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सीएम योगी ने दुर्गा मंदिर में की कलश स्थापना, गोरखनाथ मंदिर परिसर से निकाली गई शोभायात्रा - गोरखनाथ मंदिर सीएम कलश स्थापना

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Kalash installation) ने रविवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर में कलश की स्थापना की. इसके पूर्व मंदिर परिसर से भव्य कलशयात्रा निकाली गई.

सीएम योगी ने की कलश स्थापना.
सीएम योगी ने की कलश स्थापना.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2023, 8:28 PM IST

सीएम योगी ने की कलश स्थापना.

गोरखपुर : शारदीय नवरात्र की शुरुआत पर रविवार से गोरखनाथ मंदिर में आदिशक्ति की विशेष उपासना शुरू हो गई. इसी के साथ गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश की स्थापना की. पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. दो घंटे तक चला यह अनुष्ठान जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ.

भीम सरोवर पर पहुंची शोभायात्रा : कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई. मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ को गोरक्षपीठाधीश्वर ने परंपरागत रूप से अपने हाथों से शिव अवतारी गुरु गोरक्षनाथ का त्रिशूल देकर रवाना किया. योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा निकली. मठ के भूतल पर जल भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आह्रान कर कलश स्थापित किया.

सीएम ने विधि-विधान से की पूजा.
सीएम ने विधि-विधान से की पूजा.

अस्त्र-शस्त्र के साथ निकली कलश शोभायात्रा : मंदिर परिसर में कलश शोभायात्रायात्रा पूरी तरह परंपरागत ढंग से निकली. आगे-आगे त्रिशूल लिए मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ और उनके पीछे अस्त्र-शस्त्र लिए अन्य साधु संत, साथ में संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य व वेदपाठी छात्र. शंख और नाथ संप्रदाय के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी की गूंज के बीच कलश यात्रा भीम सरोवर पहुंची. भीम सरोवर में सभी अस्त्र-शस्त्र को स्नान कराने व कलश भरने का अनुष्ठान पूरा हुआ. शंख ध्वनि एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा वापस शक्ति मंदिर पहुंची. अष्टमी के दिन योगी कन्या पूजन भी करते हैं और विजयादशमी के जुलूस का नेतृत्व करते हैं.

गौरी-गणेश की आराधना की : गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की. इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया. पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया. आरती में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित रहे. सभी आनुष्ठानिक कार्य मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में अन्य पुरोहितों, संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यगण व वेदपाठी छात्रों ने सम्पन्न कराए.

नौ दिन व्रत रहेंगे सीएम योगी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र पर्व पर नौ दिन का व्रत कर रखा है. व्रत का यह सिलसिला उनके गोरक्षपीठ में आगमन के साथ से ही ढाई दशक से अधिक समय से जारी है. मुख्यमंत्री बनने से पूर्व योगी आदित्यनाथ पूरी नवरात्रि गोरखनाथ मठ के पहले तल पर ही प्रवास कर उपासना में रत रहते थे. सीएम की बड़ी जिम्मेदारी के बाद सिर्फ प्रवास में बदलाव हुआ है, शेष पूजा-आराधना का क्रम अनवरत जारी है.

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने गोरखपुर को दी करोड़ों की सौगात, चारकोल प्लांट के लिए एमओयू साइन

लकी मैदान में दलित वोटरों को रिझाएंगे सीएम योगी, बस्ती के मेधावी होंगे सम्मानित

सीएम योगी ने की कलश स्थापना.

गोरखपुर : शारदीय नवरात्र की शुरुआत पर रविवार से गोरखनाथ मंदिर में आदिशक्ति की विशेष उपासना शुरू हो गई. इसी के साथ गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश की स्थापना की. पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. दो घंटे तक चला यह अनुष्ठान जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ.

भीम सरोवर पर पहुंची शोभायात्रा : कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई. मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ को गोरक्षपीठाधीश्वर ने परंपरागत रूप से अपने हाथों से शिव अवतारी गुरु गोरक्षनाथ का त्रिशूल देकर रवाना किया. योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा निकली. मठ के भूतल पर जल भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आह्रान कर कलश स्थापित किया.

सीएम ने विधि-विधान से की पूजा.
सीएम ने विधि-विधान से की पूजा.

अस्त्र-शस्त्र के साथ निकली कलश शोभायात्रा : मंदिर परिसर में कलश शोभायात्रायात्रा पूरी तरह परंपरागत ढंग से निकली. आगे-आगे त्रिशूल लिए मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ और उनके पीछे अस्त्र-शस्त्र लिए अन्य साधु संत, साथ में संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य व वेदपाठी छात्र. शंख और नाथ संप्रदाय के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी की गूंज के बीच कलश यात्रा भीम सरोवर पहुंची. भीम सरोवर में सभी अस्त्र-शस्त्र को स्नान कराने व कलश भरने का अनुष्ठान पूरा हुआ. शंख ध्वनि एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा वापस शक्ति मंदिर पहुंची. अष्टमी के दिन योगी कन्या पूजन भी करते हैं और विजयादशमी के जुलूस का नेतृत्व करते हैं.

गौरी-गणेश की आराधना की : गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की. इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया. पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया. आरती में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित रहे. सभी आनुष्ठानिक कार्य मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में अन्य पुरोहितों, संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यगण व वेदपाठी छात्रों ने सम्पन्न कराए.

नौ दिन व्रत रहेंगे सीएम योगी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र पर्व पर नौ दिन का व्रत कर रखा है. व्रत का यह सिलसिला उनके गोरक्षपीठ में आगमन के साथ से ही ढाई दशक से अधिक समय से जारी है. मुख्यमंत्री बनने से पूर्व योगी आदित्यनाथ पूरी नवरात्रि गोरखनाथ मठ के पहले तल पर ही प्रवास कर उपासना में रत रहते थे. सीएम की बड़ी जिम्मेदारी के बाद सिर्फ प्रवास में बदलाव हुआ है, शेष पूजा-आराधना का क्रम अनवरत जारी है.

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