गोरखपुर : दूर-दराज से आए यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों की सुध अब पूर्वोत्तर रेलवे ने ली है. 15 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद कुलियों को स्वास्थ्य लाभ की सुविधा रेलवे अस्पताल में मिल सकेगी. इस घोषणा के बाद कुलियों में खुशी की लहर दौड़ गई. प्रसन्नता जाहिर करते हुए गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर कार्यरत लाइसेंस धारक कुलियों ने पीआरकेएस के कार्यालय पर खुशी का इजहार किया और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया.
कुलियों का कहना है कि रेल मंत्रालय ने इनकी सुध ली है. अभी तक इन्हें सिर्फ आउटडोर चिकित्सा की सुविधा मिल रही थी. उन्होंने कहा कि कुली संघ के अध्यक्ष और पीआरकेएस पदाधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय मजदूर यूनियन के नेताओं के सहयोग से अब देश के किसी भी रेलवे अस्पताल में मुफ्त इलाज होगा. अब अपने परिवार के सदस्यों का इलाज रेलवे अस्पतालों में करा सकेंगे. इस सुविधा के तहत लाइसेंसधारी सहायक खुद या घर के किसी भी सदस्य के बीमार होने पर रेलवे अस्पताल में निशुल्क इलाज करा सकेंगे. रेल मंत्रालय की जनकल्याणकारी योजना भारतीय रेलवे के सभी अस्पतालों में लागू होगी. इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने समस्त महाप्रबंधक को दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है.
इस संबंध में केंद्रीय प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि पीआरकेएस और केंद्रीय मजदूर यूनियन कुलियों के हक के लिए वर्षों से लड़ाई लड़ता चला आ रहा है और उसी का परिणाम है कि अब कुलियों को रेलवे अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिल सकेगा. वहीं कुली संघ के उपाध्यक्ष शंभू नाथ का कहना है कि हम लोग आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं. पीआरकेएस के नेताओं ने हमारी लड़ाई लड़कर हमें स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाया है. इसके साथ ही हमें रेलवे से पास भी मुहैया कराया है. हमें खुशी है कि अब हमारे परिवार का इलाज रेल कर्मचारियों की ही तरह रेलवे अस्पतालों में निशुल्क किया जाएगा.
पीआरकेएस के महामंत्री विनोद राय ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे में 184 से ज्यादा कुली स्टेशनों पर यात्रियों का बोझ उठाते हैं. हमने अपने केंद्रीय पदाधिकारियों से इन कुलियों को मिलाया और उनकी समस्याओं से अवगत कराया. इस पर आश्वासन देते हुए हमारे केंद्रीय पदाधिकारियों ने रेल मंत्रालय व रेलवे बोर्ड से इनके हक की लड़ाई लड़ी और आज उसी का परिणाम है कि इन्हें रेलवे की तरफ से तमाम सुविधाएं मिलने लगी है.