हमीरपुर: जिले में पिछले एक दशक से दैवीय आपदाओं से सैकड़ों किसान बैंकों की मनमानी और उत्पीड़न से परेशान हैं. इसके चलते सोमवार को कलक्ट्रेट स्थित गोल चबूतरे पर बैठकर किसानों ने धरना दिया. किसानों ने बैंकों पर उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि बैंक आरबीआई की गाइडलाइंस को दरकिनार कर किसानों से चक्रवृद्धि ब्याज वसूल रहे हैं. हालांकि मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी ने किसानों की समस्याओं को सुनते हुए जल्द निराकरण की बात कही है.
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लोन के नाम पर किसानों का उत्पीड़न
- लोन के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है.
- बुंदेलखंड के लगभग सभी किसान अशिक्षित हैं.
- ऐसे में बैंकों द्वारा पासबुक में ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाता है जो उनकी समझ से परे है.
- जिसकी वजह से समस्या और गंभीर हो गई हैं.
- बैंकों द्वारा लोन की किस्तें प्रति माह वसूलने के बावजूद उनकी इंट्री पासबुक में नहीं की जा रही है.
- इसके अलावा किसानों द्वारा लिए गए लोन का नवीनीकरण करने के नाम पर मूलधन और ब्याज जोड़ कर वसूला जा रहा है.
- किसानों द्वारा फसल के लिए बैंक से लिए गए लोन पर भी चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जा रहा है.
- भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में 1 जुलाई 2013 को सर्कुलर जारी कर साफ निर्देश दिया है.
- निर्देश में कहा गया कि किसानों द्वारा फसलों के लिए ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं वसूला जाएगा.
- लेकिन इसके बावजूद बैंक मनमानी कर रहे हैं.
किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया गया है. इसके साथ ही उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा. किसानों की समस्या सुनने के लिए जिला प्रशासन की टीम बारी-बारी से गांव का दौरा करेगी. इसके साथ ही बैंक संबंधी समस्याओं का निराकरण करेगी.
-राजेश चौरसिया, उपजिलाधिकारी