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गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन वोटिंग से हुए छात्रसंघ चुनाव, रंजीत अध्यक्ष और अशोक उपाध्यक्ष चुने गए

गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन वोटिंग से छात्रसंघ के चुनाव संपन्न हुए. इसमें रंजीत अध्यक्ष और अशोक को उपाध्यक्ष चुना गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 8:40 AM IST

गोरखपुर: प्रदेश में एक तरफ तमाम विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराए जाने को लेकर, छात्र नेता आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, वहां पर छात्र संघ चुनाव बड़े ही आधुनिक तरीके से संपन्न हुए. इसमें ऑनलाइन वोटिंग के जरिए छात्र संघ पदाधिकारी का निर्वाचन हुआ. इसमें चुनाव की जिस प्रक्रिया को अपनाया गया है उस प्रक्रिया ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के खाते में एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज कर दिया है. स्थापना के मात्र दो साल में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त वाले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्र संसद का नया व अभिनव मॉडल देकर, छात्रसंघ पदाधिकारियों का चुनाव कराया गया है. खास बात यह रही कि चुनाव प्रक्रिया महज तीन दिन में पूरी की गई. वह भी कक्षाओं के संचालन में बिना किसी रुकावट के. चुनाव के मुख्य दिन, बुधवार को 3 बजे तक कक्षाएं चलती रहीं और इसके बाद अगले दो घण्टे (पांच बजे तक) ऑनलाइन मतदान हुआ. मतदान के कुछ ही मिनटों के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया. इस प्रकार यूपी में छात्र संसद के रूप में और ऑनलाइन मतदान से चुनाव कराने वाला यह पहल विश्वविद्यालय बना.


कुल 57 प्रतिशत हुए मतदान के बाद जारी परिणाम के मुताबिक रंजीत शर्मा अध्यक्ष, अशोक कुमार चौधरी उपाध्यक्ष, संजना शर्मा महामंत्री व सुधा सिंह को पुस्तकालय मंत्री चुना गया. अध्यक्ष के पद पर कांटे की टक्कर रही और जीत का फासला महज चार मतों का रहा. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बनाए गए छात्र संसद के संविधान के अनुसार, छात्र संसद के सांगठनिक स्वरूप में विश्वविद्यालय के कुलपति पदेन मुख्य संरक्षक, अधिष्ठाता छात्र कल्याण निदेशक व कुलसचिव बतौर सदस्य सचिव होंगे.

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री व कार्यकारिणी सदस्य के निर्वाचन का प्रावधान है. निर्वाचन वाले इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का सबसे पहले कक्षा प्रतिनिधि के पद पर निर्वाचित होना अनिवार्य है. इसके साथ ही प्रत्याशी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष व पूर्व की परीक्षाओं में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करना भी अनिवार्य है. छात्र संसद के संविधान की व्यवस्थाओं के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 4 सितंबर से शुरु हुई. इस तिथि को कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव हुआ. कुल 34 कक्षा प्रतिनिधि चुने गए. इन्हीं निर्वाचित कक्षा प्रतिनिधियों में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री के पदों पर दावेदारी की गई. 5 सितंबर को क्वालिफाइंग स्पीच में प्रत्याशियों ने छात्रों के समक्ष अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. 6 सितंबर को कक्षाओं के समाप्त होने के बाद 3 बजे से शाम 5 बजे तक, दो घण्टे ऑनलाइन मतदान कराया गया. खास बात यह भी कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक दिन भी कोई क्लास बाधित नहीं हुआ.

चुनाव परिणाम की जानकारी देते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि तय समय सीमा में कुल 57 प्रतिशत मतदान हुआ. अध्यक्ष पद पर रंजीत शर्मा 213 मत प्राप्त कर निर्वाचित हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवम पांडेय को 209 मत मिले. अन्य प्रत्याशियों में कामिनी चौरसिया को 140, शिवांगी मिश्रा को 140, अर्पिता चौधरी को 104 वोट मिले. इस पद पर 104 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का चयन किया. उपाध्यक्ष पद पर 298 वोट हासिल कर अशोक कुमार चौधरी निर्वाचित हुए जबकि दूसरे स्थान पर नर्गिस जहां को 245 मत मिले. इस पद के तीसरे उम्मीदवार विध्यवासिनी गुप्ता को 216 मतों से संतोष करना पड़ा.

उपाध्यक्ष पद पर 151 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना गया. महामंत्री पद पर संजना शर्मा 295 मत प्राप्त कर विजयी हुईं. निकटतम प्रतिद्वंद्वी नवीन कुमार पर्वत को 246 मत मिले जबकि अन्य प्रत्याशियों में विष्णु अग्रहरि को 192 तथा अनिकेत मल्ल को 89 वोट हासिल हुए. इस पद पर 88 मतदाताओं की पसंद नोटा के नाम रही. पुस्तकालय मंत्री पर दो ही उम्मीदवार आमने सामने रहे. 384 वोट हासिल कर सुधा सिंह ने अंजलि तिवारी (339 वोट) को पराजित किया. इस पद पर 187 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी व कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने छात्र संसद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियो को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि यह छात्र संसद पूरे देश के सामने विश्वविद्यालय संचालन में छात्र सहभागिता की मिसाल कायम करेगी.

