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नेशनल नेचुरोपैथी डे, मडबाथ से मिलती है कई रोगों से निजात, जानें खासियत - मिट्टी लेपन प्राकृतिक चिकित्सा विधि

देश में नेशनल नेचुरोपैथी डे 18 नवंबर को मनाया जाता है. बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से भी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इस मौके पर गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्यक्रम किया गया.

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Published : Nov 18, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 1:55 PM IST

गोरखपुर: आज देशभर में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (Naturopathy Day 2022) मनाया गया है. गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत भारत सरकार ने 18 नवंबर 2018 में इसे प्राकृतिक दिवस के रूप में घोषित किया था.

जिले का आरोग्य मंदिर देशभर में प्राकृतिक चिकित्सा के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है. यहां मिट्टी लेपन प्राकृतिक चिकित्सा विधि (Treatment of disease by soil coating in Gorakhpur) से लोगों का इलाज किया जाता है. इसके जरिए रोगों के निवारण और सौंदर्य की बढ़ोतरी होती है. यह कार्यक्रम प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है. इस दौरान मिट्टी लेपन के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. चिकित्सालय की प्रशिक्षित टीम ने लोगों का मिट्टी लेपन किया. वहीं, कुछ समय धूप में बिताने और मिट्टी सूखने के बाद लोगों ने ताजे पानी से स्नान किया. इस अवसर पर चिकित्सालय परिसर में कार्यशाला भी आयोजित की गई. जिसमें बताया गया कि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार विहार के साथ आचार विचार का भी बड़ा महत्व होता है. स्नान के बाद लोगों ने ठहाके मारकर भी अपने आनंद को जाहिर किया. कई तरह की चिकित्सीय समस्याओं से गुजर रहे लोग भी मिट्टी लेपन से जुड़े हैं. इस प्रक्रिया (Mud wrap naturopathy method) के लाभार्थियों से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की.

ईटीवी भारत की आरोग्य मंदिर निदेशक डॉ. विमल मोदी से खास बातचीत


पढ़ें- 22 महीनों में 709 युवकों ने किया लव जिहाद, केशव बोले, जिहाद की आड़ मे हो रहीं हत्याएं सुनियोजित साजिश


नेशनल नेचुरोपैथी डे पर मिट्टी लेपन (People did mud coating process in Gorakhpur) का कार्य पूरी तरह से निशुल्क किया जाता है. करीब 300 लोगों ने इस कार्य में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के आयोजक और आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने कहा की मिट्टी के बड़े अनमोल गुण होते हैं. मिट्टी के अंदर बीज डालने से कई तरह के फूल, फल पैदा होते हैं. इसी प्रकार जब यह शरीर के ऊपर लगाई जाती है, तो शरीर में शांति आ जाती है. इसका लेपन त्वचा, अनिद्रा, रक्तचाप, नसों, जोड़ों के दर्द में विशेष रुप से लाभ करता है, जो मिट्टी लोगों को लगाई जाती है. वह जमीन से करीब 4 फीट नीचे से निकाली जाती है. उसके बाद उसे धूप में 2 से 4 दिनों के लिए सुखाया जाता है. जिससे उसमें कोई भी कीटाणु ना रह सके. फिर उस मिट्टी को काफी बारीक करके लेपन योग्य बनाया जाता है. डॉ. मोदी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस पद्धति से इलाज कराने के लिए यहां देश दुनिया से लोग आते हैं. इस दौरान लोगों को आरोग्य मंदिर का काड़ा पिलाया जाता है. खानपान के तरीके भी बताए जाते हैं.

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नेचुरोपैथी डे पर लोगों ने किया मिट्टी लेपन
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मिट्टी लेपन प्रक्रिया के बाद धूप लेते हुए लोग


पढ़ें- WORLD COPD DAY: दुनिया का तीसरा किलर है COPD, हर साल लेता है 3 लाख लोगों की जान

गोरखपुर: आज देशभर में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (Naturopathy Day 2022) मनाया गया है. गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत भारत सरकार ने 18 नवंबर 2018 में इसे प्राकृतिक दिवस के रूप में घोषित किया था.

जिले का आरोग्य मंदिर देशभर में प्राकृतिक चिकित्सा के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है. यहां मिट्टी लेपन प्राकृतिक चिकित्सा विधि (Treatment of disease by soil coating in Gorakhpur) से लोगों का इलाज किया जाता है. इसके जरिए रोगों के निवारण और सौंदर्य की बढ़ोतरी होती है. यह कार्यक्रम प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है. इस दौरान मिट्टी लेपन के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. चिकित्सालय की प्रशिक्षित टीम ने लोगों का मिट्टी लेपन किया. वहीं, कुछ समय धूप में बिताने और मिट्टी सूखने के बाद लोगों ने ताजे पानी से स्नान किया. इस अवसर पर चिकित्सालय परिसर में कार्यशाला भी आयोजित की गई. जिसमें बताया गया कि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार विहार के साथ आचार विचार का भी बड़ा महत्व होता है. स्नान के बाद लोगों ने ठहाके मारकर भी अपने आनंद को जाहिर किया. कई तरह की चिकित्सीय समस्याओं से गुजर रहे लोग भी मिट्टी लेपन से जुड़े हैं. इस प्रक्रिया (Mud wrap naturopathy method) के लाभार्थियों से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की.

ईटीवी भारत की आरोग्य मंदिर निदेशक डॉ. विमल मोदी से खास बातचीत


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नेशनल नेचुरोपैथी डे पर मिट्टी लेपन (People did mud coating process in Gorakhpur) का कार्य पूरी तरह से निशुल्क किया जाता है. करीब 300 लोगों ने इस कार्य में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के आयोजक और आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने कहा की मिट्टी के बड़े अनमोल गुण होते हैं. मिट्टी के अंदर बीज डालने से कई तरह के फूल, फल पैदा होते हैं. इसी प्रकार जब यह शरीर के ऊपर लगाई जाती है, तो शरीर में शांति आ जाती है. इसका लेपन त्वचा, अनिद्रा, रक्तचाप, नसों, जोड़ों के दर्द में विशेष रुप से लाभ करता है, जो मिट्टी लोगों को लगाई जाती है. वह जमीन से करीब 4 फीट नीचे से निकाली जाती है. उसके बाद उसे धूप में 2 से 4 दिनों के लिए सुखाया जाता है. जिससे उसमें कोई भी कीटाणु ना रह सके. फिर उस मिट्टी को काफी बारीक करके लेपन योग्य बनाया जाता है. डॉ. मोदी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस पद्धति से इलाज कराने के लिए यहां देश दुनिया से लोग आते हैं. इस दौरान लोगों को आरोग्य मंदिर का काड़ा पिलाया जाता है. खानपान के तरीके भी बताए जाते हैं.

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नेचुरोपैथी डे पर लोगों ने किया मिट्टी लेपन
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मिट्टी लेपन प्रक्रिया के बाद धूप लेते हुए लोग


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Last Updated : Nov 18, 2022, 1:55 PM IST
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