ETV Bharat / state

किसानों का मटर की तरफ बढ़ा रुझान, गेहूं का रकबा घटा

'दाल का कटोरा' कहे जाने वाले बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर में मौजूदा रबी अभियान की फसलों में किसानों ने मटर पर ज्यादा भरोसा जताया है. यही कारण है कि बीते साल की तुलना में इस वर्ष करीब दोगुने किसानों ने गेहूं व चने के स्थान पर मटर की बोआई की है.

author img

By

Published : Nov 26, 2020, 2:33 PM IST

किसानों का मटर की तरफ बढ़ा रुझान
किसानों का मटर की तरफ बढ़ा रुझान.

हमीरपुर : 'दाल का कटोरा' कहे जाने वाले बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर में मौजूदा रबी अभियान की फसलों में किसानों ने मटर पर ज्यादा भरोसा जताया है. यही कारण है कि बीते साल की तुलना में इस वर्ष करीब दोगुने किसानों ने गेहूं व चने के स्थान पर मटर की बोआई की है. इसके पीछे का कारण बीते वर्ष किसानों को मटर से मिला अच्छा मुनाफा बताया जा रहा है. किसान सामान्य मटर के बजाय दंतेबाड़ा हरे मटर के उत्पादन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

दंतेबाड़ा मटर का उत्पादन करने वाले किसान हो गए मालामाल

2019-20 में रबी अभियान में गेहूं, चना, मसूर की तुलना में मटर का अच्छा उत्पादन हुआ. इसके अलावा हरे मटर की वेरायटी दंतेबाड़ा का उत्पादन करने वाले किसानों की पौ-बारह हो गई. जहां सामान्य मटर की तुलना में इसका उत्पादन अधिक रहा, वहीं 12 से 14 हजार रुपए प्रति क्विंटल का दाम मिला, जिससे इस बार किसानाें का रुझान मटर की तरफ बढ़ा है. कृषि विभाग के अनुसार बीते वर्ष जहां मटर 20555 हेक्टेयर में बोया गया था, वहीं इस वर्ष इसकी बोआई 38918 हेक्टेयर में की गई है. वहीं बीते वर्ष की तुलना में गेहूं का आच्छादन 115612 हेक्टेयर से घटकर 86954 हेक्टेयर व चना का 119824 से 71205 हेक्टेयर पहुंच गया है.

मटर की फसल में होती है कम पानी की जरूरत

सुमेरपुर के सिकरी गांव निवासी रंजीत सिंह ने बताया कि गेहूं उत्पादन में सिंचाई की सख्त जरुरत होती है. जबकि मटर में मात्र एक पानी की जरुरत होती है और उत्पादन भी गेहूं के बराबर होता है जबकि दाम भी गेहूं से अधिक रहते हैं. इसी कारण से इस बार गेहूं के बजाय मटर की बोआई की गई है. जिला कृषि अधिकारी डॉ सरस तिवारी के अनुसार जिले की जमीन कम पानी वाली दलहनी व तिलहनी फसलों के लिए अच्छी है. मटर दलहनी फसलों में आती है. दंतेबाड़ा प्रजाति की मटर की डिमांड अधिक होने से इस साल उसके रेट अच्छे रहे हैं, जिससे किसानों को अच्छा लाभ हुआ. इसी वजह से किसानों का रुझान इस ओर बढ़ा है.

हमीरपुर : 'दाल का कटोरा' कहे जाने वाले बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर में मौजूदा रबी अभियान की फसलों में किसानों ने मटर पर ज्यादा भरोसा जताया है. यही कारण है कि बीते साल की तुलना में इस वर्ष करीब दोगुने किसानों ने गेहूं व चने के स्थान पर मटर की बोआई की है. इसके पीछे का कारण बीते वर्ष किसानों को मटर से मिला अच्छा मुनाफा बताया जा रहा है. किसान सामान्य मटर के बजाय दंतेबाड़ा हरे मटर के उत्पादन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

दंतेबाड़ा मटर का उत्पादन करने वाले किसान हो गए मालामाल

2019-20 में रबी अभियान में गेहूं, चना, मसूर की तुलना में मटर का अच्छा उत्पादन हुआ. इसके अलावा हरे मटर की वेरायटी दंतेबाड़ा का उत्पादन करने वाले किसानों की पौ-बारह हो गई. जहां सामान्य मटर की तुलना में इसका उत्पादन अधिक रहा, वहीं 12 से 14 हजार रुपए प्रति क्विंटल का दाम मिला, जिससे इस बार किसानाें का रुझान मटर की तरफ बढ़ा है. कृषि विभाग के अनुसार बीते वर्ष जहां मटर 20555 हेक्टेयर में बोया गया था, वहीं इस वर्ष इसकी बोआई 38918 हेक्टेयर में की गई है. वहीं बीते वर्ष की तुलना में गेहूं का आच्छादन 115612 हेक्टेयर से घटकर 86954 हेक्टेयर व चना का 119824 से 71205 हेक्टेयर पहुंच गया है.

मटर की फसल में होती है कम पानी की जरूरत

सुमेरपुर के सिकरी गांव निवासी रंजीत सिंह ने बताया कि गेहूं उत्पादन में सिंचाई की सख्त जरुरत होती है. जबकि मटर में मात्र एक पानी की जरुरत होती है और उत्पादन भी गेहूं के बराबर होता है जबकि दाम भी गेहूं से अधिक रहते हैं. इसी कारण से इस बार गेहूं के बजाय मटर की बोआई की गई है. जिला कृषि अधिकारी डॉ सरस तिवारी के अनुसार जिले की जमीन कम पानी वाली दलहनी व तिलहनी फसलों के लिए अच्छी है. मटर दलहनी फसलों में आती है. दंतेबाड़ा प्रजाति की मटर की डिमांड अधिक होने से इस साल उसके रेट अच्छे रहे हैं, जिससे किसानों को अच्छा लाभ हुआ. इसी वजह से किसानों का रुझान इस ओर बढ़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.