गोरखपुर: जिले में रेलवे से सेवानिवृत्त अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी संतोष यादव सन्नी ने कहा कि कुश्ती और पहलवानों ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है. ऐसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवानों को सम्मानित कर गर्व की अनुभूति हो रही है.
इन पहलवानों को मिला सम्मान
उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ भारतीय पद्धति एवं गोरखपुर मिट्टी कुश्ती एसोसिएशन गोरखपुर ने सेवानिवृत्त राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती पहलवानों को शाहपुर स्थित एक मैरिज हॉल में सम्मानित किया. कार्यक्रम में एमएलसी संतोष यादव ने सेवानिवृत्त हुए सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को माल्यार्पण कर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. कुश्ती में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले पहलवान महाबली रामाश्रय यादव, पहलवान रामनिवास यादव, पहलवान श्यामदेव यादव और पहलवान शत्रुघ्न राय को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में अतिथियों ने कुश्ती के प्रति युवाओं को जागरूक होने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि कुश्ती मिट्टी से जुड़ा खेल है. आज सैकड़ों पहलवान कुश्ती के माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थानों मैं नौकरी पा चुके हैं. इसके साथ ही वे देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
पहलवानों ने किया नाम रोशन
एमएलसी संतोष कुमार यादव सन्नी ने बताया कि सरकारी नौकरी के दौरान अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने के साथ ही इन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के पहलवानों ने गोरखपुर का नाम देश और विदेश में चमकाया है. कार्यक्रम में हम उनको सम्मानित करने के साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आए हैं. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा केवल देश में विघटन का कार्य कर रही है.
मिट्टी कुश्ती को मिलेगा बढ़ावा
आयोजक और गोरखपुर मिट्टी कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट महेंद्र कुमार यादव ने बताया कि देश की परंपरा रही मिट्टी कुश्ती. अब इस आधुनिकता के दौर में यह विलुप्त होती जा रही है. ऐसे में मिट्टी की कुश्ती खेल कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर गोरखपुर और पूर्वांचल का नाम रोशन करने वाले पहलवानों का सम्मान पहली बार किया जा रहा है. इस कार्यक्रम से आने वाली पीढ़ी को सीख मिलेगी और अपनी परंपरा के अनुसार मिट्टी कुश्ती को बढ़ावा मिलेगा.
सेवानिवृत्त अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को मिला सम्मान, इनके लिए कुश्ती ही है जहान - गोरखपुर हिंदी की खबरें
गोरखपुर में रेलवे से सेवानिवृत्त होने वाले अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी संतोष यादव सन्नी थे. उन्होंने कहा कि कुश्ती और पहलवानों ने देश का नाम रोशन किया है.
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गोरखपुर: जिले में रेलवे से सेवानिवृत्त अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी संतोष यादव सन्नी ने कहा कि कुश्ती और पहलवानों ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है. ऐसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवानों को सम्मानित कर गर्व की अनुभूति हो रही है.
इन पहलवानों को मिला सम्मान
उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ भारतीय पद्धति एवं गोरखपुर मिट्टी कुश्ती एसोसिएशन गोरखपुर ने सेवानिवृत्त राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती पहलवानों को शाहपुर स्थित एक मैरिज हॉल में सम्मानित किया. कार्यक्रम में एमएलसी संतोष यादव ने सेवानिवृत्त हुए सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को माल्यार्पण कर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. कुश्ती में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले पहलवान महाबली रामाश्रय यादव, पहलवान रामनिवास यादव, पहलवान श्यामदेव यादव और पहलवान शत्रुघ्न राय को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में अतिथियों ने कुश्ती के प्रति युवाओं को जागरूक होने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि कुश्ती मिट्टी से जुड़ा खेल है. आज सैकड़ों पहलवान कुश्ती के माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थानों मैं नौकरी पा चुके हैं. इसके साथ ही वे देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
पहलवानों ने किया नाम रोशन
एमएलसी संतोष कुमार यादव सन्नी ने बताया कि सरकारी नौकरी के दौरान अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने के साथ ही इन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के पहलवानों ने गोरखपुर का नाम देश और विदेश में चमकाया है. कार्यक्रम में हम उनको सम्मानित करने के साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आए हैं. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा केवल देश में विघटन का कार्य कर रही है.
मिट्टी कुश्ती को मिलेगा बढ़ावा
आयोजक और गोरखपुर मिट्टी कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट महेंद्र कुमार यादव ने बताया कि देश की परंपरा रही मिट्टी कुश्ती. अब इस आधुनिकता के दौर में यह विलुप्त होती जा रही है. ऐसे में मिट्टी की कुश्ती खेल कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर गोरखपुर और पूर्वांचल का नाम रोशन करने वाले पहलवानों का सम्मान पहली बार किया जा रहा है. इस कार्यक्रम से आने वाली पीढ़ी को सीख मिलेगी और अपनी परंपरा के अनुसार मिट्टी कुश्ती को बढ़ावा मिलेगा.