गोरखपुर: लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को संबोधित करेंगे तो उनके बीच गोरखपुर के वनटांगिया समुदाय के एक ऐसे व्यक्ति को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है, जिन्होंने अपना अधिकांश समय जंगल के बीच और उसकी रखवाली में बिताया है. वनटांगिया बस्ती के रहने वाले इन वन प्रेमी का नाम राम गणेश है.
बता दें कि राम गणेश मानव जीवन की जरूरी आवश्यकताओं और अपने हक व अधिकार की लड़ाई लड़ने में सदैव आगे रहे हैं. यही वजह है कि राम गणेश को इस राष्ट्रीय समारोह में बतौर विशेष अतिथि अपने वनटांगिया समुदाय की नुमाइंदगी करने का अवसर मिला है. लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को आयोजित होने वाले समारोह में पूरे उत्तर प्रदेश से कुल 10 लोगों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है, जिसमें राम गणेश भी शामिल हैं. शुक्रवार को चौरी-चौरा तहसीलदार राम गणेश को अपने साथ लेकर दिल्ली रवाना होंगे.
सीएम योगी ने दिलाई वनटांगियों को पहचान
100 सालों तक उपेक्षित रहे वनटांगिया को भारतीय गणतंत्र के नागरिक के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहचान दिलाई. ब्रिटिश हुकूमत में 1918 के आसपास साखू के जंगलों को लगाने वाले यह लोग आजाद भारत में राजस्व अभिलेखों में दर्ज ही नहीं थे, लेकिन जब वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम घोषित कर, ग्राम वासियों को जरूरी अधिकार दिलाया. उन्हें समाज और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा. यहां तक की वर्ष 2021 में यहां आजादी के बाद पंचायत में पहली बार वोट डाला गया और लोग अपना पंचायत प्रतिनिधि भी चुने.
जंगल में बसी वनटांगिया बस्तियों में शहर जैसी सुविधाओं की सौगात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी. इसे सड़क से जोड़ा और बिजली, पानी की व्यवस्था भी यहां ठीक कराने के साथ प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी सेंटर भी स्थापित किया. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे तो वह इस समुदाय के बीच बराबर आते रहते थे. इनके जीवन स्तर को उठाने का उन्होंने तमाम प्रयास किया था. एक विद्यापीठ स्कूल की स्थापना कर यहां के लोगों को साक्षर बनाने का भी प्रयास उन्होंने किया था. इस गांव में सीएम योगी की पहचान बाबा जी और महाराज जी के रूप में है तो यहां के बच्चों के लिए वह टॉफी वाले बाबा भी कहे जाते हैं.
वनटांगिया निवासी राम गणेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अभियानों के साथ ही रहे. वनटांगियों का जीवन स्तर सुधारने, उन्हें सुविधाएं मिलने को लेकर राम गणेश जिस आतुरता और प्रयास में दिखाई देते थे, उसी की वजह से वह सीएम योगी के अत्यंत प्रिय बन गए. चाहे सांसद योगी आदित्यनाथ का मिशन हो या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन, उसे आगे बढ़ाने में राम गणेश दिन-रात एक किए रहते थे. यही वजह है कि जब इन्हें शासकीय, राजकीय व्यवस्था में पूरी तरह से शामिल होने का अवसर मिला तो इस समाज की नुमाइंदगी और रीत-नीति को साझा करने के लिए विशेष अतिथि के रूप में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राम गणेश को शामिल होने का मौका मिला है.
लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित होने की सूचना मिलते ही वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर-3 के राम गणेश की खुशी का ठिकाना नहीं है. इसके लिए वह बार-बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रणाम करते हैं, आभार जताते हैं. ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके समाज पर बाबा जी यानी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर नहीं पड़ती तो वह लोग जंगलों में ही मरते और यहीं खप के रह जाते. उन्होंने तो हम लोगों को जंगली से इंसान बना दिया.
वनटांगिया निवासी राम गणेश का कहना है कि 100 साल तक बीच जंगल में उपस्थित रहे वनटांगिया निवासियों को समाज और विकास की मुख्यधारा में लाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही है. उन्होंने कहा कि आज लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जो उन्हें विशेष अतिथि की दीर्घा में बैठने और शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है, उसके पीछे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही आशीर्वाद है.