गोरखपुर : चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित इलाके में एक छात्र फंसा था. उसे गोरखपुर विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए जाना था. कोई राह न देखकर उसके पिता ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मदद मांगी. सूचना मिलते ही बाढ़ से घिरे गांव में नाव को भेजा गया.
इसके बाद छात्र को वहां से गोरखपुर विश्वविद्यालय पहुंचाया गया. बता दें कि छात्र के पिता ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर फोन कर अपनी समस्या बताई जिसके बाद से 112 पर फोन कर जानकारी देने की लिए कहा गया था.
क्या है पूरा मामला
गोरखपुर जिले के चौरीचौरा तहसील क्षेत्र में पिछले दिनों गोर्रा नदी के तटबंध के टूटने से बसूहि गोरसैरा गांव सहित आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया. इनमें बसूहि गांव में काशी प्रसाद अपने परिवार के साथ रहते है.
बाढ़ के बीच सोमवार को उन्हें गोरखपुर विश्वविद्यालय जाना था जहां उनके लड़के अनुपम की बीए में प्रवेश काउंसलिंग होनी थी. गांव में नाव की किल्लत होने पर उन्होंने कई जिम्मेदार लोगों से बात किया लेकिन बात नहीं बनी.
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थक हारकर काशी प्रसाद ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर फोन किया. वहां से उचित सुझाव के बाद 112 पर फोन कर मदद मांगी. कहा कि उनके लड़के का गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीए प्रवेश के लिए काउंसलिंग है. वे बाढ़ से घिरे हैं. नाव की व्यवस्था कराई जाए.
उसके बाद झंगहा थाने और चौरीचौरा तहसील के राजस्व लेखपाल का फोन आया. रविवार सुबह 6 बजे से पहले ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम भवन निषाद ने काशी प्रसाद और उनके लड़के के पास उनके घर पहुंच गए.
लगभग 40 मिनटों के बाद छात्र और उसके पिता को सुरक्षित जगह छोड़ा गया है. सुबह आठ बजे छात्र गोरखपुर विश्वविद्यालय पहुंच गया था. ईटीवी भारत से टेलीफोन पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बसूहि गोरसैरा ने बताया कि उन्होंने इनको पिछले दिन भी मदद की थी.
छात्र के पिता ने उनसे मदद नहीं मांगी नहीं तो मदद दी गई होती. बताया कि छात्र को सुबह ही राजधानी गांव छुड़वाया है ताकि वह समय से पहुंच सके.