गोरखपुर: चोरी, लूट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मिड नाइट अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी व थानेदार चौकसी के लिए गश्त करेंगे. इसके लिए जिले को तीन बड़े जोन में व चार छोटे जोन में बांटा गया है. बड़े जोन में राजपत्रित पुलिस अधिकारी व छोटे जोन में थानेदार स्तर तक के अधिकारी गश्त करेंगे.
अलग-अलग समय पर करेंगे गश्त
प्रथम जोन में कैंट, गोरखनाथ, शाहपुर, चिलुआताल, गुलरिहा, पिपराईच, कैंपियरगंज, पीपीगंज, सहजनवा थाने को रखा गया है. यहां एसपी अपराध, एसपी यातायात, एसपी उत्तरी, एसपी दक्षिणी, एसपी नगर, एएसपी/सीओ कैंपिरगंज, प्रशिक्षु एएसपी अलग-अलग समय पर गश्त करेंगे. ऐसे ही रामगढ़ताल सहित नौ थानों को द्वितीय जोन व कोतवाली सहित नौ थानों को तृतीय जोन में रखा गया है. यहां भी राजपत्रित पुलिस अधिकारी अलग-अलग समय पर गश्त करेंगे. हर अधिकारी का सप्ताह में एक दिन नंबर आएगा.
एसएसपी/डीआईजी खुद करेंगे जांच
गश्त अभियान रात 1 बजे से सुबह 6 बजे तक चलेगा. छोटे जोन में सात थानों को रखा गया है. रात्रि गश्त के दौरान अधिकारी ड्यूटी करने वाले थाने के पुलिस कर्मी, पिकेट, हाक दस्ता, स्थाई व अस्थाई गार्ड व डायल 112 के पुलिस कर्मियों की सक्रियता की जांच करेंगे. चेकिंग के लिए नियंत्रण कक्ष में तीन रजिस्टर रखे जाएंगे. चेकिंग करने वाले अधिकारी नियंत्रण कक्ष से रजिस्टर को प्राप्त करेंगे और चेकिंग समाप्त होने पर उसे नियंत्रण कक्ष में रख देंगे. नियंत्रण कक्ष के प्रभारी इस रजिस्टर को रीडर को देंगे. रीडर प्रत्येक दिन रजिस्टर को डीआईजी/एसएसपी के सामने रखेंगे. एसएसपी खुद भी समय-समय पर जांच के दौरान अधिकारियों की मुस्तैदी देखेंगे.
सीओ कपिल देव होंगे चेकिंग अभियान के नोडल
एसएसपी सीओ कपिल देव मिश्र को मिड नाइट चेकिंग अभियान का नोडल बनाया गया है. वह प्रत्येक दिन चेकिंग करने वाले संबंधित अधिकारियों द्वारा अंकित विवरण की समीक्षा करेंगे. फोन के जरिये वह सभी की लोकेशन देखते रहेंगे. चेकिंग ना करने पर संबंधित अधिकारी की रिपोर्ट एसएसपी को देंगे. इसके अलावा वह कंट्रोल रूम से प्रतिदिन एक से छह बजे तक अधिकारियों की लोकेशन चार्ट में अंकित करेंगे. रिपोर्ट को वाचक को उपलब्ध कराएंगे. एसएसपी/डीआइजी जोगेंद्र कुमार का कहना है कि कुछ दिन पूर्व भी चोरी व लूट की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों की रात्रि गश्त लगाई गई थी. इसका परिणाम बेहतर रहा. चोरी की घटनाओं में कमी आई तो यह व्यवस्था और बेहतर तरीके से लागू की गई है.