हमीरपुर. जिले के सरीला क्षेत्र में लकड़ी माफिया द्वारा जंगल में पेड़ों का कटाने धड़ल्ले से किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिन पर जंगल को बचाने की जिम्मेदारी है, उनकी मिलीभगत से ही पेड़ काटे जा रहे हैं. वहीं, वन विभाग के आला अफसर हमेशा की तरह जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
जलालपुर रेंज के हरसुंडी और भेड़ी जलालपुर के जंगल में माफिया और वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से रोजाना सैकड़ों पेड़ों को काटा जा रहा है. इसके बाद इसे ट्रैकर में भरकर लकड़ियों झाड़ियों को मोरम खदान में रास्ता बनाने में प्रयोग किया जाता है. साथ ही कुछ लकड़ियां भरुआ सुमेरपुर में स्थित भट्टी में ले जाया जाता है.
स्थानीय निवासी सत्यम का कहना है कि हरसुंडी गांव के जंगल मे दिन-रात कटाई की जा रही है. लकड़ियों और झांखर तीन से चार ट्रैक्टर से ढोया जा रहा है. यह ट्रैक्टर स्थानीय लोगों के बताए जा रहे हैं.
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किसान अरुण का कहना है कि जंगल से लकड़ी की तस्करी का ये खेल काफी लंबे समय से चल रहा है. लकड़ी माफिया रोजाना लाखों के वारे न्यारे करते हैं. ऐसा नहीं है कि वन विभाग के अधिकारी लकड़ी तस्करी से अंजान हैं. वन कर्मचारियों की मिलीभगत से ही जंगल में पेड़ों का कटान हो रहा है.
इलाके के लोग इसके खिलाफ आवाज भी उठाते हैं लेकिन वन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. इससे जंगल में पेड़ों का कटान लगातार जारी है. डीएफओ उमेश चंद्र राय का कहना है कि जंगल मे लकड़ी नहीं काटने दी जाएगी. अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी.
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