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गोरखपुर मंडल में लागू हुआ सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम, गोदाम से सीधे कोटेदार की दुकान पहुंचेगा राशन

खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने, कोटेदारों और उपभोक्ता के बीच आसानी से खाद्यान्न पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री की योजना और पहल के बाद, गोरखपुर में "सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम" को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है.

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सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम
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Published : Jun 20, 2022, 4:01 PM IST

गोरखपुरः खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने, कोटेदारों और उपभोक्ता के बीच आसानी से खाद्यान्न पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री की योजना और पहल के बाद, गोरखपुर में "सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम" को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है. मंडल के चार जिले जिसमें गोरखपुर समेत देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, शामिल हैं. इन जिलों में यह सिस्टम लागू हो गया है. इसके तहत अब भारतीय खाद्य निगम यानी कि (एफसीआई) के गोदाम से खाद्यान्न सीधी कोटेदार की दुकान पर पहुंचाया जाएगा. इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद घटतौली, लेटलतीफी और अनियमितता की शिकायतें समाप्त हो सकेंगी.

बता दें, कि पहले एफसीआई के गोदाम से मार्केटिंग विभाग के गोदाम तक चावल और गेहूं समेत अन्य सामान पहुंचाए जाते थे, जो कोटेदारों को यहां से फिर वितरित होते थे. इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए ही अब डायरेक्ट single-stage डिलीवरी सिस्टम के तहत एफसीआई के गोदाम से कोटेदार की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचेंगे. पहली बार में करीब 35 सौ क्विंटल चावल और गेहूं कोटे की दुकानों पर पहुंचाया गया है. यही नहीं गोरखपुर मंडल प्रदेश में सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू करने में कामयाब रहा है. जिसके तहत वह करीब 15 करोड़ ट्रांसपोर्टेशन खर्च बचाकर उत्तर प्रदेश सरकार को वापस करने वाला प्रदेश का पहला जिला भी बनेगा.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे मंडल में इस सिस्टम को लागू करने के लिए उनकी टीम बधाई की पात्र है. गोरखपुर के लिए यह गर्व की बात है कि यहां सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू हो सकी है. प्रदेश के कुल जिले जहां इसे 65 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लागू कर रहे हैं, वहीं टेंडर की प्रक्रिया और आपसी सामंजस्य के बल पर गोरखपुर में यह 45 रुपये पर यह लागू हुई है. यही वजह है कि 20 रुपये के आने वाले अंतर से गोरखपुर में ढुलाई के मद में करीब 15 करोड़ की बचत होगी, जो राज्य सरकार को सीधे तौर पर वापस किया जाएगा.

पढ़ेंः सरकारी राशन में घटतौली करने वाले कई कोटेदार पकड़े गए, सभी के खिलाफ FIR दर्ज

मंडल में सबसे पहले देवरिया जिले में यह व्यवस्था गुरुवार से शुरू हो गई है. गोरखपुर में भी इसकी शुरुआत शुक्रवार को ही हुई. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न विभाग में घटतौली की शिकायत सबसे अधिक आती थी. समय-समय पर जांच में यह बात सामने भी आई थी. यही वजह है कि शिकायतों को समाप्त करने के लिए शासन ने single-stage डिलीवरी सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया था, जिसे लागू किया गया है. एफसीआई के गोदाम से खाद्यान्न लेकर जाने वाले ट्रक जिस कोटेदार के केंद्र तक नहीं पहुंच पाएंगे वहां कोटेदार को ट्रक के अंतिम पहुंचने वाले स्थान तक पहुंचना होगा.

प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि 15करोड़ रुपये की बचत टेंडर प्रक्रिया को निर्धारित दर से भी कम में फाइनल करने से संभव हुआ है. यह दर भारत सरकार की ओर से निर्धारित दर से भी कम है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जो दर निर्धारित की है वह तो गोरखपुर मंडल को प्राप्त होगा. लेकिन जिस टेंडर को यहां फाइनल किया गया है, उससे करीब 15 करोड़ की बचत होगी, जो सरकार को वापस कर दिया जाएगा.गोरखपुर मंडल ने इस मामले में पूरे प्रदेश में उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह गोरखपुर मंडल के लिए बड़ी उपलब्धि है. यहां करीब 45 रुपये पर टेंडर फाइनल किया गया है.

पढ़ेंः सरकारी राशन में घटतौली करने वाले कई कोटेदार पकड़े गए, सभी के खिलाफ FIR दर्ज

सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम के लिए उन्हें केंद्र सरकार से 65 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के साथ बरेली और प्रयागराज में भी योजना लागू की जा रही है. इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद आरएफसी गोदाम से कोटेदार द्वारा राशन ले जाने के लिए शासन की ओर से ट्रांसपोर्टेशन के मद में किया जाने वाला भुगतान भी अब बच सकेगा और (RFC) गोदाम के किराए में भी अच्छी खासी बचत होगी.