गोरखपुर: प्रदेश में एक तरफ तमाम विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराए जाने को लेकर, छात्र नेता आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, वहां पर छात्र संघ चुनाव बड़े ही आधुनिक तरीके से संपन्न हुए. इसमें ऑनलाइन वोटिंग के जरिए छात्र संघ पदाधिकारी का निर्वाचन हुआ. इसमें चुनाव की जिस प्रक्रिया को अपनाया गया है उस प्रक्रिया ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के खाते में एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज कर दिया है. स्थापना के मात्र दो साल में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त वाले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्र संसद का नया व अभिनव मॉडल देकर, छात्रसंघ पदाधिकारियों का चुनाव कराया गया है. खास बात यह रही कि चुनाव प्रक्रिया महज तीन दिन में पूरी की गई. वह भी कक्षाओं के संचालन में बिना किसी रुकावट के. चुनाव के मुख्य दिन, बुधवार को 3 बजे तक कक्षाएं चलती रहीं और इसके बाद अगले दो घण्टे (पांच बजे तक) ऑनलाइन मतदान हुआ. मतदान के कुछ ही मिनटों के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया. इस प्रकार यूपी में छात्र संसद के रूप में और ऑनलाइन मतदान से चुनाव कराने वाला यह पहल विश्वविद्यालय बना.


कुल 57 प्रतिशत हुए मतदान के बाद जारी परिणाम के मुताबिक रंजीत शर्मा अध्यक्ष, अशोक कुमार चौधरी उपाध्यक्ष, संजना शर्मा महामंत्री व सुधा सिंह को पुस्तकालय मंत्री चुना गया. अध्यक्ष के पद पर कांटे की टक्कर रही और जीत का फासला महज चार मतों का रहा. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बनाए गए छात्र संसद के संविधान के अनुसार, छात्र संसद के सांगठनिक स्वरूप में विश्वविद्यालय के कुलपति पदेन मुख्य संरक्षक, अधिष्ठाता छात्र कल्याण निदेशक व कुलसचिव बतौर सदस्य सचिव होंगे.

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री व कार्यकारिणी सदस्य के निर्वाचन का प्रावधान है. निर्वाचन वाले इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का सबसे पहले कक्षा प्रतिनिधि के पद पर निर्वाचित होना अनिवार्य है. इसके साथ ही प्रत्याशी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष व पूर्व की परीक्षाओं में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करना भी अनिवार्य है. छात्र संसद के संविधान की व्यवस्थाओं के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 4 सितंबर से शुरु हुई. इस तिथि को कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव हुआ. कुल 34 कक्षा प्रतिनिधि चुने गए. इन्हीं निर्वाचित कक्षा प्रतिनिधियों में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री के पदों पर दावेदारी की गई. 5 सितंबर को क्वालिफाइंग स्पीच में प्रत्याशियों ने छात्रों के समक्ष अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. 6 सितंबर को कक्षाओं के समाप्त होने के बाद 3 बजे से शाम 5 बजे तक, दो घण्टे ऑनलाइन मतदान कराया गया. खास बात यह भी कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक दिन भी कोई क्लास बाधित नहीं हुआ.

चुनाव परिणाम की जानकारी देते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि तय समय सीमा में कुल 57 प्रतिशत मतदान हुआ. अध्यक्ष पद पर रंजीत शर्मा 213 मत प्राप्त कर निर्वाचित हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवम पांडेय को 209 मत मिले. अन्य प्रत्याशियों में कामिनी चौरसिया को 140, शिवांगी मिश्रा को 140, अर्पिता चौधरी को 104 वोट मिले. इस पद पर 104 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का चयन किया. उपाध्यक्ष पद पर 298 वोट हासिल कर अशोक कुमार चौधरी निर्वाचित हुए जबकि दूसरे स्थान पर नर्गिस जहां को 245 मत मिले. इस पद के तीसरे उम्मीदवार विध्यवासिनी गुप्ता को 216 मतों से संतोष करना पड़ा.

उपाध्यक्ष पद पर 151 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना गया. महामंत्री पद पर संजना शर्मा 295 मत प्राप्त कर विजयी हुईं. निकटतम प्रतिद्वंद्वी नवीन कुमार पर्वत को 246 मत मिले जबकि अन्य प्रत्याशियों में विष्णु अग्रहरि को 192 तथा अनिकेत मल्ल को 89 वोट हासिल हुए. इस पद पर 88 मतदाताओं की पसंद नोटा के नाम रही. पुस्तकालय मंत्री पर दो ही उम्मीदवार आमने सामने रहे. 384 वोट हासिल कर सुधा सिंह ने अंजलि तिवारी (339 वोट) को पराजित किया. इस पद पर 187 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी व कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने छात्र संसद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियो को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि यह छात्र संसद पूरे देश के सामने विश्वविद्यालय संचालन में छात्र सहभागिता की मिसाल कायम करेगी.

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