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ईद स्पेशल: बनारसी सेवई से बढ़ेगी ईद की मिठास

माह-ए-रमजान का मुकद्दस महीना अपने आखिरी मंजिल के बिल्कुल करीब है. सोमवार को महीने का 28वां रोजा रखा गया है. मंगलवार को उनतीस का चांद आसमां पर दिखाई देने पर बुधवार को ईद उल फितर मनाई जायेगी. अकीदतमंदों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. देर रात तक बाजारों में रौनक बनी हुई है.

बाजारों में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग.
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Published : Jun 3, 2019, 8:08 AM IST

गोरखपुर: माह-ए-रमजान का नूरानी महीना धीरे-धीरे अपने आखिरी मंजिल के करीब पहूंचने वाला है. भीषण गर्मी के बावजूद क्षेत्र के अकीदतमंदों का हौसला बुलंद है. रोजेदार सोमवार को 28 वां रोजा मुकम्मल करेंगे. मंगलवार को अगर 29 रमजान का चांद आसमान पर चमकता दिखाई दिया तो बुधवार को ईद मनाई जायेगी. चांद न दिखाई देने की सूरत में गुरुवार को हर हाल में ईद-उल-फितर की नमाज अदा की जायेगी. त्योहार को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. बाजारों में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग है.

बाजार में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग.

बाजारों में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग

ईद के दिन सेवईयों के खाने और खिलाने का रस्म बड़े पैमाने पर अदा की जाती है. गरीब से लेकर अमीर तक सबके घरों में नाना प्रकार की सेवईयां बनाई जाती हैं. सेवईयां खाने खिलाने से आपसी भाईचारे और सौहार्द्र की बुनियाद मजबूत होती है. सेवईयों की खरीदारी इन दिनों जोरों पर चल रही है. सेवईयों का बाजार हर तरफ सजा है. बाजारों में बनारसी सेवईयों की धूम मची है. वैसे तो बजारों में एक से बढ़कर एक सेवईयां उपलब्ध है. कम कीमत से लेकर मंहगे दामों की सेवई खरीदी जा सकती है, लेकिन बनारसी सेवईयों की एक अलग पहचान है.

बाजार में उपलब्ध सेवईयों का रेट

सादी सेवई -- 40 से 80 रू. प्रति किलो ग्राम.
कीमामी सेवई- 75 से 115 रू./ किग्रा.
लच्छेदार देशी सेवई-- 70 से100/ किग्रा.
दूध वाली सेवई-- 80 से100/ किग्रा.
फेनी सेवई-- 130 से 150 / किग्रा.
दूध वाली फेनी सेवई-- 140 से 160/किग्रा.
भूनी कीमामी सेवई-- 90 से 140/ किग्रा.
बनारसी लच्छेदार सेवई-- 80 से 100/किग्रा.
बनारसी कीमामी-- 120 से 150/ किग्रा.
देशी घी फेनी सेवई-- 250 से 300/ किग्रा.

बनारसी सेवईयां वैसे तो रोजमर्रा के खाने में भी सर्वाधिक इस्तेमाल की जाती है. बनारसी लच्छेदार सेवई अन्य सेवईयों की अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट होती हैं. बहुत पतली और बारीक तथा स्वादिष्ट होती हैं. बाजार में सर्वाधिक मांग बनारसी सेवई की है.

-अब्दुल कादिर, दुकानदार

गोरखपुर: माह-ए-रमजान का नूरानी महीना धीरे-धीरे अपने आखिरी मंजिल के करीब पहूंचने वाला है. भीषण गर्मी के बावजूद क्षेत्र के अकीदतमंदों का हौसला बुलंद है. रोजेदार सोमवार को 28 वां रोजा मुकम्मल करेंगे. मंगलवार को अगर 29 रमजान का चांद आसमान पर चमकता दिखाई दिया तो बुधवार को ईद मनाई जायेगी. चांद न दिखाई देने की सूरत में गुरुवार को हर हाल में ईद-उल-फितर की नमाज अदा की जायेगी. त्योहार को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. बाजारों में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग है.

बाजार में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग.

बाजारों में बनारसी सेवईयों की जबरदस्त मांग

ईद के दिन सेवईयों के खाने और खिलाने का रस्म बड़े पैमाने पर अदा की जाती है. गरीब से लेकर अमीर तक सबके घरों में नाना प्रकार की सेवईयां बनाई जाती हैं. सेवईयां खाने खिलाने से आपसी भाईचारे और सौहार्द्र की बुनियाद मजबूत होती है. सेवईयों की खरीदारी इन दिनों जोरों पर चल रही है. सेवईयों का बाजार हर तरफ सजा है. बाजारों में बनारसी सेवईयों की धूम मची है. वैसे तो बजारों में एक से बढ़कर एक सेवईयां उपलब्ध है. कम कीमत से लेकर मंहगे दामों की सेवई खरीदी जा सकती है, लेकिन बनारसी सेवईयों की एक अलग पहचान है.

