनके पास जिंदा रहने के लिए अपने घर वापस लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा.
प्रवासी मजदूरों से भरा पूरा रास्ता. जिला मुख्यालय का मुख्य मार्ग इन दिनों महाराष्ट्र से लौटने वाले यूपी के कामगारों से पटा हुआ है. मुंबई में ऑटो चलाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले सैकड़ों ऑटो चालक अपने ऑटो व परिवार समेत वापस यूपी लौट आए हैं. वहीं बहुत से ऐसे कामगार भी हैं, जो मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं. मजबूर मजदूर भेड़, बकरियों की तरह ट्रकों में किसी तरह जगह बनाकर अपने घरों को जा रहे हैं.मुंबई में ऑटो चलाकर अपना पेट पालने वाले अशरफ बताते हैं कि मुंबई में जब उनके पास अपने परिवार को खिलाने के लिए राशन और जेब में पैसे नहीं बचे, तब उन्होंने अपने घर लौटने में ही भलाई समझी. भदोही के रहने वाले अशरफ बताते हैं कि वह अपने ऑटो से 3 दिन पहले महाराष्ट्र के ठाणे से चले थे. रास्ते में कई जगह लोगों ने खाने को दिया. ट्रकों में बैठकर गृह जनपद जाते प्रवासी मजदूर. कुछ ऐसा ही कहना मुंबई में टैक्सी चलाने वाले देवीदीन का है. प्रयागराज के रहने वाले देवीदीन का कहना है कि महाराष्ट्र में कोरोना संकट से स्थिति बेहद बदतर हो चुकी है. झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों के सामने भारी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जो राहत उपलब्ध कराई जा रही है, वह उन तक पहुंच नहीं पा रही है. ऐसे में उनके पास अपने घर वापस लौटने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा.