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गोरखपुर: अब रोबोट बताएगा पुल की हालत, नहीं होंगे हादसे

पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से अब पुलों की स्थिति का जायजा लेने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा. रोबोट पिलरों की इमेज भेजेगा, जिससे पिलर में किसी भी तरह के क्रेक का पता चल सकेगा.

पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से रोबोटिक सिस्टम का किया जाएगा प्रयोग.
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Published : Jun 26, 2019, 2:15 PM IST

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे अपने पुलों की सुरक्षा जांच में अब 'रोबोटिक सिस्टम' का प्रयोग करेगा. पानी के अंदर पुलों के पिलर की डैमेज स्थिति को जानने के लिए इंजीनियरिंग विभाग जल्द ही अंडर वाटर रोबोटिक टेस्ट करने जा रहा है. इसमें नाव पर सवार रेलकर्मी एक मॉनिटर के साथ बैठेंगे और पिलर के पास पहुंचकर रोबोट को पानी के अंदर डाल देंगे. रोबोट दिए गए प्रोग्रामिंग के हिसाब से पानी के अंदर पिलर की फोटोग्राफी की रिपोर्ट मॉनिटर को भेज देगा, जिसके आधार पर विभाग के इंजीनियर डैमेज के स्टेटस पर अपने आगे की कार्रवाई करेंगे.

पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से रोबोटिक सिस्टम का किया जाएगा प्रयोग.

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की मानें तो अगर इमेज में कहीं से भी किसी प्रकार का क्रैक नजर आता है तो उसकी मरम्मत कराकर पुल को सुरक्षित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग के इंजीनियर वैसे तो सभी पुलों की रोबोटिक टेस्टिंग करेंगे, लेकिन आने वाले दिनों में राप्ती और एल्गिन पुल की इमेजिंग कराई जाएगी. विभाग की अलग-अलग टीमें पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर में समय-समय पर एक-एक पुलों की टेस्टिंग रिपोर्ट तैयार करेगा. इस टेस्टिंग में जहां भी कोई कमी मिलेगी तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा.

इस टेस्ट की तैयारी में घाघरा नदी पर बने एल्गिन पुल और गोरखपुर में सहजनवा के पास राप्ती नदी पर बने पुल के पिलर्स की जांच होगी. रोबोट फोटोग्राफी करेगा और नाव पर लगे मॉनीटर पर वास्तविक तस्वीर आएगी. माना जा रहा है कि इस सिस्टम से सटीक जानकारी मिल सकेगी और इमेज की क्वालिटी भी सटीक होगी. देखा जाए तो पूर्वोत्तर रेलवे की यह तैयारी निश्चित रूप से सुरक्षा और संरक्षा के मामले में बेहद खास कदम है. इसके सफलतापूर्वक संचालन से आने वाले समय में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सकता है.

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे अपने पुलों की सुरक्षा जांच में अब 'रोबोटिक सिस्टम' का प्रयोग करेगा. पानी के अंदर पुलों के पिलर की डैमेज स्थिति को जानने के लिए इंजीनियरिंग विभाग जल्द ही अंडर वाटर रोबोटिक टेस्ट करने जा रहा है. इसमें नाव पर सवार रेलकर्मी एक मॉनिटर के साथ बैठेंगे और पिलर के पास पहुंचकर रोबोट को पानी के अंदर डाल देंगे. रोबोट दिए गए प्रोग्रामिंग के हिसाब से पानी के अंदर पिलर की फोटोग्राफी की रिपोर्ट मॉनिटर को भेज देगा, जिसके आधार पर विभाग के इंजीनियर डैमेज के स्टेटस पर अपने आगे की कार्रवाई करेंगे.

पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से रोबोटिक सिस्टम का किया जाएगा प्रयोग.

