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गोरखपुर की रजिया सुल्ताना का कमाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मचाया धमाल

वैश्विक महामारी के बीच लोग जहां घरों में रहकर अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे थे.वहीं कई ऐसे भी थे जो इस महामारी को अवसर में तब्दील कर रहे थे. आमजन के लिए कुछ अलग कर गुजरने की इच्छा के साथ उतरे और उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया. ऐसी ही है गोरखपुर की रजिया सुल्ताना. देखिए रिपोर्ट...

गोरखपुर की रजिया सुल्ताना.
गोरखपुर की रजिया सुल्ताना.
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Published : Mar 2, 2021, 8:17 PM IST

गोरखपुरः कुछ अलग कर गुजरने की इच्छा के साथ गोरखपुर की रजिया सुल्ताना ने वो कर दिखाया जो उसने ठाना था. रजिया सुल्ताना ने महज 26 वर्ष की उम्र में 40 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को तकनीकी गुर सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया. इसका उन्हें भरपूर लाभ भी मिला. महज 11 माह के बीच उन्होंने 25 से 30 विभिन्न पुरस्कारों को अर्जित किया. इसमें से एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी है जो उन्हें ओमान से प्राप्त हुआ है.

रिपोर्ट.

फैशन डिजाइनर हैं रजिया सुल्ताना

आज के दौर में फैशन हमारे जीवन शैली का मुख्य हिस्सा बन गया है. इस क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान मोहद्दीपुर की रहने वाली रजिया सुल्ताना ने बना चुकी हैं. रजिया के बचपन में ही उनके सिर उनके पिता का साया उठ गया. मां की प्रेरणा और सहयोग से उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग में स्नातक और फैशन एसेसरीज एंड क्राफ्ट डिजाइनिंग का 3 साल का कोर्स किया. बाद में फैशन एवं टैक्सटाइल डिजाइनिंग को अपना क्षेत्र चुना और अपना पैशन बना लिया.

महिलाओं को दी फैशन डिजाइनिंग की तालीम

निफ्ट से फैशन एवं टैक्सटाइल डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद वैश्विक महामारी कोरोना के बीच उन्होंने अपने घर पर ही लड़कियों और महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग की बारीकियों को सिखाना शुरू किया. बाद में उन्होंने निफ्ट ज्वाइन करके खुद ही लगभग 30 लड़कियों को इसकी ट्रेनिंग देना शुरू किया. संस्थान से समय मिलने पर अपने घर पर गरीब और असहाय वर्ग की लगभग 15 लड़कियों को इसकी ट्रेनिंग देती हैं. इनकी मां रेलवे में कार्यरत हैं, कोई भी भाई नहीं है. तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. उनकी बड़ी बहन एक जानी-मानी आर्टिस्ट और दूसरी बहन साइकोलॉजिस्ट है. इस क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के बाद बहुत सी लड़कियों को स्वावलंबी बनाने में जुटी हुई है.

रजिया को मिला अवार्ड.
रजिया को मिला अवार्ड.

यहां मिल चुका है अवार्ड

रजिया सुल्ताना ने बताया कि सबसे पहला अवार्ड क्लास सात में ड्राइंग को लेकर मिला था. बेस्ट डिजाइनर का अवार्ड लखनऊ के एकेटीयू से 2018 में मिला. यह दौर रुका नहीं और लॉकडाउन के दौरान पिछले 1 वर्ष में विभिन्न संस्थानों के साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर तीन अवार्ड इंक्रेडिबल टैलेंट वूमेन मस्कट, ग्लोबल इंटरनेशनल एक्सीलेंट अवार्ड इन टैक्सटाइल डिजाइनिंग ओमान और अन्य अवार्ड फैशन, आर्ट, थीम वर्क में मिले हैं.

