हमीरपुर : बिवार थाना क्षेत्र के लोदीपुर निवादा गांव में रक्षाबंधन के अगले दिन महिलाओं के अनोखे दंगल का आयोजन किया जाता है. साड़ी पहनकर घूंघट निकालकर महिलाएं दांव आजमाती हैं. यह परंपरा आल्हा-ऊदल के दौर से चली आ रही है. इसमें गांव की सभी बहुएं और सास हिस्सा लेती हैं. हर बार की तरह रक्षाबंधन के अगले दिन शुक्रवार को यह दंगल हुआ. दंगल में महिलाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए ढोल की थाप भी गूंजती रही. इस अनोखे दंगल में पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा.
24 से अधिक कुश्तियां हुईं : बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के निवादा गांव में रक्षाबंधन के अगले दिन साड़ी पहने और घूंघट निकालकर महिलाओं का अनोखा दंगल हुआ. पूरे गांव की बहुएं और सास ने इसमें हिस्सा लिया. दंगल में करीब 24 से अधिक कुश्तियां हुईं. महिलाओं ने एक से बढ़कर एक दांव-पेंच का प्रदर्शन किया. एक महिलाओं ने तो पल भर ही प्रतिद्वंदी को पटखनी दे दी. महिलाओं ने दंगल में एक से बढ़कर दांव-पेंच का प्रदर्शन किया.
काफी पुरानी है दंगल की परंपरा : दंगल की आयोजक अभिलाषा गुप्ता ने बताया कि दंगल का उद्देश्य यह बताना है कि महिलाएं किसी से कमजोर नहीं हैं. गांव की सैकड़ों महिलाएं इस दंगल को देखने के लिए इकट्ठा हुई थीं. दंगल की यह परंपरा काफी पुरानी है. इसे गांव की महिलाएं काफी समय से निभाती चली आ रहीं हैं. इसका उद्देश्य समाज को संदेश देना है कि महिलाएं भले ही घूंघट की ओट में रहती हों, लेकिन वह किसी से भी कम नहीं हैं. किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार हैं.
यह भी पढ़ें : बलरामपुर अस्पताल की आईसीयू अब टेलीमेडिसिन से होगी संचालित, ट्रायल शुरू
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बांटी किट, कहा- बच्चों को सुनाएं कविताएं और कहानियां