ETV Bharat / state

गोरखपुर: निमोनिया की रोकथाम के लिए 8 अगस्त से शुरू होगा टीकाकरण अभियान

गोरखपुर में 8 अगस्त से निमोनिया की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान की मदद से निमोनिया से होने वाली मौतों को रोका जा सकेगा, क्योंकि हर साल करीब 1.5 लाख बच्चे निमोनिया से अपनी जान गंवा देते हैं.

pneumococcal vaccination campaign in gorakhpur
गोरखपुर में निमोनिया की रोकथाम के लिए 8 अगस्त से शुरू होगा टीकाकरण अभियान.
author img

By

Published : Jul 25, 2020, 4:00 PM IST

गोरखपुर: कोविड-19 की महामारी से लोगों को निजात दिलाने में जुटा स्वास्थ्य महकमा आगामी 8 अगस्त से एक और बड़ा अभियान शुरू करने वाला है. न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाली निमोनिया की बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान चलाएगा, जिससे मासूम बच्चों को काल के गाल में जाने से बचाया जा सके.

निमोनिया की रोकथाम के लिए शुरू होगा टीकाकरण अभियान.

निमोनिया को रोकने के लिए 'पीसीवी' नामक टीका लगाया जाता है, जिसके लिए 110 प्रशिक्षकों को स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया है. यह प्रशिक्षक विभाग के फ्रंटलाइन वर्कर जिसमें आशा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं, को प्रशिक्षित करेंगे. इस बीमारी की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल करीब 1.5 लाख बच्चे निमोनिया से अपनी जान गंवा देते हैं.

निमोनिया को रोकने के लिए बच्चों में वैक्सीन की तीन डोज लगाई जाती है, जिसके प्रत्येक डोज की निजी अस्पतालों में कीमत 3 हजार रुपये है, लेकिन अगस्त महीने से यह सभी सरकारी अस्पतालों और एएनएम सब सेंटर पर निशुल्क लगाया जाएगा.

गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इस टीकाकरण को नियमित टीकाकरण के अभियान में 8 अगस्त से शामिल किया जाएगा. सरकार की तरफ से निशुल्क लगाए जाने वाले टीकों के क्रम में यह 12वां टीका होगा. उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में प्रशिक्षकों के द्वारा कोविड-19 के बचाव के तरीके तो बताए ही जाएंगे, फिजिकल डिस्टेंसिंग को भी अपनाने पर जोर दिया जाएगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जन समुदाय से अपील की है कि वे आगे आकर अपने बच्चों को टीका लगवाएं, जिससे हर साल डेढ़ लाख बच्चों को जान गंवाने से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि देश में 5.6 लाख बच्चे न्यूमोकोकल बैक्टीरिया के कारण निमोनिया की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. शासन ने इस बात को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर में नियमित टीकाकरण अभियान में इसे शामिल करने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है गोरखपुर का 'बौद्ध संग्रहालय'

कोविड-19 संक्रमण काल में इस टीके को शामिल करने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनिसेफ और यूएनडीपी की मदद से प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, एआरओ और बीसीपीएम को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे लोग सीधे तौर पर समुदाय से जुड़े फ्रंटलाइन वर्कर को जानकारी दे सकें. यह टीके डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और 9 माह की आयु के बच्चों को लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इस अभियान में शामिल होंगे, वह हाथों की साफ-सफाई के साथ मास्क के उपयोग और 2 गज की दूरी का अवश्य ध्यान रखेंगे.

गोरखपुर: कोविड-19 की महामारी से लोगों को निजात दिलाने में जुटा स्वास्थ्य महकमा आगामी 8 अगस्त से एक और बड़ा अभियान शुरू करने वाला है. न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाली निमोनिया की बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान चलाएगा, जिससे मासूम बच्चों को काल के गाल में जाने से बचाया जा सके.

निमोनिया की रोकथाम के लिए शुरू होगा टीकाकरण अभियान.

निमोनिया को रोकने के लिए 'पीसीवी' नामक टीका लगाया जाता है, जिसके लिए 110 प्रशिक्षकों को स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया है. यह प्रशिक्षक विभाग के फ्रंटलाइन वर्कर जिसमें आशा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं, को प्रशिक्षित करेंगे. इस बीमारी की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल करीब 1.5 लाख बच्चे निमोनिया से अपनी जान गंवा देते हैं.

निमोनिया को रोकने के लिए बच्चों में वैक्सीन की तीन डोज लगाई जाती है, जिसके प्रत्येक डोज की निजी अस्पतालों में कीमत 3 हजार रुपये है, लेकिन अगस्त महीने से यह सभी सरकारी अस्पतालों और एएनएम सब सेंटर पर निशुल्क लगाया जाएगा.

गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इस टीकाकरण को नियमित टीकाकरण के अभियान में 8 अगस्त से शामिल किया जाएगा. सरकार की तरफ से निशुल्क लगाए जाने वाले टीकों के क्रम में यह 12वां टीका होगा. उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में प्रशिक्षकों के द्वारा कोविड-19 के बचाव के तरीके तो बताए ही जाएंगे, फिजिकल डिस्टेंसिंग को भी अपनाने पर जोर दिया जाएगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जन समुदाय से अपील की है कि वे आगे आकर अपने बच्चों को टीका लगवाएं, जिससे हर साल डेढ़ लाख बच्चों को जान गंवाने से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि देश में 5.6 लाख बच्चे न्यूमोकोकल बैक्टीरिया के कारण निमोनिया की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. शासन ने इस बात को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर में नियमित टीकाकरण अभियान में इसे शामिल करने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है गोरखपुर का 'बौद्ध संग्रहालय'

कोविड-19 संक्रमण काल में इस टीके को शामिल करने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनिसेफ और यूएनडीपी की मदद से प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, एआरओ और बीसीपीएम को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे लोग सीधे तौर पर समुदाय से जुड़े फ्रंटलाइन वर्कर को जानकारी दे सकें. यह टीके डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और 9 माह की आयु के बच्चों को लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इस अभियान में शामिल होंगे, वह हाथों की साफ-सफाई के साथ मास्क के उपयोग और 2 गज की दूरी का अवश्य ध्यान रखेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.