गोरखपुर: रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा देना और उनकी शिकायतों को तत्परता के साथ निस्तारित करना रेलवे की जिम्मेदारी है. अपनी इस जिम्मेदारी को पूर्वोत्तर रेलवे ने बखूबी निभाया है. यही वजह है कि शिकायतें जिस भी श्रेणी की रही हैं उसको निपटाने में रेलवे के अधिकारियों ने महज 23 मिनट का समय लिया है. कुल 110 शिकायतों को तेजी के साथ निपटाने में देश के सभी रेल जोनों में उसने प्रथम स्थान हासिल किया है. स्टेशन पर या फिर रेल यात्रा के दौरान यात्री को किसी भी असुविधा की स्थिति में रेल प्रशासन 24 घंटे मदद की उम्मीद करता है. इसी उम्मीद पर पूर्वोत्तर रेलवे खरा उतरा है. जिससे उसके अधिकारी गदगद हैं, तो वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनकी पीठ थपथपाई है.
110 शिकायतों के निपटाने में औसतन 23 मिनट का लगा समय
विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए रेलयात्री 'रेल मदद एप', हेल्पलाइन नंबर-139, सुरक्षा हेल्पलाइन- 182, एसएमएस और वेब के माध्यम से अपनी समस्याओं की शिकायत दर्ज कराते हैं. इस महीने करीब 110 शिकायतें रेलवे को प्राप्त हुईं थीं. दो पहले से ही पेंडिंग चल रही थीं, जिनमें कुल 111 शिकायतों का निस्तारण रेलवे ने करके अपना कीर्तिमान रचा है. जिसमें प्रत्येक शिकायतों के निस्तारण में औसतन 23 मिनट का समय लिया गया है. इन समस्याओं में पार्सल, ट्रेनों में एसी की समस्या, चोरी, ओवर चार्जिंग, कर्मचारी व्यवहार, चिकित्सा सहायता, गाड़ियों में साफ-सफाई, गाड़ियों में प्रकाश की व्यवस्था और समय पालन की प्रकृति शामिल है.
रेलवे का नियंत्रण और परिवाद सेल करता है शिकायतों की निगरानी
सामान्यतया रेल मदद के माध्यम से गाड़ियों में साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था, चार्जिंग प्वाइंट, आरक्षित कोचों में अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश, खानपान, रिफंड और भ्रष्टाचार भी शिकायतों के दायरे में होता है. जिसे कम से कम समय में निस्तारित करने के लिए रेलवे का परिवाद सेल और नियंत्रण कक्ष काम करता है. पूरे समय परिवादों की मॉनीटरिंग रेल के अधिकारी करते हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की माने तो परिवादों के तत्काल निस्तारण से जहां यात्रियों को संतुष्टि मिलती है तो वहीं रेलवे भी अपनी सफलता और संतुष्टि के लक्ष्य को हासिल करने में सफल होता है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को बेहतर यात्रा सुविधा उपलब्ध कराना रेलवे की जिम्मेदारी है, जिसका पालन किया जा रहा है.