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निषाद आरक्षण मामला: 10 अगस्त को CJM कोर्ट में हाजिर होंगे योगी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद

मत्स्य विकास मंत्री डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad up minister) को सीजेएम गोरखपुर (CJM Court Gorakhpur) कोर्ट ने हाजिर होकर अपना पक्ष रखने को कहा है. बता दें कि 2015 में जिले के कसरवल कस्बे में मंत्री ने अपने साथियों के साथ निषाद आरक्षण के लिए आंदोलन किया था.

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डॉ. संजय निषाद (फाइल फोटो)
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Published : Aug 8, 2022, 12:07 PM IST

गोरखपुर: मत्स्य विकास मंत्री डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad up minister) को गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट (CJM Court Gorakhpur) ने जवाब दाखिल करने के लिए तलब किया है. पुलिस के ऊपर हमला, आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़ करने, आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मंत्री के खिलाफ जारी एनबीडब्ल्यू वारंट (NBW warrant issued against Sanjay Nishad) के तहत 10 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होना है. इसके बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने अपना एक वीडियो जारी कर कोर्ट में हाजिर होने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि वह फिलहाल आंध्र प्रदेश के दौरे पर हैं. उन्हें पत्रकार बंधुओं के माध्यम से इसकी जानकारी हुई है. वह 10 अगस्त को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे. बता दें कि साल 2015 में जिले के कसरवल कस्बे के पास संजय निषाद अपने साथियों के साथ ट्रेन को रोककर निषाद आरक्षण (nishad reservation in up ) के लिए आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान लोगों ने रेल की पटरी पर चारपाई आदि लगाकर पूरी तरह से आवागमन को बाधित कर दिया था. तभी कहीं से एक पत्थर उछला, जो पुलिस को जा लगा. इसके बाद आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.

मामले को बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज और गोली चलाई. इसमें इटावा से भाग लेने आए एक आंदोलनकारी अखिलेश निषाद की मृत्यु हो गई. कई वाहन आग की चपेट में भी आ गए थे. इस मामले में तत्कालीन सहजनवा थाना अध्यक्ष ने डॉक्टर संजय निषाद समेत तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था. डॉ. निषाद इस मामले में कोर्ट से बेल लेकर अपनी राजनीति कर रहे थे. लेकिन, शनिवार को उनके खिलाफ यह आदेश जैसे ही आया, वैसे ही उनके खेमें में हलचल मच गई.

यह भी पढ़ें: 'सपा मुरझाया पेड़ तो कांग्रेस से लोगों का मोहभंग', संजय निषाद का विरोधियों पर निशाना

इस मामले में डॉ संजय ने कहा कि जिस कसरवाल आंदोलन (निषाद आरक्षण के लिए किया आंदोलन) को लेकर सीजेएम कोर्ट गोरखपुर ने उनके लिए वारंट जारी किया है, उसका वह सम्मान करते हैं. फिलहाल वह अधिकारिक दौरे पर आंध्र प्रदेश आए हैं. उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है. न्यायपालिका 2015 में हुई निषाद भाइयों पर बर्बरता और तत्कालीन सपा सरकार द्वारा लादे गए फर्जी मुकदमों में न्याय करेगी. वह निषाद राज के सिपाही हैं. अपने समाज के हक के लिए जीवन की अंतिम सांस तक लड़ने और जेल में रहने के लिए भी तैयार हैं. समाज के हक और अधिकार की लड़ाई को वह सड़क और सदन के माध्यम से लगातार उठा रहे हैं. विरोधियों और समाज के विभीषणों ने यह झूठा प्रचार किया है कि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है.

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गोरखपुर: मत्स्य विकास मंत्री डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad up minister) को गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट (CJM Court Gorakhpur) ने जवाब दाखिल करने के लिए तलब किया है. पुलिस के ऊपर हमला, आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़ करने, आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मंत्री के खिलाफ जारी एनबीडब्ल्यू वारंट (NBW warrant issued against Sanjay Nishad) के तहत 10 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होना है. इसके बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने अपना एक वीडियो जारी कर कोर्ट में हाजिर होने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि वह फिलहाल आंध्र प्रदेश के दौरे पर हैं. उन्हें पत्रकार बंधुओं के माध्यम से इसकी जानकारी हुई है. वह 10 अगस्त को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे. बता दें कि साल 2015 में जिले के कसरवल कस्बे के पास संजय निषाद अपने साथियों के साथ ट्रेन को रोककर निषाद आरक्षण (nishad reservation in up ) के लिए आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान लोगों ने रेल की पटरी पर चारपाई आदि लगाकर पूरी तरह से आवागमन को बाधित कर दिया था. तभी कहीं से एक पत्थर उछला, जो पुलिस को जा लगा. इसके बाद आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.

मामले को बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज और गोली चलाई. इसमें इटावा से भाग लेने आए एक आंदोलनकारी अखिलेश निषाद की मृत्यु हो गई. कई वाहन आग की चपेट में भी आ गए थे. इस मामले में तत्कालीन सहजनवा थाना अध्यक्ष ने डॉक्टर संजय निषाद समेत तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था. डॉ. निषाद इस मामले में कोर्ट से बेल लेकर अपनी राजनीति कर रहे थे. लेकिन, शनिवार को उनके खिलाफ यह आदेश जैसे ही आया, वैसे ही उनके खेमें में हलचल मच गई.

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इस मामले में डॉ संजय ने कहा कि जिस कसरवाल आंदोलन (निषाद आरक्षण के लिए किया आंदोलन) को लेकर सीजेएम कोर्ट गोरखपुर ने उनके लिए वारंट जारी किया है, उसका वह सम्मान करते हैं. फिलहाल वह अधिकारिक दौरे पर आंध्र प्रदेश आए हैं. उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है. न्यायपालिका 2015 में हुई निषाद भाइयों पर बर्बरता और तत्कालीन सपा सरकार द्वारा लादे गए फर्जी मुकदमों में न्याय करेगी. वह निषाद राज के सिपाही हैं. अपने समाज के हक के लिए जीवन की अंतिम सांस तक लड़ने और जेल में रहने के लिए भी तैयार हैं. समाज के हक और अधिकार की लड़ाई को वह सड़क और सदन के माध्यम से लगातार उठा रहे हैं. विरोधियों और समाज के विभीषणों ने यह झूठा प्रचार किया है कि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है.

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