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की मानें तो अगर इमेज में कहीं से भी किसी प्रकार का क्रैक नजर आता है तो उसकी मरम्मत कराकर पुल को सुरक्षित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग के इंजीनियर वैसे तो सभी पुलों की रोबोटिक टेस्टिंग करेंगे, लेकिन आने वाले दिनों में राप्ती और एल्गिन पुल की इमेजिंग कराई जाएगी. विभाग की अलग-अलग टीमें पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर में समय-समय पर एक-एक पुलों की टेस्टिंग रिपोर्ट तैयार करेगा. इस टेस्टिंग में जहां भी कोई कमी मिलेगी तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा.

इस टेस्ट की तैयारी में घाघरा नदी पर बने एल्गिन पुल और गोरखपुर में सहजनवा के पास राप्ती नदी पर बने पुल के पिलर्स की जांच होगी. रोबोट फोटोग्राफी करेगा और नाव पर लगे मॉनीटर पर वास्तविक तस्वीर आएगी. माना जा रहा है कि इस सिस्टम से सटीक जानकारी मिल सकेगी और इमेज की क्वालिटी भी सटीक होगी. देखा जाए तो पूर्वोत्तर रेलवे की यह तैयारी निश्चित रूप से सुरक्षा और संरक्षा के मामले में बेहद खास कदम है. इसके सफलतापूर्वक संचालन से आने वाले समय में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सकता है.

Intro:
ओपनिंग पीटीसी से खबर की शुरुवात....

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे अपने पुलों की सुरक्षा जांच में अब 'रोबोटिक सिस्टम' का प्रयोग करेगा। पानी के अंदर पुलों के पिलर की डैमेज स्थिति को जानने के लिए इंजीनियरिंग विभाग जल्द ही अंडर वाटर रोबोटिक टेस्ट करने जा रहा है। इसमें नाव पर सवार रेलकर्मी एक मॉनिटर के साथ बैठेंगे और पिलर के पास पहुंचकर रोबोट को पानी के अंदर डाल देंगे। रोबोट दिए गए प्रोग्रामिंग के हिसाब से पानी के अंदर पिलर की फोटोग्राफी का रिपोर्ट मॉनिटर को भेज देगा। जिसके आधार पर विभाग के इंजीनियर डैमेज के स्टेटस पर अपने आगे की कार्यवाही करेंगे।

नोट--कम्पलीट पैकेज, वॉइस ओवर हुआ है।


Body:पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की मानें तो अगर इमेज में कहीं से भी किसी प्रकार का क्रैक नजर आता है तो उसकी मरम्मत कराकर पुल को सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग के इंजीनियर वैसे तो सभी पुलों का रोबोटिक टेस्टिंग करेंगे लेकिन आने वाले दिनों में राप्ती और एल्गिन पुल की इमेजिंग कराई जाएगी। विभाग की अलग-अलग टीम पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर में समय-समय पर एक-एक पुलों की टेस्टिंग रिपोर्ट तैयार करेगा और जहां जो कमियां मिलेंगी उसे दुरुस्त कराया जाएगा।

बाइट--पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर


Conclusion:इस टेस्ट की तैयारी में घाघरा नदी पर बने एल्गिन पुल और गोरखपुर में सहजनवा के पास राप्ती नदी पर बने पुल के पिलर्स की जांच होगी। रोबोट फोटोग्राफी करेगा और नाव पर लगी मानीटर पर वास्तविक तस्वीर आएगी। माना जा रहा है कि इस सिस्टम से सटीक जानकारी मिल सकेगी और इमेज की क्वालिटी भी सटीक होगी। देखा जाए तो पूर्वोत्तर रेलवे की यह तैयारी निश्चित रूप से सुरक्षा और संरक्षा के मामले में बेहद खास कदम है। जिसके सफलतापूर्वक संचालन से आने वाले समय में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सकता है। क्योंकि निर्धारित पुलों पर अब ट्रेनों का भार काफी बढ़ चुका है। इस लिहाज से पुल और पुल के पिलर्स की जांच आवश्यक हो गई थी।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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