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गोरखपुरः खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने, कोटेदारों और उपभोक्ता के बीच आसानी से खाद्यान्न पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री की योजना और पहल के बाद, गोरखपुर में "सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम" को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है. मंडल के चार जिले जिसमें गोरखपुर समेत देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, शामिल हैं. इन जिलों में यह सिस्टम लागू हो गया है. इसके तहत अब भारतीय खाद्य निगम यानी कि (एफसीआई) के गोदाम से खाद्यान्न सीधी कोटेदार की दुकान पर पहुंचाया जाएगा. इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद घटतौली, लेटलतीफी और अनियमितता की शिकायतें समाप्त हो सकेंगी.

बता दें, कि पहले एफसीआई के गोदाम से मार्केटिंग विभाग के गोदाम तक चावल और गेहूं समेत अन्य सामान पहुंचाए जाते थे, जो कोटेदारों को यहां से फिर वितरित होते थे. इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए ही अब डायरेक्ट single-stage डिलीवरी सिस्टम के तहत एफसीआई के गोदाम से कोटेदार की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचेंगे. पहली बार में करीब 35 सौ क्विंटल चावल और गेहूं कोटे की दुकानों पर पहुंचाया गया है. यही नहीं गोरखपुर मंडल प्रदेश में सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू करने में कामयाब रहा है. जिसके तहत वह करीब 15 करोड़ ट्रांसपोर्टेशन खर्च बचाकर उत्तर प्रदेश सरकार को वापस करने वाला प्रदेश का पहला जिला भी बनेगा.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे मंडल में इस सिस्टम को लागू करने के लिए उनकी टीम बधाई की पात्र है. गोरखपुर के लिए यह गर्व की बात है कि यहां सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू हो सकी है. प्रदेश के कुल जिले जहां इसे 65 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लागू कर रहे हैं, वहीं टेंडर की प्रक्रिया और आपसी सामंजस्य के बल पर गोरखपुर में यह 45 रुपये पर यह लागू हुई है. यही वजह है कि 20 रुपये के आने वाले अंतर से गोरखपुर में ढुलाई के मद में करीब 15 करोड़ की बचत होगी, जो राज्य सरकार को सीधे तौर पर वापस किया जाएगा.

पढ़ेंः सरकारी राशन में घटतौली करने वाले कई कोटेदार पकड़े गए, सभी के खिलाफ FIR दर्ज

मंडल में सबसे पहले देवरिया जिले में यह व्यवस्था गुरुवार से शुरू हो गई है. गोरखपुर में भी इसकी शुरुआत शुक्रवार को ही हुई. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न विभाग में घटतौली की शिकायत सबसे अधिक आती थी. समय-समय पर जांच में यह बात सामने भी आई थी. यही वजह है कि शिकायतों को समाप्त करने के लिए शासन ने single-stage डिलीवरी सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया था, जिसे लागू किया गया है. एफसीआई के गोदाम से खाद्यान्न लेकर जाने वाले ट्रक जिस कोटेदार के केंद्र तक नहीं पहुंच पाएंगे वहां कोटेदार को ट्रक के अंतिम पहुंचने वाले स्थान तक पहुंचना होगा.

प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि 15करोड़ रुपये की बचत टेंडर प्रक्रिया को निर्धारित दर से भी कम में फाइनल करने से संभव हुआ है. यह दर भारत सरकार की ओर से निर्धारित दर से भी कम है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जो दर निर्धारित की है वह तो गोरखपुर मंडल को प्राप्त होगा. लेकिन जिस टेंडर को यहां फाइनल किया गया है, उससे करीब 15 करोड़ की बचत होगी, जो सरकार को वापस कर दिया जाएगा.गोरखपुर मंडल ने इस मामले में पूरे प्रदेश में उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह गोरखपुर मंडल के लिए बड़ी उपलब्धि है. यहां करीब 45 रुपये पर टेंडर फाइनल किया गया है.

पढ़ेंः सरकारी राशन में घटतौली करने वाले कई कोटेदार पकड़े गए, सभी के खिलाफ FIR दर्ज

सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम के लिए उन्हें केंद्र सरकार से 65 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के साथ बरेली और प्रयागराज में भी योजना लागू की जा रही है. इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद आरएफसी गोदाम से कोटेदार द्वारा राशन ले जाने के लिए शासन की ओर से ट्रांसपोर्टेशन के मद में किया जाने वाला भुगतान भी अब बच सकेगा और (RFC) गोदाम के किराए में भी अच्छी खासी बचत होगी.

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