गोरखपुर: जिले में लॉकडाउन का कहर देखने को मिल रहा है. खोराबार ब्लॉक के रामपुर डाड़ी के रहने वाले घर के एकलौते बेटे की हैदराबाद में इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई. मौत की खबर सुनकर परिवारवालों का बुरा हाल है.
गोरखपुर जिले के मोतीराम-झंगहा मार्ग पर स्थित रामपुर डाड़ी में रामसजन निषाद का परिवार रहता है. रामसजन निषाद के घर की हालत ठीक नहीं थी. इसलिए गांव में ही कुछ महीनों पहले अपनी पत्नी सुनीता देवी व बच्चों को छोड़कर बेंगलुरु रोजी-रोटी की तलाश में गए थे. रामसजन निषाद वहां से मजदूरी करके रामपुर डाड़ी स्थित परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. पिता को अकेला कमाते देख कर रामसजन के नाबालिग बेटे राहुल ने भी मदद करने की सोची और हैदराबाद आ गया.
बेंगलुरु से पैदल हैदराबाद आए राहुल के पिता
इसी बीच कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. सजन निषाद बेंगलुरु व उनका बेटा राहुल हैदराबाद में लॉकडाउन के दौरान फंस गए. इसी बीच अचानक राहुल की हैदराबाद में तबीयत खराब हो गई. राहुल ने अपने माता-पिता को जानकारी दी. बेटे की तबीयत खराब होने की सूचना पर रामसजन बेंगलुरु से लॉकडाउन के दौरान पैदल ही हैदराबाद पहुंच गए. सोमवार देर रात इलाज के दौरान राहुल ने दम तोड़ दिया.
मां सरकार से बेटे को लाने की लगा रही थी गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन ने रामसजन के बुढ़ापे की लाठी छीन ली है. रामसजन की पत्नी का बुरा हाल है. ग्रामीणों ने बताया कि उनकी पत्नी अपने पुत्र को पिछले सप्ताह से लगातार गांव बुलाने की सरकार से गुहार लगा रही थी.