गोरखपुर: देश की आजादी के लिए 1857 में शुरू हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में 'शहीद बंधू सिंह' का नाम अमिट है. शहीद बंधू सिंह क्रांति दूत के साथ-साथ डुमरी रियासत के प्रमुख थे. पूर्वांचल में अंग्रेजी सत्ता को हिलाने में इनका अहम योगदान था. 1 मई 1833 को जन्मे बाबू बंधू सिंह को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के रूप में याद किया जाता है. देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण इस साल बंधू सिंह के परिजन अपने योद्धा का जन्मदिन नहीं मना पा रहे हैं. परिजनों ने बताया कि इस साल लॉकडाउन की वजह से वे बंधू सिंह को श्रद्धांजलि नहीं दे सके, लेकिन उन्होंने घर से ही उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की है.
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं में शुमार
शहीद बंधू सिंह का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में नाम शुमार है. 1857 में उन्होंने अंग्रेजी सत्ता को हिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. पूर्वांचल में अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का काम बाबू बंधू सिंह ने बखूबी से निभाया था.
मंगल पांडेय के सारथी बने बंधू सिंह
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में जहां एक तरफ मंगल पांडेय उत्साह भरने का काम कर रहे थे तो वहीं गोरखपुर सहित पूर्वांचल के हिस्से में बंधू सिंह स्वतंत्रता संग्राम के लिए लोगों को जागरूक कर रहे थे. उनके कारनामों से अंग्रेजी हुकूमत काफी परेशान हो गई थी. बंधू सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फुंका और बिहार से आ रहे सरकारी खजाने को लूटकर लोगों में बांट दिया और गोरखपुर के कलेक्ट्रेट ऑफिस पर कब्जा कर लिया. राप्ती नदी पर डेरा डालकर बंधू सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत की नींद उड़ा दी थी.धझ
धोखे से गिरफ्तार हुए थे बंधू सिंह
एक गद्दार की मिलीभगत से अंग्रेजों ने बंधू सिंह को गिरफ्तार कर लिया. शहर के अलीनगर चौक पर बंधू सिंह को फांसी दी गई. बताया जाता है कि बरगद के जिस पेड़ पर बंधू सिंह को फांसी दी जा रही थी. इस दौरान फांसी का फंदा 7 बार टूटा था. 8वीं बार अंग्रेजी हुकूमत बंधू सिंह को फांसी देने में कामयाब हुई थी. आज भी बरगद का पेड़ अलीनगर चौक पर मौजूद है, जहां पर बंधू सिंह की प्रतिमा स्थापित की गई है. इनकी प्रतिमा को सीएम योगी की अगुवाई में स्थापित किया गया था.
जिले में प्रसिद्ध है बंधू सिंह का नाम
बंधू सिंह की अहमियत और शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके नाम पर शहर के हाल्शीगंज और महदीपुर चौक पर नगर निगम द्वारा पार्क की स्थापना की गई. सीएम योगी ने बंधू सिंह की 178वीं जयंती पर डाक टिकट जारी किया था. बंधू सिंह के पराक्रम को बच्चों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने कक्षा 6 के पाठ्यक्रम में उनकी वीरगाथा की कहानी को जगह दी.
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