गोरखपुर: महाशिवरात्रि के मौके पर जिले में एक अनोखी घटना हुई. गीडा थाना क्षेत्र के हरैया गांव में एक महिला अपने पड़ोस के ही शिव मंदिर पर पूजन-अर्चन के लिए गई, जहां शिवलिंग पर मत्था टेकते ही उनके प्राण निकल गए. यह महिला गांव के शिव मंदिर पर प्रतिदिन की भांति सुबह में 4 बजे जल चढ़ाने के लिए पहुंची. जैसे ही उन्होंने शिवलिंग को पकड़कर मत्था टेका, अचेत हो गई. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर अस्पताल गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि महिला के प्राण मंदिर में ही निकल गए थे, क्योंकि डॉक्टरों ने उसके मौत का जो समय बताया उस दौरान ही वह मंदिर में दर्शन कर रही थी.
मृतक महिला का नाम विभक्ति देवी है, जिनकी उम्र करीब 60 वर्ष थी. वह नौसड़ चौक के पास स्थित हैरया गांव में शिव मंदिर पर प्रतिदिन पूजन के लिए जाती थीं. उनके पति का नाम जमुना प्रसाद कसौधन है. वह अक्सर पत्नी के साथ मंदिर जाते थे. महाशिवरात्रि के दिन और घटना के वक्त भी वह पत्नी विभक्ति देवी के साथ मंदिर में थे। उनके अनुसार उनकी पत्नी ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. इसके बाद उन्होंने शिवलिंग पर हाथ रखकर मत्था टेका. मत्था टेकते ही विभक्ति देवी के प्राण-पखेरू उड़ गए. मृतका के पोते रमेश कुमार ने बताया कि "यह घटना देखकर मेरे बाबा भी घबरा गए. वह दादी को लगातार बुलाते रहे, लेकिन जब दादी ने कोई जवाब नहीं दिया तो वह दादी को हिलाए-डुलाने लगे. उन्होंने ने देखा की दादी के प्राण निकल चुके हैं. उनके शरीर को छूते ही वे एक ओर गिर गईं. मृतका के दो पुत्र और तीन पुत्री हैं. बचपन से ही पूजा-पाठ में लीन रहने वाली विभक्ति देवी की महाशिवरात्रि के मौके पर शिवलिंग पर मत्था टेकते ही मौत होने से लोग हैरत में हैं.
अचानक हुई मौत से गांव वाले हैरान
पड़ोसी नरेंद्र कुमार नंदू ने बताया कि "सुबह जब चीख पुकार की आवाज आई, तो वे लोग भागते हुए मंदिर पहुंचे. वहां देखा कि विभक्ति देवी शिवलिंग पर ही गिरी पड़ी हुई हैं. उन लोगों ने उन्हें उठाकर बाहर निकाला. इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भी ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना से गांव और आस-पास के लोग भी हैरत हैं. हालांकि, लोग इसे शुभ भी मान रहे हैं."