गोरखपुरः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चुनाव 2022 में अभी वक्त है, इसके पहले ही पार्टी 'यूपी मिशन 2022' को धार देने में जुट गई है. इसके तहत प्रदेश इकाई के कई मोर्चे से लेकर मीडिया प्रभारी तक की जिम्मेदारी में फेरबदल किया गया है. बीजेपी ने किसान मोर्चे की जिम्मेदारी कामेश्वर सिंह को सौंपी है. कामेश्वर सिंह पर किसानों को मनाने, उन्हें साधने और भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से जोड़ने की जिम्मेदारी होगी.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान बिलों के खिलाफ कई किसान संगठन बीते छह महीने से किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहा है. दिल्ली से सटे प्रदेश की सीमा पर इसको लेकर गहमा गहमी जारी है. इन सब के बीच कामेश्वर सिंह के लिए किसानों को बीजेपी जोड़ने की चुनौती होगी. किसान मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद ईटीवी भारत ने कामेश्वर सिंह से बात की...
ईटीवी से बातचीत के दौरान कामेश्वर सिंह ने क्या कहा इसके पहले हम आपको कामेश्वर सिंह के बारे में बता दें कि वे भारतीय जनता पार्टी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं. गोरखपुर के रहने वाले कामेश्वर सिंह विद्यार्थी जीवन में बीजेपी के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किये हैं. केशव मौर्या और डॉ. महेंद्र पाण्डेय की टीम में वह प्रदेश मंत्री भी रह चुके हैं.
हर गांव में बनेगी किसानों की 11 सदस्यों की टीम
ईटीवी से बात करते हुए कामेश्वर सिंह ने अपनी रणनीति पर खुल कर बात की. उन्होंने कहा कि किसानों को भाजपा की नीतियों से जोड़ने, मोदी- योगी सरकार में किसानहित में उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए, गांव-गांव में 11 सदस्यों की एक किसान एक टीम खड़ी की जाएगी. जिससे किसान आंदोलन के नाम पर भ्रमित हो रहे किसानों को सही बात बताई जा सके. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद मोदी और योगी सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक कार्य किया है. जिसके बल पर आने वाले 2022 के चुनाव में हरगांव का 50% किसान बीजेपी के पक्ष में मतदान करे इस रणनीति पर उनकी टीम काम करेगी.
देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर किसानों की आय हो जाएगी दोगुनी
कामेश्वर सिंह ने कहा कि देश जब आजादी की 75 वीं वर्षगांठ वर्ष 2022 में मनाएगा तब तक किसानों की आय दुगनी हो जाएगी. ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के लिए ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिससे उनकी आय में तेजी से वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा कि कुछ विरोधी दलों के लोग योजनाओं को लेकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं. लेकिन उनके द्वारा गठित की जाने वाली कमेटी, व्यापक जन जागरण अभियान चलाकर 3 महीने के भीतर प्रदेश के अंदर किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देगी. उनसे संवाद भी करेगी.
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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसानों का 36 हजार करोड़ ऋण माफ हुआ. 86 लाख किसानों को इससे लाभ हुआ. यही नहीं इन चार वर्षों में 66 हजार करोड़ रुपये से किसानों से खाद्यान्न खरीदा गया है जो आजादी के बाद से एक रिकॉर्ड है. इसी प्रकार किसान सम्मान निधि, किसान दुर्घटना बीमा के साथ कई ऐसी योजनाएं हैं जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है.
विदेशी फंडिंग से चल रहा किसान आंदोलन
कामेश्वर सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से पार्टी ने उनको जो जिम्मेदारी दी है वह बहुत ही महत्वपूर्ण है. अन्नदाता किसान देश और समाज की रीढ़ है. उसे सहूलियत प्रदान करना, उसके जरूरतों और दुखों का निदान करना यह सरकारों का कर्तव्य है. उनका मानना है कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों को लेकर जो भी वादे किए थे, उन सभी वादों को पूरा किया है. विरोधी दलों के नेता और कुछ तथाकथित किसान नेता सरकार की उपलब्धियों और नीतियों को किसान विरोधी बताकर उन्हें भड़काने में लगे हुए हैं. देश का किसान भी समझदार है, वह जानता है कि किसान आंदोलन एक सोची समझी राजनीति है. कुछ लोग इसे विदेशी फंड के आधार पर चला रहे हैं और अपनी राजनीति चमका रहे हैं.
किसान आंदोलन को किसानों ने नकारा
उन्होंने किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत का नाम लेते हुए कहा कि जनता उन्हें 2 लोकसभा चुनाव में नकार चुकी है. किसानों ने भी उन्हें नकार दिया है. उनके आंदोलन में एक खास क्षेत्र विशेष के किसान हिस्सा ले रहे हैं जो सभी किसानों के विचारों का प्रदर्शन नहीं हो सकता. किसानों ने टिकैत के किसान आंदोलन को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि आने वाले 3 महीने में प्रदेश के सभी जिलों और महानगरों में किसान मोर्चा की कमेटी गठित करके रणनीति के साथ उनका संगठन आगे बढ़ेगा जिससे पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है वह सफल हो सके.