हमीरपुर: जिले के मौदहा कोतवाली क्षेत्र (Maudha Kotwali area) में कब्रिस्तान के रास्ते दशहरा जुलूस निकालने को लेकर 28 साल पूर्व पुलिस से हुई नोक झोंक व नारेबाजी के मामले में अदालत ने पूर्व मंत्री सहित 11 दोषियों को दो वर्ष की सजा सुनाई है. वहीं प्रत्येक को 5500 रुपये अर्थदंड भी लगाया है.
बता दें कि मौदहा पुलिस ने 14 अक्तूबर 1994 को 13 नामजद व 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ सांप्रदायिक तनाव फैलाने व बलवा करने का मामला दर्ज कर बताया कि विजयदशमी पर्व में कब्रिस्तान के रास्ते से जुलूस निकाला जाना था. इससे संबंधित लोगों का कहना था कि भविष्य में इस जुलूस को कब्रिस्तान से न ले जाया जाए. जिसपर विवादित स्थान की पर्व सेे पूर्व पैमाइश कराई गई थी. जिसपर कब्रिस्तान होना पाया गया था. लेकिन जब तक किसी वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक यह रास्ता आने जाने वाले लोगों के लिए चलता रहेगा.
इसके बाद दोनों पक्षों में हुए इस आपसी समझौते पर कस्बा निवासी भूतपूर्व विधायक बादशाह सिंह (Former MLA Badshah Singh) के साथ मिलकर विरोध किया गया. फिर मोहल्ले में जाकर लोगों को समझौता न मानने व जुलूस उसी रास्ते से निकालने को कहकर अपनी मदद व समर्थन देने का आश्वासन दिया. जिसपर रामलीला कमेटी के लोग जुलूस को उसी रास्ते से निकालने पर आमादा हो गए. जहां करीब 500 लोगों की भीड़ लेकर थाने पर घेराव कर जन समूह को उत्तेजित कर नारे बाजी व पुलिस से नोक झोंक की थी.
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अभियोजन अधिकारी प्रदीप सरोज (Prosecution Officer Pradeep Saroj) व सतेंद्र सिंह गौर ने बताया कि मामले में पुलिस ने 13 नामजद व करीब 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसमें नामजद दो आरोपी आदर्श सक्सेना व जगत नरायण गुप्ता की मुकदमें के दौरान मौत हो गई. वहीं पूर्व विधायक बादशाह सिंह (60), ओमप्रकाश (65), रामदेव सिंह (62), विवेक द्विवेदी (52), सुरेन्द्र प्रसाद तिवारी (50), लक्ष्मीनरायन (65), अरूण कुमार (62), छोटेलाल प्रजापति (60), बंशगोपाल (55), शिव बीरेन्द्र भटनागर (80), जयकरन सिंह (81) सिविल जज (सीडि) एफटीसी सीमा कुमारी की अदालत ने दोषी करार करते हुए दो वर्ष की जेल व 5500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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