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गोरखपुर का एक ऐसा गांव, जहां सीसीटीवी से होती है निगरानी - लोगों पर रखी जा रही नजर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के छितौनी गांव के प्रधान ने एक अनोखी पहल की है. इस पहल के अंतर्गत उन्होंने गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, ताकि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सके.

cctv is placed in village
24 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया
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Published : May 18, 2020, 4:42 PM IST

Updated : May 20, 2020, 8:23 PM IST

गोरखपुर: कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार और सामाजिक संस्थाएं तरह-तरह की पहल कर रही हैं, लेकिन जिले में एक प्रधान की पहल इस दौरान सबसे अनोखी दिखाई दे रही है. ग्राम सभा छितौनी के प्रधान प्रतिनिधि दिनेश यादव ने पूरे गांव को तीन जोन में बांटकर 24 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. वह इस माध्यम से गांव की सुरक्षा-व्यवस्था और कोरोना की महामारी में गांव में इकट्ठा होने वाली भीड़ पर पूरी नजर बनाए हुए हैं.

24 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया

यही नहीं दूसरे राज्यों से लगातार आ रहे प्रवासी मजदूरों पर भी सीसीटीवी निगरानी टीम नजर बनाए हुए है. ये टीम गांव के युवाओं की है, जो प्रधान की निगरानी में काम करती है. उन्हें जैसे ही कैमरे में कहीं भीड़ और बाहरी लोग नजर आते हैं, वे वहां फौरन ही पहुंच जाते हैं.

प्रगति के पथ पर चल पड़ा है गांव
गोरखपुर जिला मुख्यालय से ग्रामसभा छितौना की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है. यह गांव नदी के किनारे बसा हुआ है. गांव अपने प्रधान की सूझबूझ और तकनीकी पहल से ब्लॉक से लेकर प्रदेश और केंद्र की ग्रामीण विकास योजनाओं में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुका है. यही वजह है कि इसे सरकार ने परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में तीन करोड़ 80 लाख रुपये से ज्यादा का बजट सेंग्शन किया है. यह इसलिए हुआ है क्योंकि यह ग्राम सभा विकास के लिए बेहतर कार्य कर रही है.

सीसीटीवी से रखी जा रही नजर
वहीं अब गांव के लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए गांव के प्रधान ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. कैमरे के माध्यम से लोगों के ऊपर निगरानी बनाने का प्रयास किया गया है. प्रधान का कहना है कि इससे जहां गांव की सुरक्षा कैमरे में कैद होती रहेगी, वहीं इस संक्रमण के दौरान चोरी और छिनैती जैसी घटनाओं पर भी नजर रहेगी. गांव के लोग समूह बनाकर इकट्ठा नहीं हो सकते, बाहरी मजदूर भी कैमरे की नजर में होंगे. इससे सिर्फ गांव ही नहीं एक बड़े इलाके को इस संक्रमण से बचाया जा सकेगा.

गलती करने पर मिलता है दंड
निगरानी दल के सदस्य कुछ भी गड़बड़ देखते उस जगह पर पहुंच जाते हैं और लोगों को संक्रमण से बचाव का तरीका भी बताते हैं. साथ ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात कहते हैं. इन कैमरों के लग जाने से अब महिलाएं भी काफी सुरक्षित महसूस कर रही हैं. दूसरी ओर गांव में गंदगी भी देखने को नहीं मिलती है. यह गांव खुले में शौच मुक्त है, इसलिए कोई अगर ऐसी गलती करता पाया जाता है तो वह भी दंड का भागी होता है. गांव की सड़क पर गंदगी न होने से गांव बहुत व्यवस्थित नजर आता है.

गोरखपुर: कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार और सामाजिक संस्थाएं तरह-तरह की पहल कर रही हैं, लेकिन जिले में एक प्रधान की पहल इस दौरान सबसे अनोखी दिखाई दे रही है. ग्राम सभा छितौनी के प्रधान प्रतिनिधि दिनेश यादव ने पूरे गांव को तीन जोन में बांटकर 24 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. वह इस माध्यम से गांव की सुरक्षा-व्यवस्था और कोरोना की महामारी में गांव में इकट्ठा होने वाली भीड़ पर पूरी नजर बनाए हुए हैं.

24 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया

यही नहीं दूसरे राज्यों से लगातार आ रहे प्रवासी मजदूरों पर भी सीसीटीवी निगरानी टीम नजर बनाए हुए है. ये टीम गांव के युवाओं की है, जो प्रधान की निगरानी में काम करती है. उन्हें जैसे ही कैमरे में कहीं भीड़ और बाहरी लोग नजर आते हैं, वे वहां फौरन ही पहुंच जाते हैं.

प्रगति के पथ पर चल पड़ा है गांव
गोरखपुर जिला मुख्यालय से ग्रामसभा छितौना की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है. यह गांव नदी के किनारे बसा हुआ है. गांव अपने प्रधान की सूझबूझ और तकनीकी पहल से ब्लॉक से लेकर प्रदेश और केंद्र की ग्रामीण विकास योजनाओं में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुका है. यही वजह है कि इसे सरकार ने परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में तीन करोड़ 80 लाख रुपये से ज्यादा का बजट सेंग्शन किया है. यह इसलिए हुआ है क्योंकि यह ग्राम सभा विकास के लिए बेहतर कार्य कर रही है.

सीसीटीवी से रखी जा रही नजर
वहीं अब गांव के लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए गांव के प्रधान ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. कैमरे के माध्यम से लोगों के ऊपर निगरानी बनाने का प्रयास किया गया है. प्रधान का कहना है कि इससे जहां गांव की सुरक्षा कैमरे में कैद होती रहेगी, वहीं इस संक्रमण के दौरान चोरी और छिनैती जैसी घटनाओं पर भी नजर रहेगी. गांव के लोग समूह बनाकर इकट्ठा नहीं हो सकते, बाहरी मजदूर भी कैमरे की नजर में होंगे. इससे सिर्फ गांव ही नहीं एक बड़े इलाके को इस संक्रमण से बचाया जा सकेगा.

गलती करने पर मिलता है दंड
निगरानी दल के सदस्य कुछ भी गड़बड़ देखते उस जगह पर पहुंच जाते हैं और लोगों को संक्रमण से बचाव का तरीका भी बताते हैं. साथ ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात कहते हैं. इन कैमरों के लग जाने से अब महिलाएं भी काफी सुरक्षित महसूस कर रही हैं. दूसरी ओर गांव में गंदगी भी देखने को नहीं मिलती है. यह गांव खुले में शौच मुक्त है, इसलिए कोई अगर ऐसी गलती करता पाया जाता है तो वह भी दंड का भागी होता है. गांव की सड़क पर गंदगी न होने से गांव बहुत व्यवस्थित नजर आता है.

Last Updated : May 20, 2020, 8:23 PM IST
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