हमीरपुर: आज भी उत्तर प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं जहां मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. ऐसे ही कुछ गांव हमीरपुर जिले में सुमेरपुर थानाक्षेत्र की सीमा में बहने वाली चंद्रावल नदी के किनारे बसे हैं. यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण एक गर्भवती की जान पर बन आई. घने कोहरे के चलते गर्भवती को लेकर जा रही एम्बुलेंस चंद्रावल नदी (Hamirpur Chandrawal River) के गहरे पानी में जाकर फंस गई. हालांकि आशा ने दूसरी एम्बुलेंस को बुलाकर गर्भवती को सदर अस्पताल पहुंचाया. जहां पर उसकी हालत सही बताई जा रही है.
बिना पुल के नदी पार करते हैं ग्रामीण
चंद्रावल नदी किनारे बसे किसवाही, परेहटा, गढ़ा, बैजेमऊ सहित लगभग आधा दर्जन गांव आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस गांव की सबसे बड़ी समस्या नदी में पुल न होना है. आपातकालीन स्थिति में इस गांव में आना-जाना मुश्किल भरा है। आज भी लोगों को नदी के पानी को मंछाकर गांव पहुंचना होता है. इसका उदाहरण रविवार की रात देखने को मिला.
रात तीन बजे बुलाई गई एम्बुलेंस नदी में फंसी
किसवाही ग्राम निवासी रामकरन कुशवाहा की पत्नी दुर्गेश कुशवाहा को प्रसव पीड़ा होने पर गांव की आशा बहू लीला पाल ने एम्बुलेंस को रात करीब तीन बजे फोन करके बुलाया. गर्भवती को एम्बुलेंस में बैठाकर रात करीब चार बजे पंधरी के मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण केंद्र लेकर जा रहे थे. लेकिन घने कोहरे के कारण चालक को रास्ता नहीं दिखाई दिया. इसके चलते एम्बुलेंस चंद्रावल नदी में चली गई और गहरे पानी में फंस गई.
दूसरी एम्बलेंस बुलाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया
एम्बुलेंस पानी में जाने (Ambulance Stuck in Hamirpur Chandrawal River) के बाद आशा लीला पाल ने फोन करके दूसरी एम्बुलेंस को बुलाया. जिसके बाद प्रसूता को दूसरी एम्बुलेंस की मदद से पंधरी के स्वास्थ्य केंद्र में सुबह पांच बजे भर्ती कराया गया. पति रामकरन ने बताया कि यहां की एएनएम श्यामा देवी ने शाम करीब चार बजे रेफर कर दिया था. जिस पर उसे एम्बुलेंस की मदद से मौदहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भर्ती कराया है. अभी प्रसव नहीं हुआ है. लेकिन पत्नी की हालत ठीक है.
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