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'चालक दल' ऐप से होगी निगरानी, नहीं चलेगी रेलवे कर्मियों की मनमानी

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Published : Dec 1, 2020, 4:32 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 5:19 PM IST

डिजिटलाइजेशन की तरफ पूर्वोत्तर रेलवे ने एक अहम कदम उठाया है. रेलवे के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड अब मोबाइल से हाजिरी बनाएंगे. क्रू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत साइन ऑन और साइन ऑफ के लिए सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने नया मोबाइल ऐप विकसित किया है. अब चालक दल इस ऐप के जरिए सरल तरीके से अपनी अटेंडेंस लगा सकते हैं.

chalak dal app
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गोरखपुर: कोविड-19 प्रोटोकॉल का असर रेलवे में खासतौर पर देखने को मिल रहा है. सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम यानि की (क्रिस) ने रेलवे के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड जिनकी ड्यूटी ट्रेन संचालन से जुड़ी हुई है, उनकी हाजिरी को बिना लेटलतीफी के दर्ज करने के लिए एक ऐप लांच कर दिया है, जिसका नाम है 'चालक दल'.

'चालक दल' ऐप पर लगेगी अटेंडेंस.

बायोमेट्रिक की जगह ऐप ने लिया स्थान
इसके द्वारा अब स्टाफ के लोग रेलवे परिसर में पहुंचते ही एक्टिव हुए 'चालक दल' नाम के इस ऐप से अपनी हाजिरी लगा सकते हैं. देर होने की स्थिति में अगर वह ट्रेन के संचालन में जुड़ भी जाते हैं तो यह ऐप उनकी हाजिरी को रद्द होने से बचाएगा. वह ड्यूटी के दौरान अपनी हाजिरी कहीं से भी लगा सकेंगे. इसके साथ एक खास बात यह है कि अब बिना ड्यूटी आए किसी की हाजिरी नहीं लगेगी. यह ऐप सिर्फ रेल संचालन परिसर और ट्रेन में ही काम करेगा. इसकी परिधि से बाहर जाने पर यह डी-एक्टिवेट हो जाएगा.

रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किशोर वैभव ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय रेलवे को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. इसके साथ यह निर्देश भी दिया है कि ऐप को लागू करने के साथ इसकी हर माह समीक्षा की जाए. अभी तक रेलवे के लोको पायलट और गार्ड बायोमेट्रिक हाजिरी लगाते रहे हैं, जो कोरोना के कारण बंद हो गया था. यही वजह है कि अब लोकेशन आधारित मोबाइल अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जा रहा है.

पूर्वोत्तर रेलवे में अब तक 70 फीसदी हाजिरी लगने का अनुमान
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की मानें तो रेलवे बहुत पहले डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ा चुका था. कई अन्य ऐप के माध्यम से विभाग में कार्य किए जा रहे थे, लेकिन यह ऐप रेल संचालन से जुड़े लोगों को एक्टिव रखने और उनकी हाजिरी की निगरानी करने में भी मददगार होगा. इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव में भी यह अहम रोल अदा करेगा. उन्होंने बताया कि करीब 70 प्रतिशत लोग इस सिस्टम से जुड़ गए हैं, बाकी भी जल्दी जुड़ जाएंगे. इस ऐप का उपयोग करने वाले भी इसे अपने लिए बेहद लाभकारी बता रहे हैं. वह कहते हैं कि कभी-कभी काम के दबाव में वह हाजिरी लगाना भूल जाते थे, लेकिन अब हाथ में ही डिवाइस होने से यह काम आसान हो गया है.

ऐसे काम करेगा ऐप...
'चालक दल' नाम के इस एप को लोको पायलट, गार्ड और असिस्टेंट लोको पायलट अपने एंड्रॉयड फोन में डाउनलोड कर सकेंगे. अपने सीएमएस की आईडी और पासवर्ड डालकर वह इसे अपडेट करेंगे. साथ ही हाजिरी ऑप्शन में जाकर साइन इन और ऑन करेंगे. ऐप में टाइम डालते ही आवेदन स्वीकृत हो जाएगा. इसके अलावा रेलवे में जल्द ही इलाज के लिए विशिष्ट चिकित्सा पहचान पत्र को भी अनिवार्य किया जा सकता है, जिसके लिए परिचय पत्र का होना जरूरी है. इसके नहीं होने की स्थिति में स्वास्थ्य सुविधाएं पाने में कर्मचारियों को परेशानी होगी. इसलिए रेलवे ने जो लोग पहचान पत्र नहीं बनवा पाए हैं, उन्हें UMID.digitalir.in पर जकरण पंजीकरण कराने और पहचान पत्र हासिल करने को कहा है.

