हमीरपुर: किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशाला संचालित हो रही हैं. ये गोशालाएं धीरे-धीरे अब ग्राम प्रधानों के लिए जी का जंजाल बनती जा रही हैं. प्रशासन द्वारा समय से धनराशि उपलब्ध न कराए जाने के चलते ग्राम प्रधानों के लिए गोशालाएं संचालित कर पाना अब टेढ़ी खीर साबित हो रहा है, जिससे नाराज दर्जनों ग्राम प्रधानों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को एक शिकायती ज्ञापन सौंपा है.
अस्थाई गोशालाएं संचालित करने के नहीं मिली धनराशि
प्रधान संघ के अध्यक्ष दृगपाल ने कहा कि किसानों की फसलों को बचाने के लिए ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशालाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन प्रशासन समय से धनराशि उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिसके चलते अन्ना गायों के चारे पानी का बंदोबस्त करने में भारी समस्या हो रही है.
चरवाहे और चौकीदारों का वेतन नहीं दे रहा प्रशासन
प्रधान संघ ने बताया कि पिछले चार महीने से गोशालाओं में तैनात चरवाहे और चौकीदारों का वेतन जिला प्रशासन ने नहीं दिया है. इसके अलावा भूसे की किल्लत भी लगातार बनी हुई है. उन्होंने कहा कि गांव में प्रधानों के राजनीतिक विरोधी गोशालाओं में बंद अन्ना गायों को रात में छोड़ देते हैं और प्रधानों के खिलाफ झूठी शिकायत करते हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा जांच के नाम पर प्रधानों का उत्पीड़न किया जाता है.
प्रधानों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि अन्ना गायों के रखरखाव के लिए जिला प्रशासन जल्द से जल्द धनराशि जारी करे, जिससे अन्ना गायों का अच्छे से रखरखाव किया जा सके.