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शातिरों ने नाम में योगी जोड़ बीजेपी नेता को ही ठग लिया, फर्जीवाड़ा करने वाले दो लोग गिरफ्तार - रंजना सिंह कानपुर ठगी

गोरखपुर पुलिस ने दो ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपना नाम बदलने के बाद सरनेम योगी जोड़ लिया और भाजपा नेता को ही ठग लिया. पुलिस ने उनके पास से फर्जी आईकार्ड भी बरामद किए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 3:33 PM IST

गोरखपुर पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है.

गोरखपुर : योगी टाइटल का सहारा लेकर शातिरों ने भाजपा नेताओं को ही ठग लिया. जालसाजी का यह मामला सीएम सिटी गोरखपुर का ही है. जालसाजों ने गोरखनाथ के पते पर ही योगी कार्पोरेशन नाम से फर्जी संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और फिर अपना नाम बदलकर सरनेम योगी लगा लिया. इसके बाद वह भाजपा और योगी समर्थकों को मैसेज भेजकर उन्हें ठगने लगे. जालसाज लोगों को पहले योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया का मैसेज भेजते थे, फिर उन्हें फोन कर संस्था का पदाधिकारी बनाने या कोई बड़ा पद देने के नाम पर फोटो, आधारकार्ड और रुपये मांगते थे. रुपये मिलने के बाद जालसाज उन्हें फर्जी पहचान पत्र बनाकर भेज देते थे. जालसाजों की इस ठगी की शिकार कानपुर में सचंडी के गढ़ी भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह भी हुईं. रंजना भाजपा में मंडल मंत्री हैं. उन्होंने गोरखपुर कैंट थाने में जालसाजी का केस दर्ज कराया. मामला दर्ज कर पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो पूरा खेल उजागर हो गया. इसके बाद पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों में एक महाराजगंज, दूसरा गाजियाबाद का

पकड़े गए जालसाजों में एक महराजगंज का तो दूसरा गाजियाबाद का है. महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र के मुजरी निवासी योगी केदार नाथ उर्फ केदार नाथ अग्रहरी और गाजियाबाद के जयन्तीपुरम थाना क्षेत्र निवासी हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ ने लोगों से ठगी की. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र, 87 फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, 83 फर्जी लेटर पैड, 8 विभिन्न व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र, दो मोबाइल फोन, 8 विभिन्न व्यक्तियों के नाम से जारी फर्जी आईडी कार्ड और भाजपा का एक फर्जी परिचय पत्र बरामद किया है. इसमें केदारनाथ ने खुद को प्रदेश महामंत्री लिखवाया है.

भाजपा नेता को ऐसे बनाया ठगी का शिकार

इस जालसाजी का खुलासा कानपुर की बीजेपी नेता रंजना के प्रयास से हुआ. उनका आरोप है कि एक लिंक के जरिए उन्हें योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया ग्रुप का मैसेज मिला था. ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने फोन कर आधार कार्ड की काॅपी, फोटो और रुपये मांगे. उनको बताया गया कि उन्हें कानपुर नगर का प्रभारी बनाया जा रहा है. रंजना ने इस बात पर भरोसा करके जालसाजों को अपने डॉक्टयूमेंट्स और रुपये भेज दिए. जिसके बाद जालसाजों ने उन्हें कानपुर नगर प्रभारी का पहचान पत्र व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें फर्जीवाड़े की जानकारी हुई. इस पर उन्होंने गोरखपुर में केस दर्ज कराया. केस दर्ज कर पुलिस जब मामले की छानबीन की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया. उन्होंने यहां कैंट थाना में केस दर्ज कराया था जो बाद में थाना गोरखनाथ पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी केदारनाथ और हर्ष ने शपथ पत्र देकर अपने नाम के आगे योगी जोड़ लिया. इसके बाद दोनों ने मिलकर अप्रैल में संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और फिर जालसाजी करने लगे. ये दोनों जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिलवाने के नाम पर भी लोगों से वसूली करते थे.