बाजार में उपलब्ध सेवईयों का रेट

सादी सेवई -- 40 से 80 रू. प्रति किलो ग्राम.
कीमामी सेवई- 75 से 115 रू./ किग्रा.
लच्छेदार देशी सेवई-- 70 से100/ किग्रा.
दूध वाली सेवई-- 80 से100/ किग्रा.
फेनी सेवई-- 130 से 150 / किग्रा.
दूध वाली फेनी सेवई-- 140 से 160/किग्रा.
भूनी कीमामी सेवई-- 90 से 140/ किग्रा.
बनारसी लच्छेदार सेवई-- 80 से 100/किग्रा.
बनारसी कीमामी-- 120 से 150/ किग्रा.
देशी घी फेनी सेवई-- 250 से 300/ किग्रा.

बनारसी सेवईयां वैसे तो रोजमर्रा के खाने में भी सर्वाधिक इस्तेमाल की जाती है. बनारसी लच्छेदार सेवई अन्य सेवईयों की अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट होती हैं. बहुत पतली और बारीक तथा स्वादिष्ट होती हैं. बाजार में सर्वाधिक मांग बनारसी सेवई की है.

-अब्दुल कादिर, दुकानदार

Intro:माह ए रमजान का मुकद्दश महीना अपने आखिरी मंजिल के बिल्कुल करीब है. सोमवार को महीने का 28 वां रोजा रखा गया है. मंगलवार को उनतीस का चांद आसमां पर दिखाई देने पर बुधवार को ईद उल फित्र मनाई जायेगी. अकीदतमंदों की तैयारियां जोरों पर चल रही देर रात तक बाजारों रौनक, चहल पहल बनी हुई है. बाजारों बनारसी सेंवईयों की जबरदस्त मांग है. बनारसी सेंवई यां ईद त्योहार की मीठास बढायेंगी. Body:गोरखपुर पिपराइचः माह ए रमजान का नूरानी महीना धिरे धिरे अपने आखिरी मंजिल के करीब पहूंचने वाला है. भीषण गर्मी के बावूजद क्षेत्र के अकीदतमंद का हौसला बुलंद है. रोजदारों ने लिल्लाहियत जजबा दिखाते हुए 28 वां रोजा मुकम्मल करेंगे. मंगलवार को अगर उनतीस रमजान का हसीन चांद आसमान पर चमकता दिखाई दिखाई दिया तो बुधवार को ईद मनाई जायेगी चांद न दिखाई देने की सूरत में गुरुवार को हरहाल में ईद उल फित्र की नमाज अदा की जायेगी. त्योहार को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. Conclusion:&बाजारों में बनारसी सेवईयों जबरदस्त मांग&

ईद के दिन सेवईयों के खाने और खिलाने की रस्म बड़े पैमाने पर अदा की जाती है. गरीब से लेकर अमीर तक सबके घरों में नाना प्रकार की सेवईयां बनाई जाती है. सेवईया खाने खिलाने से आपसी भाईचारे और सौहार्द की बुनियाद मजबूत होती है. सेवईयों की खरीदारी इनदिनों जोरों पर चल रही है. सेवईयों का बाजार हर तरफ सजा है. बाजारों में बनारसी सेवईयों की धूम मची है. वैसे तो बजारों में एक से बढ़कर एक सेंवई उपलब्ध है कम कीमत से लगाये मंहगे दामों पर की सेंवई खरीदे जा सकते है लेकिन बनारी सेंवई की एक अगलग पहचान है.
दूकानदार अब्दुल कादिर बताते है कि बनारसी सेंवईयां वैसे तो रोजमर्रा के खाने में भी सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है. बनारसी लच्छेदार सेंवई अन्य सेवईयों के अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट होता है. बहुत पतला और बारीक तथा स्वादिष्ट होता है. बाजार में सर्वाधिक मांग बनारसी सेंवई का है. देहात क्षेत्र में मध्यम वर्ग की बनासी सेंवई 80 रुपया/ किग्रा बिकती है.

$बाजार में उपलब्ध सेवईयों का रेट&

सादी सेंवई -- 40 से 80 प्रति किलो ग्राम.
कीमामी सेंवई- 75 से 115 रुया/ किग्रा.
लच्छेदार देशी सेवई-- 70 से100/ किग्रा.
दूध वाली सेंवई-- 80 से100/ किग्रा.
फेनी सेंवई-- 130 से 150 / किग्रा.
दूध वाली फेनी सेंवई-- 140 से 160/किग्रा.
भूनी कीमामी सेंवई-- 90 से 140/ किग्रा.
बनारसी लच्छेदार सेंवई-- 80 से 100/किग्रा.
बनारसी कीमामी-- 120 से 150/ किग्रा.
देशी घी फेनी सेंवई-- 250 से 300/ किग्रा.

पिपराइचः रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
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