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गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व विश्वविद्यालय की स्थापना को यूपी कैबिनेट ने दी मंजूरी - cm yogi adityanath

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है. शासन ने चिकित्सा और शिक्षा सहित विभिन्न लोक कल्याणकारी सेवा प्रकल्पों के लिए शासन की पूर्वानुमति के बिना खरीदी गई 49.4014 हेक्टेयर भूमि को विनियमित करने पर मुहर लगा दी है.

गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की स्थापना के लिए योगी सरकार की मंजूरी
गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की स्थापना के लिए योगी सरकार की मंजूरी
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Published : Mar 18, 2021, 9:59 AM IST

गोरखपुर: स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का बड़ा केंद्र बन चुका है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना से पूर्वांचल के लोगों बड़ी राहत दी गई है. वहीं अब प्रदेश की योगी सरकार ने गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, महायोगी श्री गोरखनाथ विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा संस्थान को भी मंजूरी प्रदान कर दी है. इन संस्थानों का निर्माण काफी पहले से चल रहा था, जिसके लिए खरीदी गई करीब 49.4014 हेक्टेयर भूमि को विनियमित करने पर अब सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है.

गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की स्थापना के लिए योगी सरकार की मंजूरी

5 सदस्यीय समिति के सुझाव पर फैसला
कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बहुत जल्द पूर्वांचल के युवाओं को उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा के लिए एक और विकल्प मिल जाएगा. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में शासन की ओर से गठित 5 सदस्यीय समिति ने निर्माणाधीन श्री गोरखनाथ चिकित्सालय का बीते दिनों निरीक्षण किया था. प्रस्तावित विश्वविद्यालय के साथ मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए इसे शासन के मानक स्तर पर खरा पाया था.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर विश्वविद्यालय में कामधेनु चेयर बनाने की शुरुआत, गो-उत्पादों का मिलेगा प्रशिक्षण

ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए डीडीयू के कुलपति ने कहा कि गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में तमाम अच्छे और बड़े संस्थानों से बेहतर तकनीकी सुविधाएं स्थापना की जा रही हैं. उनकी कमेटी ने विश्वविद्यालय और मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाए जाने के लिए अपनी मुहर लगाई है. कुलपति के साथ कमेटी में शामिल लोगों ने विश्वविद्यालय के लिए भूमि की उपलब्धता, भवनों के साथ संरचनात्मक सुविधा, शिक्षा और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की स्थिति, विकास संबंधी लक्ष्यों और नियोजन संबंधी आवश्यकताओं के साथ प्रस्तावित पाठ्यक्रम पर अपनी निरीक्षण रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. इस परिसर में पहले से ही गुरु श्री गोरखनाथ नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है. बुद्धिजीवी वर्ग ने इसकी सराहना करते हुए पूर्वांचल के लिए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है.

इसे भी पढ़ें-'नाथपंथ के वैश्विक प्रदेय' विषय पर आयोजित होगी संगोष्ठी, CM योगी करेंगे उद्घाटन


समिति के सदस्य जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना पर लगाई मोहर
जिन 5 सदस्यीय समिति ने इस पर मुहर लगाई है, उसमें विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्रवण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी और कुलसचिव समिति के सचिव शामिल रहे. कुलपति ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आधुनिक मेडिसिन के साथ आयुष की पढ़ाई पर भी पूरा जोर देने वाले हैं.

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में संचालित होंगे यह पाठ्यक्रम
महायोगी गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बी फार्मा, डी फार्मा, बीएससी, एलटी, बीएससी एजी के अलावा B.Ed और बीपीएड जैसे पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे.

गोरखपुर: स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का बड़ा केंद्र बन चुका है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना से पूर्वांचल के लोगों बड़ी राहत दी गई है. वहीं अब प्रदेश की योगी सरकार ने गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, महायोगी श्री गोरखनाथ विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा संस्थान को भी मंजूरी प्रदान कर दी है. इन संस्थानों का निर्माण काफी पहले से चल रहा था, जिसके लिए खरीदी गई करीब 49.4014 हेक्टेयर भूमि को विनियमित करने पर अब सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है.

गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की स्थापना के लिए योगी सरकार की मंजूरी

5 सदस्यीय समिति के सुझाव पर फैसला
कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बहुत जल्द पूर्वांचल के युवाओं को उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा के लिए एक और विकल्प मिल जाएगा. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में शासन की ओर से गठित 5 सदस्यीय समिति ने निर्माणाधीन श्री गोरखनाथ चिकित्सालय का बीते दिनों निरीक्षण किया था. प्रस्तावित विश्वविद्यालय के साथ मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए इसे शासन के मानक स्तर पर खरा पाया था.

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ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए डीडीयू के कुलपति ने कहा कि गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में तमाम अच्छे और बड़े संस्थानों से बेहतर तकनीकी सुविधाएं स्थापना की जा रही हैं. उनकी कमेटी ने विश्वविद्यालय और मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाए जाने के लिए अपनी मुहर लगाई है. कुलपति के साथ कमेटी में शामिल लोगों ने विश्वविद्यालय के लिए भूमि की उपलब्धता, भवनों के साथ संरचनात्मक सुविधा, शिक्षा और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की स्थिति, विकास संबंधी लक्ष्यों और नियोजन संबंधी आवश्यकताओं के साथ प्रस्तावित पाठ्यक्रम पर अपनी निरीक्षण रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. इस परिसर में पहले से ही गुरु श्री गोरखनाथ नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है. बुद्धिजीवी वर्ग ने इसकी सराहना करते हुए पूर्वांचल के लिए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है.

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समिति के सदस्य जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना पर लगाई मोहर
जिन 5 सदस्यीय समिति ने इस पर मुहर लगाई है, उसमें विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्रवण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी और कुलसचिव समिति के सचिव शामिल रहे. कुलपति ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आधुनिक मेडिसिन के साथ आयुष की पढ़ाई पर भी पूरा जोर देने वाले हैं.

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में संचालित होंगे यह पाठ्यक्रम
महायोगी गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बी फार्मा, डी फार्मा, बीएससी, एलटी, बीएससी एजी के अलावा B.Ed और बीपीएड जैसे पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे.

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