गोरखपुर: कोविड-19 प्रोटोकॉल का असर रेलवे में खासतौर पर देखने को मिल रहा है. सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम यानि की (क्रिस) ने रेलवे के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड जिनकी ड्यूटी ट्रेन संचालन से जुड़ी हुई है, उनकी हाजिरी को बिना लेटलतीफी के दर्ज करने के लिए एक ऐप लांच कर दिया है, जिसका नाम है 'चालक दल'.

'चालक दल' ऐप पर लगेगी अटेंडेंस.

बायोमेट्रिक की जगह ऐप ने लिया स्थान
इसके द्वारा अब स्टाफ के लोग रेलवे परिसर में पहुंचते ही एक्टिव हुए 'चालक दल' नाम के इस ऐप से अपनी हाजिरी लगा सकते हैं. देर होने की स्थिति में अगर वह ट्रेन के संचालन में जुड़ भी जाते हैं तो यह ऐप उनकी हाजिरी को रद्द होने से बचाएगा. वह ड्यूटी के दौरान अपनी हाजिरी कहीं से भी लगा सकेंगे. इसके साथ एक खास बात यह है कि अब बिना ड्यूटी आए किसी की हाजिरी नहीं लगेगी. यह ऐप सिर्फ रेल संचालन परिसर और ट्रेन में ही काम करेगा. इसकी परिधि से बाहर जाने पर यह डी-एक्टिवेट हो जाएगा.

रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किशोर वैभव ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय रेलवे को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. इसके साथ यह निर्देश भी दिया है कि ऐप को लागू करने के साथ इसकी हर माह समीक्षा की जाए. अभी तक रेलवे के लोको पायलट और गार्ड बायोमेट्रिक हाजिरी लगाते रहे हैं, जो कोरोना के कारण बंद हो गया था. यही वजह है कि अब लोकेशन आधारित मोबाइल अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जा रहा है.

पूर्वोत्तर रेलवे में अब तक 70 फीसदी हाजिरी लगने का अनुमान
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की मानें तो रेलवे बहुत पहले डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ा चुका था. कई अन्य ऐप के माध्यम से विभाग में कार्य किए जा रहे थे, लेकिन यह ऐप रेल संचालन से जुड़े लोगों को एक्टिव रखने और उनकी हाजिरी की निगरानी करने में भी मददगार होगा. इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव में भी यह अहम रोल अदा करेगा. उन्होंने बताया कि करीब 70 प्रतिशत लोग इस सिस्टम से जुड़ गए हैं, बाकी भी जल्दी जुड़ जाएंगे. इस ऐप का उपयोग करने वाले भी इसे अपने लिए बेहद लाभकारी बता रहे हैं. वह कहते हैं कि कभी-कभी काम के दबाव में वह हाजिरी लगाना भूल जाते थे, लेकिन अब हाथ में ही डिवाइस होने से यह काम आसान हो गया है.

ऐसे काम करेगा ऐप...
'चालक दल' नाम के इस एप को लोको पायलट, गार्ड और असिस्टेंट लोको पायलट अपने एंड्रॉयड फोन में डाउनलोड कर सकेंगे. अपने सीएमएस की आईडी और पासवर्ड डालकर वह इसे अपडेट करेंगे. साथ ही हाजिरी ऑप्शन में जाकर साइन इन और ऑन करेंगे. ऐप में टाइम डालते ही आवेदन स्वीकृत हो जाएगा. इसके अलावा रेलवे में जल्द ही इलाज के लिए विशिष्ट चिकित्सा पहचान पत्र को भी अनिवार्य किया जा सकता है, जिसके लिए परिचय पत्र का होना जरूरी है. इसके नहीं होने की स्थिति में स्वास्थ्य सुविधाएं पाने में कर्मचारियों को परेशानी होगी. इसलिए रेलवे ने जो लोग पहचान पत्र नहीं बनवा पाए हैं, उन्हें UMID.digitalir.in पर जकरण पंजीकरण कराने और पहचान पत्र हासिल करने को कहा है.

Last Updated : Dec 1, 2020, 5:19 PM IST
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