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गोरखपुर में महिला सुरक्षा का दावा हुआ तार-तार, 17 माह में उत्पीड़न के 900 केस दर्ज - women helpline in gorakhpur

गोरखपुर में महिलाओं का जमकर उत्पीड़न हो रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म का भी मामला सामने आया है. देखिए पिछले 17 महीने की रिपोर्ट...

गोरखपुर:
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Published : May 30, 2023, 10:38 PM IST

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन गोरखपुर में महिलाओं पर हो रहे हमले और हत्या की घटनाओं ने लोगों को विचलित कर दिया है. आंकड़ों पर नजर डालें तो महिलाओं की सुरक्षा के दावों की हवा निकलती दिखाई दे रही है. यहां अपराधी बेखौफ होकर महिलाओं को अपना निशाना बनाते हैं. यहां लूटपाट, छेड़छाड़ और अवैध संबंधों में महिलाओं की हत्या कर दी जा रही है. शहर में महिलाओं पर लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है.

17 माह में 900 घटनाएं: गोरखपुर शहर में जनवरी 2022 से लेकर मई 2023 तक हत्या के प्रयास की शिकार एवं अन्य उत्पीड़न के कुल 900 घटनाएं घट चुकी हैं. जो कहीं न कहीं महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है. ताजा घटनाक्रम रविवार का है. यहां चौरी चौरा थाना क्षेत्र के एक घर में दो महिलाओं के ऊपर हथौड़े से प्रहार कर अज्ञात हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी. जिसके पर्दाफाश के लिए गोरखपुर की पुलिस जुटी है. यह घटनाएं बताती हैं कि किस कदर बेखौफ होकर बदमाश आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के साथ हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

महिलाओं के साथ दुष्कर्म:- गोरखपुर शहर में जनवरी 2022 से मई 2023 तक कुल 18 महिलाओं की हत्या, 44 महिलाओं के साथ दुष्कर्म, शीलभंग की 178 घटनाएं पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हुई हैं. वहीं, छेड़खानी के पांच, दहेज हत्या की 45, अपहरण की 161 और महिला उत्पीड़न के 676 मामले पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं. यह आंकड़े सामान्य नहीं है. इससे पुलिस के माथे पर बल आता है. लेकिन अपराधियों का खौफ कम नहीं होना चिंता का विषय है. इसके साथ ही कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां हत्याकर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई. इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा सकता है कि बुरी नजर रखने वालों को सबक सिखाने के लिए कोई पहल प्रभावी नहीं है.

दो महिलाओं के हत्यारोपियों का नहीं लगा सुराग: उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क और कॉलेज के गेटों पर शोहदों पर शिकंजा कसने के लिए महिला हेल्पलाइन और एंटी रोमियो टीमों का गठन किया है. लेकिन यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नाममात्र का रह गया है. इसके साथ ही सरकार ने थानों में पिंक बूथ भी लगवाए हैं. लेकिन इससे अपराधियों का दुस्साहस रुक नहीं रहा है. गोरखपुर के चौरी चौरा में 2 महिलाओं की हत्या के बाद जिले के पुलिस कप्तान डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने मौके का निरीक्षण किया. उन्होंने परिवार और पड़ोसियों से जानकारी लेकर हमलावरों की तलाश में पुलिस की टीमों का गठन किया है. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. एसपी ने कहा कि महिला अपराध पर अंकुश लगाने का हर प्रयास किया जा रहा है.


सामूहिक दुष्कर्म के मामले: वर्ष 2023 में जिले के अलग-अलग थानों में सामूहिक दुष्कर्म और दुष्कर्म के 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही कई मुकदमों की विवेचना की जा रही है. लेकिन खुलेआम महिलाओं की हत्या और हत्या के प्रयास की घटनाओं पर पुलिस की नाकामी उजागर होती है.

ऑटो चालक ने किया दुष्कर्म: हाल के दिनों की घटनाओं की चर्चा करें तो 4 मार्च 2023 को संत कबीर नगर की एक युवती को घर छोड़ने का झांसा देकर ऑटो चालक दुष्कर्म कर फरार हो गया. इसी प्रकार 24 अप्रैल 2023 को रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में बदमाश ने महिला से दुष्कर्म कर उसका सामान लूट कर फरार हो गया. 24 अप्रैल 2023 को ही उरुवा थाना क्षेत्र में महिला को बंधक बनाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया.

