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नेचुरोपैथी डेः मिट्टी लेपन कर किए कई रोग दूर, जानें महत्व

यूपी के गोरखपुर में नेचुरोपैथी दिवस के मौके पर सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम किया गया. इस दौरान लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम केंद्रीय आयुष मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के आह्वान पर आयोजित हुआ.

गोरखपुर में मिट्टी लेपन कार्यक्रम.
गोरखपुर में मिट्टी लेपन कार्यक्रम.
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Published : Nov 18, 2020, 3:39 PM IST

गोरखपुरः जनपद में आज नेचुरोपैथी दिवस मनाया गया. इस दौरान गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर में, सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम आयोजित हुआ. बुधवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. कार्यक्रम केंद्रीय आयुष मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के आह्वान पर आयोजित हुआ.

केंद्रीय आयुष मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के आह्वान पर आयोजित हुआ कार्यक्रम.

मिट्टी लेपन में लोगों ने दिखाया उत्साह
बता दें कि यह कार्यक्रम प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होने वाला है. इस दौरान मिट्टी लेपन के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. चिकित्सालय की प्रशिक्षित टीम ने लोगों का मिट्टी लेपन किया गया. वहीं कुछ समय धूप में बिताने और मिट्टी सूखने के बाद लोगों ने जमकर स्नान किया. इस अवसर पर चिकित्सालय परिसर में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें कहा गया कि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार-विहार के साथ आचार-विचार का भी बड़ा महत्व होता है.

मिट्टी लेपन के बाद स्नान करते लाभार्थी.
मिट्टी लेपन के बाद स्नान करते लाभार्थी.

18 नवंबर को मनाया नेचुरोपैथी-डे
महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम कई सप्ताह तक चलता है जो 18 नवंबर को नेचुरोपैथी-डे पर पूर्ण होता है. इस वर्ष करीब 328 लोगों ने मिट्टी लेपन में हिस्सा लिया, जिसमें 51 महिलाएं थीं. मिट्टी लेपन के कार्यक्रम लोगों को पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध हुआ.

बच्चों ने भी कराया मिट्टी लेपन.
बच्चों ने भी कराया मिट्टी लेपन.

कई तरह के रोग होते हैं दूर
वहीं कार्यक्रम के आयोजक और आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉक्टर विमल मोदी ने कहा कि मिट्टी में बड़े अनमोल गुण भरे हैं. मिट्टी के अंदर बीज डालने से कई तरह के फूल, फल पैदा होते हैं. इसी प्रकार जब यह शरीर के ऊपर लगाई जाती है तो शरीर में क्रांति आ जाती है. इसका लेपन त्वचा, स्नायु, अनिद्रा, रक्तचाप, नसों, जोड़ों के दर्द में विशेष रूप से लाभ करता है.

चार फीट नीचे से निकाली जाती है लेपन की मिट्टी
जो मिट्टी लोगों को लगाई जाती है वह जमीन से करीब 4 फीट नीचे से निकाली जाती है. उसके बाद उसे धूप में 2 से 4 दिनों के लिए सुखाया जाता है, जिससे उसमें कोई भी कीटाणु न रह सके. फिर उन्हें काफी बारीक करके लेपन के योग्य बनाया जाता है.

दुनिया भर से आते हैं लोग
डॉ मोदी ने बताया की प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस पद्धति से इलाज कराने के लिए यहां देश ही नहीं दुनिया के कई देशों से लोग आते हैं. ऐसे लोग असाध्य रोगों से मुक्त हो चुके हैं. सर्वांग मिट्टी लेपन का यह कार्यक्रम कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूरा किया गया. साथ ही यहां आए हुए लोगों को आरोग्य मंदिर का काढ़ा और खानपान के तरीके भी बताए गए.

एशिया में बनाया था नंबर वन का रिकॉर्ड
पिछले वर्ष सर्वांग मिट्टी लेपन का यह कार्यक्रम एशिया में नंबर-वन का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुआ था. डॉक्टर मोदी ने कहा कि स्वस्थ शरीर के साथ इम्युनिटी को बढ़ाने में भी यह चिकित्सा पद्धति बेहद मददगार होती है. मतलब साफ है कि जब आप सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होंगे तो आपको कोई रोग ग्रसित नहीं करेगा और आपकी इम्यूनिटी बेहतर मानी जाएगी.

