चौरी चौरा: जिले के लोगों को लागातार हो रही बरसात से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बीते एक सप्ताह से हो रही बरसात के कारण तहसील क्षेत्र के कई गावों के चारो तरफ जल जमाव हो गया है. कुछ जगहों पर गांव से ब्लॉक को जोड़ने वाली सड़कें जलमग्न हो गई हैं. दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात की वजह से नदियां उफान पर है.
जिले के ब्रह्मपुर क्षेत्र के तटबंध कमजोर हो गए हैं. भोपा बाजार मुख्य कस्बे में स्थित विद्युत् उपकेंद्र पर जल जमाव के कारण लगभग 6 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के घर की बिजली मंगलवार को 13 घण्टे से अधिक समय तक बाधित रही.
विद्युत उपकेंद्र में बरसात का पानी घुसने से आपूर्ति ठप
चौरी-चौरा तहसील के बगल में स्थित विद्युत उपकेंद्र पर सोमवार को भीषण बरसात के बाद, रात को ढाई बजे के आस पास पूरे क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई. कारण था कि विद्युत उपकेंद्र में बरसात का पानी गुस गया था. भोपा बाजार मुख्य कस्बे व आसपास के लगभग 6 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के घर की बिजली कट जाने के कारण चारो तरफ खलबली मच गई.
मंगलवार को विद्युत विभाग के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचे. स्थानीय कर्मचारियों ने पम्पसेट के जरिए विद्युत उपकेंद्र से बारिश का पानी बाहर निकाला. सोमवार रात ढाई बजे के बाद मंगलवार 4 बजे शाम 13 घण्टे बाद विद्युत व्यवस्था बहाल हो पाई.
बरसात के बाद नदियों में उफान
दूसरी तरफ ब्रह्मपुर ब्लॉक क्षेत्र में बहने वाली नादियां भी लगातार बरसात के बाद उफान पर हैं. मंगलवार को राप्ती नदी तटबन्ध पर स्थित बौठा गांव के पास रेगुलेटर से पानी के रिसाव की सूचना पर उपजिलाधिकारी अर्पित गुप्ता मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने ततबंधों की मरम्मत कर रहे लोगों की मदद से रेगुलेटर के रिसाव को पूर्ण रूप से बंद कराया. साथ ही बरही सरार व बौठा ततबंधों का निरीक्षण कर रैन कट व रैंट होल्स को दुरुस्त कराने का निर्देश दिया.
बरसात के कारण कई गांव की सड़कें बदहाल
तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर ब्लॉक में नई बाजार-बोहाबार, राजधानी- नई बाजार व सरदार नगर के खैराबाद, बंसाहिया, चौरी मार्ग के अलग-अलग जगहों पर जल जमाव होने के कारण सड़कें जलमग्न होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
भोपा बाजार विद्युत उपकेंद्र के अवर अभियंता ने बताया कि बरसात के कारण विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है. जिले से हमारे उच्चस्थ अधिकारी आये हैं. हम लोगों द्वारा दो पम्पसेट लगाकर पानी को हटाया गया है. प्रत्येक वर्ष भीषण बरसात के बाद ऐसी स्थित उत्पन्न होने की जानकारी मिली है.