महिलाओं को स्वालंबी बनाने का काम जारी

रजिया की स्टूडेंट लोरिन फातिमा बताती है कि लॉकडाउन के दौरान उनका परिचय रजिया सुल्ताना से हुआ. उनकी परिवार की स्थिति बेहद खराब थी. ऐसे में मात्र 3 महीने के निःशुल्क प्रशिक्षण में ही उन्होंने घर पर ही अपना एक बुटीक सेंटर खोल लिया. इससे जहां उनकी आमदनी का एक जरिया मिला. वहीं परिवार का भरण पोषण भी पहले से काफी बेहतर हो गया है.

गोरखपुरः कुछ अलग कर गुजरने की इच्छा के साथ गोरखपुर की रजिया सुल्ताना ने वो कर दिखाया जो उसने ठाना था. रजिया सुल्ताना ने महज 26 वर्ष की उम्र में 40 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को तकनीकी गुर सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया. इसका उन्हें भरपूर लाभ भी मिला. महज 11 माह के बीच उन्होंने 25 से 30 विभिन्न पुरस्कारों को अर्जित किया. इसमें से एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी है जो उन्हें ओमान से प्राप्त हुआ है.

रिपोर्ट.

फैशन डिजाइनर हैं रजिया सुल्ताना

आज के दौर में फैशन हमारे जीवन शैली का मुख्य हिस्सा बन गया है. इस क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान मोहद्दीपुर की रहने वाली रजिया सुल्ताना ने बना चुकी हैं. रजिया के बचपन में ही उनके सिर उनके पिता का साया उठ गया. मां की प्रेरणा और सहयोग से उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग में स्नातक और फैशन एसेसरीज एंड क्राफ्ट डिजाइनिंग का 3 साल का कोर्स किया. बाद में फैशन एवं टैक्सटाइल डिजाइनिंग को अपना क्षेत्र चुना और अपना पैशन बना लिया.

महिलाओं को दी फैशन डिजाइनिंग की तालीम

निफ्ट से फैशन एवं टैक्सटाइल डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद वैश्विक महामारी कोरोना के बीच उन्होंने अपने घर पर ही लड़कियों और महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग की बारीकियों को सिखाना शुरू किया. बाद में उन्होंने निफ्ट ज्वाइन करके खुद ही लगभग 30 लड़कियों को इसकी ट्रेनिंग देना शुरू किया. संस्थान से समय मिलने पर अपने घर पर गरीब और असहाय वर्ग की लगभग 15 लड़कियों को इसकी ट्रेनिंग देती हैं. इनकी मां रेलवे में कार्यरत हैं, कोई भी भाई नहीं है. तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. उनकी बड़ी बहन एक जानी-मानी आर्टिस्ट और दूसरी बहन साइकोलॉजिस्ट है. इस क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के बाद बहुत सी लड़कियों को स्वावलंबी बनाने में जुटी हुई है.

रजिया को मिला अवार्ड.
रजिया को मिला अवार्ड.

यहां मिल चुका है अवार्ड

रजिया सुल्ताना ने बताया कि सबसे पहला अवार्ड क्लास सात में ड्राइंग को लेकर मिला था. बेस्ट डिजाइनर का अवार्ड लखनऊ के एकेटीयू से 2018 में मिला. यह दौर रुका नहीं और लॉकडाउन के दौरान पिछले 1 वर्ष में विभिन्न संस्थानों के साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर तीन अवार्ड इंक्रेडिबल टैलेंट वूमेन मस्कट, ग्लोबल इंटरनेशनल एक्सीलेंट अवार्ड इन टैक्सटाइल डिजाइनिंग ओमान और अन्य अवार्ड फैशन, आर्ट, थीम वर्क में मिले हैं.

महिलाओं को स्वालंबी बनाने का काम जारी

रजिया की स्टूडेंट लोरिन फातिमा बताती है कि लॉकडाउन के दौरान उनका परिचय रजिया सुल्ताना से हुआ. उनकी परिवार की स्थिति बेहद खराब थी. ऐसे में मात्र 3 महीने के निःशुल्क प्रशिक्षण में ही उन्होंने घर पर ही अपना एक बुटीक सेंटर खोल लिया. इससे जहां उनकी आमदनी का एक जरिया मिला. वहीं परिवार का भरण पोषण भी पहले से काफी बेहतर हो गया है.

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