गोरखपुर : जिले में राशन की दुकानों पर ठेकेदार खाद्यान्न नहीं पहुंचा रहे हैं. ठेकेदार बड़े-बड़े ट्रकों से खाद्यान्न उठाते हैं. सड़कों से गुजरते हुए प्रत्येक कोटेदार को बुलाकर वहीं से राशन की डिलीवरी कर देते हैं. इससे कोटेदारों को निजी पैसे से ट्रैक्टर-ट्रॉली का इंतजाम करना पड़ता है. ठेकेदारों की ओर से नियम और शर्तों का पालन न करने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कोटेदारों ने इसके विरोध में आवाज उठानी शुरू कर दी है. मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा. इसके बाद शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिला पूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह ने खाद्यान्न ठेकेदारों के साथ बैठक की. उन्होंने राशन की दुकानों तक राशन पहुंचाने में लापरवाही बरतने पर निलंबित करने की चेतावनी दी.
विकास भवन में जिला पूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह ने ठेकेदारों की बैठक में निर्देश दिए कि सभी ठेकेदारों ने ठेका लेते समय निर्देशों का अनुपालन करने की बात स्वीकार की थी. ठेकेदार इसका अनुपालन करें. शासनादेश है कि 25% छोटे वाहनों से गोदामों से खाद्यान्न का उठान कर ठेकेदार राशन की दुकानों तक पहुंचाएंगे. इसी आधार पर लोगों ने ठेका लिया है. ठेकेदार हर हाल में राशन वितरण केन्द्र तक खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य करें. अगर ठेकेदार इस तरह का कार्य नहीं करते हैं तो उन्हें दंडित किया जाएगा. राशन डीलरों के वितरण केंद्र तक उन्हें राशन पहुंचाना है. राशन को ठेकेदार सड़क पर उतारकर अब नही जा पाएंगे.
बता दें कि जिले में सरकारी खाद्यान्न को एफसीआई के गोदाम से सीधे राशन की दुकानों पर पहुंचाने के लिए टेंडर कराया गया था. उस समय ठेकेदारों ने हामी भरी थी कि गोदामों से राशन को उठाकर राशन डीलरों तक पहुंचाएंगे. इस काम में वे छोटे वाहन का भी उपयोग करेंगे. ठेकेदार 16 से 20 चक्के की गाड़ियों पर 40 से 50 टन माल लोड कर निकलते हैं. इसके बाद 100 से 50 गांव के राशन डीलरों को रोड पर बुलाकर वहीं पर राशन का वितरण कर रहे हैं. इससे डीलरों को दोहरी मार झेलना पड़ रही है. सड़क से कोटे की दुकान तक राशन को ले जाने में उन्हें खुद से दूसरे वाहन का इंतजाम करना पड़ रहा है.
गोरखपुर के रिजिनल फूड कंट्रोलर (आरएफसी) अनुज मलिक ने बताया कि सभी ठेकेदारों को निर्देशित किया गया है कि गोदामों से राशन उठाकर राशन की दुकानों तक पहुंचाने काम सही तरीके से करें. जिससे राशन डीलरों को किसी प्रकार का अतिरिक्त खर्च न करना पड़े. जो राशन की दुकानें गलियों में हैं, वहां तक ठेकेदार छोटे वाहनों से राशन पहुंचाएंगे. ठेकेदार द्वारा दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के फर्जी बिल बनाने का काम अब नहीं चल पाएगा. बैठक के माध्यम से राशन ठेकेदारों को कड़ा संदेश दिया गया है. इसकी निगरानी सभी सप्लाई इंस्पेक्टर करेंगे, इसका निर्देश भी जिला पूर्ति अधिकारी ने दे दिया है.
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