हमीरपुर: दशकों से प्राकृतिक आपदा की मार झेलने वाले जिले के किसानों के सामने खरीफ फसल की बुवाई शुरू होते ही मुश्किलें खड़ी होना शुरू हो गई हैं. बुवाई के बाद खेतों में खरीफ की फसल अंकुरित होने लगी है और ऐसे में आवारा घूम रहे गोवंश किसानों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. अन्ना गोवंश से फसल को बचाने के लिए किसान दिन-रात खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं. किसानों की मांग है कि अन्ना गोवंश को जल्द से जल्द अस्थाई गौशालाओं में नियंत्रित किया जाए, जिससे उनकी फसल बर्बाद होने से बच सके.
खरीफ की फसल बचाना चुनौती
जिले के सुमेरपुर, कुरारा, मौदहा, सरीला व राठ सहित अन्य क्षेत्रों में किसान खरीफ फसलों की बुवाई कर चुके हैं. अब बीज भी अंकुरित होने लगे हैं और खाली पड़े खेत अब हरे-भरे लगने लगे हैं. यही हरियाली देखकर घूम रहे अन्ना गोवंश के झुंड खेतों का रुख करने लगे हैं. किसानों के सामने फसल सुरक्षा की चुनौती खड़ी हो गई है.
किसान ने सुनाई आपबीती
सुमेरपुर के किसान राशिद अली बताते हैं कि खेतों में अंकुरित फसल को बचाना अब टेढ़ी खीर हो गया है. अन्ना गोवंश से अपनी फसल की सुरक्षा के लिए किसानों को झोपड़ी बनाकर दिन-रात खेतों में डेरा डालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को अन्ना गोवंश को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द उन्हें ग्राम पंचायतों में बनाई गई अस्थाई गौशालाओं में बंद किया जाना चाहिए, जिससे किसानों की फसल बर्बाद होने से बच सके.
जल्द होगा समस्या का समाधान
जिले के मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार ने कहा कि अस्थाई गौशालाओं में बंद मवेशियों को खुला छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है. खेत खाली पड़े होने के कारण कहीं-कहीं ऐसा किया गया है. इस संबंध में आदेश जारी कर जल्द से जल्द अन्ना गोवंश को गौशालाओं में नियंत्रित किया जाएगा.