87 फर्जी परिचय पत्र बरामद किए गए

इस पूरे मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया है कि पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र समेत कई फर्जी डाक्यूमेंट्स मिले हैं. भाजपा का फर्जी परिचय पत्र भी मिला है. दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. भविष्य में आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाई के साथ ही उनकी संपत्ति का जब्तीकरण भी कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें : जैसलमेर के होटल में मृत मिला BSF जवान, छुट्टियों पर अपने घर गोरखपुर जाने से पहले हुई मौत

यह भी पढ़ें : चौथ लेकर पहुंचे थे बेटी की ससुराल, लेनदेन में बिगड़ी बात, जमकर मारपीट में कई घायल

गोरखपुर पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है.

गोरखपुर : योगी टाइटल का सहारा लेकर शातिरों ने भाजपा नेताओं को ही ठग लिया. जालसाजी का यह मामला सीएम सिटी गोरखपुर का ही है. जालसाजों ने गोरखनाथ के पते पर ही योगी कार्पोरेशन नाम से फर्जी संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और फिर अपना नाम बदलकर सरनेम योगी लगा लिया. इसके बाद वह भाजपा और योगी समर्थकों को मैसेज भेजकर उन्हें ठगने लगे. जालसाज लोगों को पहले योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया का मैसेज भेजते थे, फिर उन्हें फोन कर संस्था का पदाधिकारी बनाने या कोई बड़ा पद देने के नाम पर फोटो, आधारकार्ड और रुपये मांगते थे. रुपये मिलने के बाद जालसाज उन्हें फर्जी पहचान पत्र बनाकर भेज देते थे. जालसाजों की इस ठगी की शिकार कानपुर में सचंडी के गढ़ी भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह भी हुईं. रंजना भाजपा में मंडल मंत्री हैं. उन्होंने गोरखपुर कैंट थाने में जालसाजी का केस दर्ज कराया. मामला दर्ज कर पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो पूरा खेल उजागर हो गया. इसके बाद पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों में एक महाराजगंज, दूसरा गाजियाबाद का

पकड़े गए जालसाजों में एक महराजगंज का तो दूसरा गाजियाबाद का है. महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र के मुजरी निवासी योगी केदार नाथ उर्फ केदार नाथ अग्रहरी और गाजियाबाद के जयन्तीपुरम थाना क्षेत्र निवासी हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ ने लोगों से ठगी की. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र, 87 फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, 83 फर्जी लेटर पैड, 8 विभिन्न व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र, दो मोबाइल फोन, 8 विभिन्न व्यक्तियों के नाम से जारी फर्जी आईडी कार्ड और भाजपा का एक फर्जी परिचय पत्र बरामद किया है. इसमें केदारनाथ ने खुद को प्रदेश महामंत्री लिखवाया है.

भाजपा नेता को ऐसे बनाया ठगी का शिकार

इस जालसाजी का खुलासा कानपुर की बीजेपी नेता रंजना के प्रयास से हुआ. उनका आरोप है कि एक लिंक के जरिए उन्हें योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया ग्रुप का मैसेज मिला था. ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने फोन कर आधार कार्ड की काॅपी, फोटो और रुपये मांगे. उनको बताया गया कि उन्हें कानपुर नगर का प्रभारी बनाया जा रहा है. रंजना ने इस बात पर भरोसा करके जालसाजों को अपने डॉक्टयूमेंट्स और रुपये भेज दिए. जिसके बाद जालसाजों ने उन्हें कानपुर नगर प्रभारी का पहचान पत्र व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें फर्जीवाड़े की जानकारी हुई. इस पर उन्होंने गोरखपुर में केस दर्ज कराया. केस दर्ज कर पुलिस जब मामले की छानबीन की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया. उन्होंने यहां कैंट थाना में केस दर्ज कराया था जो बाद में थाना गोरखनाथ पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी केदारनाथ और हर्ष ने शपथ पत्र देकर अपने नाम के आगे योगी जोड़ लिया. इसके बाद दोनों ने मिलकर अप्रैल में संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और फिर जालसाजी करने लगे. ये दोनों जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिलवाने के नाम पर भी लोगों से वसूली करते थे.

87 फर्जी परिचय पत्र बरामद किए गए

इस पूरे मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया है कि पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से 87 फर्जी परिचय पत्र समेत कई फर्जी डाक्यूमेंट्स मिले हैं. भाजपा का फर्जी परिचय पत्र भी मिला है. दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. भविष्य में आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाई के साथ ही उनकी संपत्ति का जब्तीकरण भी कराया जाएगा.

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