गोरखपुरः जिले में स्वच्छता और सफाई जैसे अभियान के लिए नगर निगम की सैकड़ों गाडियां संचालित होती हैं. इसमें बड़े पैमाने पर तेल चोरी का खेल होता था, लेकिन तकनीकि और नगर आयुक्त के निगरानी के बाद अब तेल चोरी के इस खेल पर लगाम लगाने में सफलता मिल रही है. बीते दिनों नगर आयुक्त ने खुद नगर निगम के कर्मचारियों को तेल चोरी करते हुए पकड़ा था. इसके बाद इन पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी. तेल चोरी पर अंकुश लगाने के लिए नगर आयुक्त ने कई अधिकारियों को अलग-अलग टीम बनाकर जिम्मेदारी दी है. तेल चोरी में निगम कर्मचारियों के साथ पेट्रोल पंप संचालकों की भी मिलीभगत सामने आई है. इसके बाद निगम ने तेल भराने के लिए की कर्मचारियों को दी जाने वाली पर्चियों में भी बड़ा बदलाव किया है.
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि गाड़ियों से तेल चोरी होने की सूचना उन्हें मिल रही थीं. इसके बाद उन्होंने नवंबर माह में इसकी निगरानी तेज कर दी. 27 नवंबर 2022 को मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास उन्होंने पहली चोरी पकड़ी. नगर आयुक्त ने बताया कि नार्मल स्कूल के बगल में खड़ी एक जीप में कई गैलन तेल रखकर उसे बेचने के लिए ले जाया जा रहा था. इसी दौरान गाड़ी को पकड़ा गया, जिसमें करीब डेढ़ सौ लीटर डीजल था. हालांकि मौके पर कोई मिला नहीं. इसके बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. साक्ष्यों के आधार पर जांच प्रक्रिया अभी चल रही है.
नगर आयुक्त के अनुसार तेल चोरी पर कार्रवाई का नतीजा यह रहा कि अन्य महीनों की तुलना में दिसंबर 2022 में नगर निगम करीब साढ़े 37 लाख रुपए का डीजल बचाने में कामयाब हुआ. नगर आयुक्त ने कर्मचारियों को निर्देश दिए कि जितना जरूरी हो उतना ही डीजल खर्च किया जाए. वरना कार्रवाई होगी. इस अभियान के तहत तेल चोरी को खत्म करने को अभियान में सपलता मिलती नजर आ रही है.
नगर आयुक्त का ये भी कहना है कि इस कार्य में निगम के कर्मचारियों और पेट्रोल पंप वालों की भी मिलीभगत देखने को मिली है. इसलिए तेल की पुरानी पर्ची का सिस्टम रद्द करते हुए नई पर्चियां नगर निगम की लोगों लगी छपवा दी गई हैं. इसके साथ ही आरएफआईडी तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है. जिससे तेल चोरी पर लगाम लगाने में बड़े स्तर पर सफलता मिली है. तेल भरने की जिम्मेदारी उठाने वाले सफाई निरीक्षक, सुपरवाइजर और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत की पुष्टि के लिए उनके फोन काल का ब्यौरा भी एकत्रित किया जा रहा है.
इससे पहले तेल की चोरी रोकने के लिए नगर निगम के वाहनों में "रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन" (आरएफआईडी) सिस्टम लगाए गए थे. लेकिन नगर निगम के वाहनों से तेल चोरी करने में फिर भी माफिया कामयाब हो जा रहे थे. नगर आयुक्त ने बताया कि इस अभियान को शुरू करने से पहले इंडियन आयल के पेट्रोल पंप अचानक निरीक्षण में पाया गया कि 2 गाड़ियों के ड्राइवर आरएफआईडी रिंग हाथ में लेकर गाड़ी में तेल भरवा रहे थे. इस पर उस गाड़ी के ड्राइवर मनजीत ने बहाना बनाया कि गाड़ी चलाने के दौरान आरएफआईडी डिवाइस निकल गया था.
बता दें कि तेल चोरी को रोकने के लिए नगर आयुक्त ने बिना आरएफआईडी के तेल भरवाने पर भुगतान रोकने का सिस्टम बना दिया है. वहीं, नोडल अफसरों को ही तेल की पर्ची जारी करने का अधिकार दिया गया है.
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