गोरखपुर: गुरुवार को पूर्णिमा है और इसी दिन साल 2020 का आखिरी सुपरमून दिखाई देगा. इसे लेकर गोरखपुर नक्षत्रशाला के खगोलविद अमरपाल सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सुपरमून शाम 4:15 बजे अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा. भारत में इस समय दिन होगा इस कारण लोग इस सुपर फ्लॉवर मून (Super Flower Moon) का नजारा नहीं देख पायेंगे, लेकिन इंटरनेट के माध्यम से इसे ऑनलाइन देखा जा सकता है.
उन्होंने सुपरमून के बारे में बताया कि इससे पहले सुपरमून अप्रैल में दिखाई दिया था और इसे सुपर पिंक मून का नाम दिया गया.
उन्होंने बताया कि दरअसल, एक सुपरमून ऑर्बिट पृथ्वी के सबसे करीब होता है. हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के ज्यादा नजदीक होने के कारण चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है. 7 मई को दिखाई देने वाला सुपरमून हमारे ग्रह से 3,61,184 किलोमीटर दूर होगा. आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी 3,84,400 किलोमीटर की होती है.
जिस तरह अप्रैल के सुपरमून को पिंक मून कहा गया है उसी तरह मई के सुपरमून को फ्लॉवर मून कहा जा रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मून का नाम अमेरिकी मौसमों, फूलों और क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है. जो पहली बार Maine Farmer’s Almanac में प्रकाशित हुए थे. प्रकाशन के अनुसार उत्तरी अमेरिका में एलगोनक्विन जनजाति ने मई के पूर्णिमा का नाम फ्लॉवर मून इसलिए रखा, क्योंकि इस समय बड़ी संख्या में फूल खिलते हैं.
अमरपाल सिंह ने बताया कि इस सुपरमून को लाइव भी देखा जा सकता है. Slooh और Virtual Telescope सहित कई अन्य लोकप्रिय यूट्यूब चैनल सुपरमून की लाइवस्ट्रीम करने के लिए जाने जाते हैं.