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लावारिस लाशों का अंतिम संंस्कार करती है ये संस्था, लोगों की पीड़ा देख जगी संवेदना - cremation of unclaimed corpses

गोरखपुर में राष्ट्रीय गरीब कल्याण संघ लगातार लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार और गरीबों की मदद कर रहे हैं. वे एक साल में लगभग सौ से अधिक गरीबों की मदद कर चुके हैं.

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राष्ट्रीय गरीब कल्याण संघ
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Published : Aug 27, 2022, 4:38 PM IST

गोरखपुरः कहते हैं कि इंसान जो चाहे वह कर सकता है बस उसे मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. कुछ इसी तरह अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से गोरखपुर के एक व्यापारी भोला यादव उर्फ श्याम सुंदर बीते कई वर्षों से लावारिश लाशों की अंत्येष्टि और गरीबों की सेवा करते चले आ रहे हैं. इनकी इसी सेवा भाव से समाज के लोग इनके मुरीद हैं, जिसका नतीजा यह है कि करीब एक साल में ही वह करीब सौ गरीबों की मदद कर चुके हैं.

जरूरतमंदों की सेवा के लिए उन्होंने एक साल पहले राष्ट्रीय गरीब कल्याण संघ(National Poor Welfare Association) नामक एक संस्था बनाई. संस्था में वर्तमान में 15 से ज्यादा लोग हैं. सभी का अपना अलग-अलग रोजगार है. संस्था के जरिए उन्होंने गरीबों की सेवा शुरू की. अब तक वह सौ के करीब गरीब लोगों की मदद कर चुके हैं. उनकी संस्था ने किसी को राशन मुहैया कराकर उसका पेट भरा तो किसी गरीब के बेटी की शादी में राशन, सिलाई मशीन आदि भेंट कर मदद की. साथ ही किसी बेरोजगार व गरीब युवा को चाय की दुकान खुलवाई. वहीं, बीते चुनाव में उनकी संस्था ने अर्धसैनिक बलों के लिए भोजन की भी व्यवस्था कराई थी.

सामाजिक कार्यकर्ता भोला यादव
40 लावारिश लाशों को मोर्चरी भिजवाने में कर चुके मदद
भोला यादव और उनकी संस्था यहीं नहीं रूकी. क्षेत्र में जहां कहीं से भी इन्हें लावारिश लाश मिलने की सूचना मिलते ही टीम का कोई न कोई सदस्य वहां पहुंच जाता है. अब तक 40 लाशों को मार्चरी भिजवाने और अज्ञात में दाह संस्कार के लिए भी नकद रुपये देकर यह स्थानीय पुलिस की मदद कर चुके हैं. वहीं एक्सीडेंड में मृत व्यक्ति के परिवार को रोजगार दिलाकार उसकी सहायता की. उनके इस कार्य को समाज और पुलिस से सराहना मिलती है, जिससे उनका हौसला और बढ़ जाता है.

पढ़ेंः 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुका यह अधिकारी गंगा किनारे

सामाजिक कार्यकर्ता भोला यादव ने बताया कि उनके इस काम में इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी के इंचार्ज रहे अमित कुमार चौधरी ने भी साथ दिया. उन्होंने बताया कि दो माह पहले सिंघडिया की शीला चौधरी के पति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे थे. भीख मांगने की नौबत आ गई थी. इसके बाद संस्था ने उनके परिवार के लिए चाय की दुकान खुलवाई.

भोला यादव ने बताया कि वह अपने कामों का प्रचार नहीं करते, लेकिन ऐसे काम की चर्चा तो होती है. एक घटना शहर के बिछिया निवासी संध्या की है, जिसके पति ने उन्हें छोड़ दिया है. वह किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. पिछले चार दिन से उनके बच्चों ने कुछ नहीं खाया था. किसी तरह शनिवार को यह बात चौकी इंचार्ज अमित चौधरी को पता चली, जिसके बाद वह भोला यादव व उनकी संस्था से बात की.

संस्था ने महिला को एक माह का राशन दिया. इस संस्था से लोग अब जुड़ते जा रहे हैं, जिसमें महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ रही है. महिला विंग की अध्यक्ष प्रतिमा यादव, बनी हैं उनकी टीम में उपाध्यक्ष कुसमांजलि हैं. जिसमें विशाल कुमार, शरद सिंह, संतोष शर्मा, सुरेश चौहान, विजय साहनी, भीम यादव, सुबोध भारती, अनूप खेमका, राकेश गुप्ता, पंकज निषाद तन मन व धन से संस्था के साथ जुड़कर गरीबों की मदद कर रहे हैं.

