गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ के जमाने में 'हनुमान' की भूमिका अदा करने वाले सुनील सिंह गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वह पूर्व विहिप नेता डॉ. प्रवीण तोगड़िया की पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि सुनील सिंह, योगी आदित्यनाथ के हिंदू युवा वाहिनी संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और वह युवाओं में खासा लोकप्रिय हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा, योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सभी ने हिंदुओं के साथ छल किया है. 2014 के चुनाव में भाजपा ने जिन मुद्दों पर लोगों का विश्वास हासिल किया था, उस विश्वास को तोड़ चुकी है, इसलिए प्रखर हिंदुत्व को बनाए रखने के लिए चुनाव मैदान में उतर रहा हूं. बता दें कि सुनील सिंह की अगुवाई में योगी की हिंदू युवा वाहिनी काम करती थी, लेकिन 2017 के विधान सभा चुनाव में योगी ने इन्हें संगठन से बाहर किया. साथ ही एक मामले में सुनील सिंह को रासुका के तहत छह माह जेल की सजा भी काटनी पड़ी. वहीं अब जेल से बाहर आने के बाद सुनील सिंह आक्रामक हो चुके हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा का दावा था कि वह सरकार में आने के बाद समान नागरिक संहिता लागू करेगी, धारा 370 समाप्त करेगी, गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा और अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा. वहीं बीजेपी अपने कार्यकाल में इनमें से एक भी वादे पर खरी नहीं उतरी. हिंदुत्व का राग अलापने वाली यह पार्टी हिंदुओं को पूरी तरह ठग गई, इसलिए जिस हिंदुत्व को लेकर बचपन से चला, जिस हिंदुत्व की आवाज योगी आदित्यनाथ के साथ आगे बढ़ाया उससे अब पीछे नहीं हट सकता. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सभी हिंदू संगठन मिलकर गोरखपुर से बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं.
सुनील सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने भी हिंदुओं को खूब छला है. पांच सालों में वह देश और दुनिया के मस्जिदों में सजदा करते हैं, लेकिन भगवान राम के अयोध्या में आने का उन्हें समय नहीं मिलता है. योगी और मोदी ने हिंदुत्व को छला है, इसलिए हिंदू संगठन मिलकर भाजपा का पुरजोर विरोध करेंगे. यह विरोध सिर्फ गोरखपुर ही नहीं बल्कि देश और प्रदेश में जहां कहीं भी संभव होगा सभी राष्ट्रवादी ताकतें इनके खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे.
सुनील सिंह को कई हिंदू संगठनों का समर्थन प्राप्त होने के बाद चक्रपाणि महाराज और प्रवीण तोगड़िया ने इन पर अपना भरोसा जताया है. इसके बाद चुनावी मैदान में सुनील सिंह खुलकर आ चुके हैं. गोरखपुर के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सुनील सिंह युवाओं के लिए आकर्षण के केंद्र होंगे, क्योंकि गोरखपुर के युवा उन्हें भी फायर ब्रांड नेता के रूप में देखते हैं.