गोरखपुर: हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के इस खाद कारखाने से फरवरी 2021 में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते प्रबंधन जुलाई 2021 में उत्पादन शुरू किए जाने की बात कह रहा है. नवरात्र में गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में कारखाने के प्रबंधन को बुलाकर बातचीत की थी. इसके बाद खाद उत्पादन की नई तारीख का मामला सामने आया. इस कारखाने से नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा, जो किसानों के लिए लाभकारी और इसकी कालाबाजारी को रोकने में कामयाब होगा.
2018 में पड़ी थी खाद कारखाने की नींव
गोरखपुर के निर्माणाधीन खाद कारखाने का शिलान्यास साल 2018 में हुआ था. जहां से उत्पादन का लक्ष्य फरवरी 2021 रखा गया था, लेकिन कोरोना महामारी में मजदूरों की घर वापसी और लॉकडाउन में मशीनरी का आवागमन प्रभावित होने से निर्माण कार्य काफी पिछड़ गया है. कारखाने के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि करीब 90 फीसदी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. बाकी बचे कार्य को जुलाई से पहले पूर्ण करते हुए उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी जानकारी सीएम योगी को भी दी गई है. कोविड-19 से संक्रमण में बचाव को देखते हुए महीने में तीन से चार बार जांच शिविर लगाया जा रहा है. अब तक 6 हजार 200 कर्मचारियों-अधिकारियों की जांच हो चुकी है.
3850 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी खाद उत्पादन क्षमता
खाद कारखाने के निर्माण पर कुल 6500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. कारखाने की उत्पादन क्षमता 3850 मैट्रिक टन प्रतिदिन होगी. इसके निर्माण में कुल 5 कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं. इसमें एनटीपीसी, सीआईएल, आईओसीएल, एफसीआईएल और एचएफसीएल के साझा उपक्रम एचयूआरएल को मिली हुई है. यह गैस आधारित प्लांट होगा, जिसका प्रिलिंग टावर भी बनकर तैयार हो गया है.
यूरिया के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 2016 में गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी में बंद पड़े खाद कारखानों को पुनः संचालित करने की मंजूरी दी थी. इसके बाद गोरखपुर खाद कारखाने का शिलान्यास हुआ और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.