किशोरी से दुष्कर्म की घटनाएंः इसी तरह 27 अप्रैल को बक्सर की रहने वाली किशोरी को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसी प्रकार वर्ष 2022 में भी 27 जून 2022 को खोराबार थाना क्षेत्र में कक्षा 9 की एक छात्रा को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया. 30 जून 2022 को हरियाणा की रहने वाली किशोरी के साथ बड़हलगंज के युवक ने दुष्कर्म किया. 7 सितंबर 2022 को रेलवे स्टेशन पर महाराजगंज की रहने वाली युवती को अगवा कर चार युवकों ने दुष्कर्म किया. इसी प्रकार 19 सितंबर 2022 को गुलरिहा थाना क्षेत्र में महिला को बंधक बनाकर लूटपाट किया गया. सरकार कितने भी दावे कर ले लेकिन यह घटनाएं बताती है कि गोरखपुर की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- नाबालिग बहनों को फुसलाकर ले जा रहे विशेष समुदाय के दो युवकों को ग्रामीणों ने पकड़ा, पुलिस को सौंपा

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन गोरखपुर में महिलाओं पर हो रहे हमले और हत्या की घटनाओं ने लोगों को विचलित कर दिया है. आंकड़ों पर नजर डालें तो महिलाओं की सुरक्षा के दावों की हवा निकलती दिखाई दे रही है. यहां अपराधी बेखौफ होकर महिलाओं को अपना निशाना बनाते हैं. यहां लूटपाट, छेड़छाड़ और अवैध संबंधों में महिलाओं की हत्या कर दी जा रही है. शहर में महिलाओं पर लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है.

17 माह में 900 घटनाएं: गोरखपुर शहर में जनवरी 2022 से लेकर मई 2023 तक हत्या के प्रयास की शिकार एवं अन्य उत्पीड़न के कुल 900 घटनाएं घट चुकी हैं. जो कहीं न कहीं महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है. ताजा घटनाक्रम रविवार का है. यहां चौरी चौरा थाना क्षेत्र के एक घर में दो महिलाओं के ऊपर हथौड़े से प्रहार कर अज्ञात हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी. जिसके पर्दाफाश के लिए गोरखपुर की पुलिस जुटी है. यह घटनाएं बताती हैं कि किस कदर बेखौफ होकर बदमाश आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के साथ हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

महिलाओं के साथ दुष्कर्म:- गोरखपुर शहर में जनवरी 2022 से मई 2023 तक कुल 18 महिलाओं की हत्या, 44 महिलाओं के साथ दुष्कर्म, शीलभंग की 178 घटनाएं पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हुई हैं. वहीं, छेड़खानी के पांच, दहेज हत्या की 45, अपहरण की 161 और महिला उत्पीड़न के 676 मामले पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं. यह आंकड़े सामान्य नहीं है. इससे पुलिस के माथे पर बल आता है. लेकिन अपराधियों का खौफ कम नहीं होना चिंता का विषय है. इसके साथ ही कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां हत्याकर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई. इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा सकता है कि बुरी नजर रखने वालों को सबक सिखाने के लिए कोई पहल प्रभावी नहीं है.

दो महिलाओं के हत्यारोपियों का नहीं लगा सुराग: उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क और कॉलेज के गेटों पर शोहदों पर शिकंजा कसने के लिए महिला हेल्पलाइन और एंटी रोमियो टीमों का गठन किया है. लेकिन यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नाममात्र का रह गया है. इसके साथ ही सरकार ने थानों में पिंक बूथ भी लगवाए हैं. लेकिन इससे अपराधियों का दुस्साहस रुक नहीं रहा है. गोरखपुर के चौरी चौरा में 2 महिलाओं की हत्या के बाद जिले के पुलिस कप्तान डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने मौके का निरीक्षण किया. उन्होंने परिवार और पड़ोसियों से जानकारी लेकर हमलावरों की तलाश में पुलिस की टीमों का गठन किया है. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. एसपी ने कहा कि महिला अपराध पर अंकुश लगाने का हर प्रयास किया जा रहा है.


सामूहिक दुष्कर्म के मामले: वर्ष 2023 में जिले के अलग-अलग थानों में सामूहिक दुष्कर्म और दुष्कर्म के 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही कई मुकदमों की विवेचना की जा रही है. लेकिन खुलेआम महिलाओं की हत्या और हत्या के प्रयास की घटनाओं पर पुलिस की नाकामी उजागर होती है.

ऑटो चालक ने किया दुष्कर्म: हाल के दिनों की घटनाओं की चर्चा करें तो 4 मार्च 2023 को संत कबीर नगर की एक युवती को घर छोड़ने का झांसा देकर ऑटो चालक दुष्कर्म कर फरार हो गया. इसी प्रकार 24 अप्रैल 2023 को रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में बदमाश ने महिला से दुष्कर्म कर उसका सामान लूट कर फरार हो गया. 24 अप्रैल 2023 को ही उरुवा थाना क्षेत्र में महिला को बंधक बनाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया.

किशोरी से दुष्कर्म की घटनाएंः इसी तरह 27 अप्रैल को बक्सर की रहने वाली किशोरी को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसी प्रकार वर्ष 2022 में भी 27 जून 2022 को खोराबार थाना क्षेत्र में कक्षा 9 की एक छात्रा को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया. 30 जून 2022 को हरियाणा की रहने वाली किशोरी के साथ बड़हलगंज के युवक ने दुष्कर्म किया. 7 सितंबर 2022 को रेलवे स्टेशन पर महाराजगंज की रहने वाली युवती को अगवा कर चार युवकों ने दुष्कर्म किया. इसी प्रकार 19 सितंबर 2022 को गुलरिहा थाना क्षेत्र में महिला को बंधक बनाकर लूटपाट किया गया. सरकार कितने भी दावे कर ले लेकिन यह घटनाएं बताती है कि गोरखपुर की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

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