गोरखपुरः महिलाओं को अब कृषि उत्पादों के साथ भी जोड़कर, उन्हे आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की पहल हो चुकी है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा. गोरखपुर में इसकी शुरुआत 4 ब्लॉक में हो चुकी है. इसमें महिलाओं को कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग से लेकर मार्केटिंग तक का हुनर सिखाया जा रहा. वह किसानों द्वारा तैयार कृषि उत्पादों को अपने घर या समूह में लाकर ग्रेडिंग करेंगी. बता दें कि जिले में काम करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इससे जोड़ा जाएगा.
कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ, महिलाओं को इससे जोड़कर आगे बढ़ाने की योजना है. महिलाएं किसानों से उत्पाद लेंगी और गुणवत्ता के आधार पर उसकी ग्रेडिंग करेंगी. स्थानीय बाजार में जहां कुछ उत्पादों की कीमत कम मिलती है. वहीं, ग्रेडिंग के बाद बाजार उपलब्ध कराने की होड़ में इन उत्पादों का मूल्य भी बढ़ेगा.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक नितेश जायसवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि कृषि से जुड़े हुए विभिन्न उत्पादों के साथ महिलाओं को न सिर्फ जोड़ा जा रहा है, बल्कि उन्हें इसका प्रशिक्षण देने और कार्य के लिए आवश्यक धन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि अन्य कार्यों में भी मिशन महिलाओं को धन उपलब्ध कराता है, ताकि वह समृद्ध हो सकें. लेकिन, कृषि के क्षेत्र का यह अनूठा प्रयोग महिलाओं को निरंतरता देने वाला है.
इसमें बराबर कार्य के अवसर उपलब्ध हैं. फल, सब्जी के बाजार के अवसर इन्हें कार्य में जोड़े रखेंगे. कुछ उत्पादों की पैकिंग का भी इन्हें अनुभव प्राप्त होगा, जो स्थानीय मार्केट में अलग से खड़ा होने के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए की धनराशि इस पर खर्च की जा रही. अभियान चार ब्लॉक से बढ़कर जिले के अन्य ब्लॉक तक भी पहुंचेगा. इससे महिलाएं जहां समृद्ध होंगी और यहां के कृषि उत्पादों की चर्चा स्थानीय बाजार से लेकर धीरे-धीरे अन्य शहरों और बाजारों में भी होगी.
वहीं, इस कार्य से जुड़ी महिलाओं ने भी कहा कि हल्दी हो या अदरक या फिर धनिया, मिर्च और आटा, ऐसे उत्पादों को खेत से घर और समूह तक लाकर उसे बेहतर साफ-सफाई के साथ, पाउडर बनाने और पैकिंग करने के हुनर से उन्हें उत्साह भी मिल रहा है. बाजार में जाने पर उनके माल की बिक्री भी हाथों-हाथ हो जा रही है. इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ने बताया कि किसानों को संगठित कर कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इसे महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जा रहा है. जिले के पाली, पिपराइच, ब्रह्मपुर और सरदारनगर ब्लॉक में कार्य शुरू हो चुका है. स्थानीय बाजार में जहां इन उत्पादों की कीमत कम मिलती है. वहीं, ग्रेडिंग के बाद अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है. इससे किसानों को फायदा तो होगा ही, साथ ही स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाएं भी लाभान्वित होंगी. देखा जाए तो हल्दी, आटा, मैदा, चावल, मसाला तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है. इसे बाजार में बेचा भी जा रहा है. इसमें कई स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया है.
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