पढ़ेंः काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर, सकरी गलियों में हो रहा शवों का दाह संस्कार

गोरखपुरः कहते हैं कि इंसान जो चाहे वह कर सकता है बस उसे मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. कुछ इसी तरह अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से गोरखपुर के एक व्यापारी भोला यादव उर्फ श्याम सुंदर बीते कई वर्षों से लावारिश लाशों की अंत्येष्टि और गरीबों की सेवा करते चले आ रहे हैं. इनकी इसी सेवा भाव से समाज के लोग इनके मुरीद हैं, जिसका नतीजा यह है कि करीब एक साल में ही वह करीब सौ गरीबों की मदद कर चुके हैं.

जरूरतमंदों की सेवा के लिए उन्होंने एक साल पहले राष्ट्रीय गरीब कल्याण संघ(National Poor Welfare Association) नामक एक संस्था बनाई. संस्था में वर्तमान में 15 से ज्यादा लोग हैं. सभी का अपना अलग-अलग रोजगार है. संस्था के जरिए उन्होंने गरीबों की सेवा शुरू की. अब तक वह सौ के करीब गरीब लोगों की मदद कर चुके हैं. उनकी संस्था ने किसी को राशन मुहैया कराकर उसका पेट भरा तो किसी गरीब के बेटी की शादी में राशन, सिलाई मशीन आदि भेंट कर मदद की. साथ ही किसी बेरोजगार व गरीब युवा को चाय की दुकान खुलवाई. वहीं, बीते चुनाव में उनकी संस्था ने अर्धसैनिक बलों के लिए भोजन की भी व्यवस्था कराई थी.

सामाजिक कार्यकर्ता भोला यादव
40 लावारिश लाशों को मोर्चरी भिजवाने में कर चुके मददभोला यादव और उनकी संस्था यहीं नहीं रूकी. क्षेत्र में जहां कहीं से भी इन्हें लावारिश लाश मिलने की सूचना मिलते ही टीम का कोई न कोई सदस्य वहां पहुंच जाता है. अब तक 40 लाशों को मार्चरी भिजवाने और अज्ञात में दाह संस्कार के लिए भी नकद रुपये देकर यह स्थानीय पुलिस की मदद कर चुके हैं. वहीं एक्सीडेंड में मृत व्यक्ति के परिवार को रोजगार दिलाकार उसकी सहायता की. उनके इस कार्य को समाज और पुलिस से सराहना मिलती है, जिससे उनका हौसला और बढ़ जाता है.

पढ़ेंः 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुका यह अधिकारी गंगा किनारे

सामाजिक कार्यकर्ता भोला यादव ने बताया कि उनके इस काम में इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी के इंचार्ज रहे अमित कुमार चौधरी ने भी साथ दिया. उन्होंने बताया कि दो माह पहले सिंघडिया की शीला चौधरी के पति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे थे. भीख मांगने की नौबत आ गई थी. इसके बाद संस्था ने उनके परिवार के लिए चाय की दुकान खुलवाई.

भोला यादव ने बताया कि वह अपने कामों का प्रचार नहीं करते, लेकिन ऐसे काम की चर्चा तो होती है. एक घटना शहर के बिछिया निवासी संध्या की है, जिसके पति ने उन्हें छोड़ दिया है. वह किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. पिछले चार दिन से उनके बच्चों ने कुछ नहीं खाया था. किसी तरह शनिवार को यह बात चौकी इंचार्ज अमित चौधरी को पता चली, जिसके बाद वह भोला यादव व उनकी संस्था से बात की.

संस्था ने महिला को एक माह का राशन दिया. इस संस्था से लोग अब जुड़ते जा रहे हैं, जिसमें महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ रही है. महिला विंग की अध्यक्ष प्रतिमा यादव, बनी हैं उनकी टीम में उपाध्यक्ष कुसमांजलि हैं. जिसमें विशाल कुमार, शरद सिंह, संतोष शर्मा, सुरेश चौहान, विजय साहनी, भीम यादव, सुबोध भारती, अनूप खेमका, राकेश गुप्ता, पंकज निषाद तन मन व धन से संस्था के साथ जुड़कर गरीबों की मदद कर रहे हैं.

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