गोरखपुरः जनपद में आज नेचुरोपैथी दिवस मनाया गया. इस दौरान गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर में, सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम आयोजित हुआ. बुधवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. कार्यक्रम केंद्रीय आयुष मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के आह्वान पर आयोजित हुआ.

केंद्रीय आयुष मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के आह्वान पर आयोजित हुआ कार्यक्रम.

मिट्टी लेपन में लोगों ने दिखाया उत्साह
बता दें कि यह कार्यक्रम प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होने वाला है. इस दौरान मिट्टी लेपन के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. चिकित्सालय की प्रशिक्षित टीम ने लोगों का मिट्टी लेपन किया गया. वहीं कुछ समय धूप में बिताने और मिट्टी सूखने के बाद लोगों ने जमकर स्नान किया. इस अवसर पर चिकित्सालय परिसर में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें कहा गया कि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार-विहार के साथ आचार-विचार का भी बड़ा महत्व होता है.

मिट्टी लेपन के बाद स्नान करते लाभार्थी.
मिट्टी लेपन के बाद स्नान करते लाभार्थी.

18 नवंबर को मनाया नेचुरोपैथी-डे
महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम कई सप्ताह तक चलता है जो 18 नवंबर को नेचुरोपैथी-डे पर पूर्ण होता है. इस वर्ष करीब 328 लोगों ने मिट्टी लेपन में हिस्सा लिया, जिसमें 51 महिलाएं थीं. मिट्टी लेपन के कार्यक्रम लोगों को पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध हुआ.

बच्चों ने भी कराया मिट्टी लेपन.
बच्चों ने भी कराया मिट्टी लेपन.

कई तरह के रोग होते हैं दूर
वहीं कार्यक्रम के आयोजक और आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉक्टर विमल मोदी ने कहा कि मिट्टी में बड़े अनमोल गुण भरे हैं. मिट्टी के अंदर बीज डालने से कई तरह के फूल, फल पैदा होते हैं. इसी प्रकार जब यह शरीर के ऊपर लगाई जाती है तो शरीर में क्रांति आ जाती है. इसका लेपन त्वचा, स्नायु, अनिद्रा, रक्तचाप, नसों, जोड़ों के दर्द में विशेष रूप से लाभ करता है.

चार फीट नीचे से निकाली जाती है लेपन की मिट्टी
जो मिट्टी लोगों को लगाई जाती है वह जमीन से करीब 4 फीट नीचे से निकाली जाती है. उसके बाद उसे धूप में 2 से 4 दिनों के लिए सुखाया जाता है, जिससे उसमें कोई भी कीटाणु न रह सके. फिर उन्हें काफी बारीक करके लेपन के योग्य बनाया जाता है.

दुनिया भर से आते हैं लोग
डॉ मोदी ने बताया की प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस पद्धति से इलाज कराने के लिए यहां देश ही नहीं दुनिया के कई देशों से लोग आते हैं. ऐसे लोग असाध्य रोगों से मुक्त हो चुके हैं. सर्वांग मिट्टी लेपन का यह कार्यक्रम कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूरा किया गया. साथ ही यहां आए हुए लोगों को आरोग्य मंदिर का काढ़ा और खानपान के तरीके भी बताए गए.

एशिया में बनाया था नंबर वन का रिकॉर्ड
पिछले वर्ष सर्वांग मिट्टी लेपन का यह कार्यक्रम एशिया में नंबर-वन का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुआ था. डॉक्टर मोदी ने कहा कि स्वस्थ शरीर के साथ इम्युनिटी को बढ़ाने में भी यह चिकित्सा पद्धति बेहद मददगार होती है. मतलब साफ है कि जब आप सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होंगे तो आपको कोई रोग ग्रसित नहीं करेगा और आपकी इम्यूनिटी बेहतर मानी जाएगी.

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