गोरखपुर: प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार सिस्टम की लापरवाही और जल्दबाजी से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ा. लेकिन इन सबके बीच आखिरकार लोग अपना नामांकन करने के बाद चुनावी समर में कूद पड़े हैं. बात करें गोरखपुर की तो यहां पर पहले चरण में 15 अप्रैल को मतदान होना है, जहां पर 1294 ग्राम प्रधान पदों के लिए 11731 पर्चे दाखिल हुए हैं. जिला पंचायत सदस्य के 67 पदों के लिए 1051 और ग्राम पंचायत सदस्य के कुल 16 हजार पदों के लिए 15,673 पर्चे ही दाखिल हुए हैं. क्षेत्र पंचायत सदस्य के कुल 17 सौ पदों के लिए 9,765 नामांकन हुए हैं.
प्रत्याशियों को नोड्यूज बनवाने में उठानी पड़ी दिक्कत
सिस्टम की लापरवाही और चुनावी हड़बड़ी में प्रत्याशियों को जिन चीजों के लिए परेशान होना पड़ा, उसमें सबसे बड़ी समस्या उनके सामने नोड्यूज की थी, जिसके लिए मात्र 2 दिन का समय मिला था. इस बीच में बैंकों की रही बंदी और होली के त्योहार से कागजात समय से नहीं बन सके.
नकद जमा हुई जमानत राशि
निर्वाचन कार्यालय को प्रत्याशियों की जमानत राशि नकद ही जमा करानी पड़ी. क्योंकि बैंकों में लंबी कतार से तमाम प्रत्याशी अपनी चालान पर्ची प्राप्त नहीं कर सके थे. नामांकन के समय कोरोना का डर भी लोगों में कम दिखाई दिया, जल्द से जल्द नामांकन के लिए आपाधापी के साथ खिड़कियों पर भारी भीड़ भी नजर आई, जिसे नियंत्रित करने में पुलिस और स्थानीय प्रशासन का बल भी कमजोर पड़ता गया. लेकिन जो लोग भी नामांकन करने के लिए दाखिल हुए उन लोगों ने प्रशासन की तैयारियों पर उंगली जरूर उठाई है.
पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पुत्रवधू साधना सिंह ने भी भरा पर्चा
गोरखपुर जिला पंचायत की सीट सामान्य श्रेणी की है. 20 ब्लॉक प्रमुखों की सीट में 13 सीट की आरक्षित वर्ग की श्रेणी की है. 7 सीट पर सामान्य वर्ग के लोग अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह ने भी नामांकन किया है. वह पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पुत्रवधू हैं. नामांकन में महिला दावेदारों की खूब उपस्थिति रही है. वह चुनाव प्रचार में भले ही कमान न संभाले और उसमें अगुवाई करते उनके पति नजर आएं, लेकिन नामांकन के लिए वह ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर अपनी दावेदारी करती नजर आईं.