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गोरखपुर: 'आत्मनिर्भर रोजगार कार्यक्रम' में नागेंद्र मद्धेशिया से प्रभावित हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत राज्य में करोड़ों लोगों को रोजगार मिल सकेगा. गोरखपुर में भी इस योजना के तहत 4 लाभार्थियों से पीएम मोदी ने बात की. इसमें नागेंद्र मद्धेशिया से बात कर पीएम मोदी भी बेहद खुश हुए.

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पीएम मोदी से बात करता लाभार्थी.
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Published : Jun 26, 2020, 7:50 PM IST

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत योजना' के साथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई. इस अभियान के तहत पीएम मोदी ने प्रदेश के कई हिस्सों के लाभार्थी मजदूरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की, जिसकी पूरी तैयारी जिला प्रशासन स्तर से पहले ही कर ली गई थी. गोरखपुर में भी इस योजना के तहत 4 लाभार्थियों से पीएम मोदी ने बात की. इसमें नागेंद्र मद्धेशिया से बात कर पीएम मोदी भी बेहद खुश हुए और नागेंद्र की खुशी का भी ठिकाना न रहा. नागेंद्र का कहना है कि पीएम मोदी से मिले प्रोत्साहन और समर्थन के बल पर वे अपने व्यापार को और आगे बढ़ाएंगे.

आत्मनिर्भर रोजगार कार्यक्रम में नागेंद्र ने पीएम मोदी से की बात.

नागेंद्र गुजरात के अहमदाबाद में कई सालों से एक स्टील फैक्ट्री में काम कर रहे थे, लेकिन जब लॉकडाउन हुआ तो वे भी बाकी प्रवासियों की तरह ही वापस लौट आए. इस दौरान उनके सामने परिवार को संभालने की जिम्मेदारी बनी हुई थी, जिसको पूरा करने के लिए नागेंद्र ने मुद्रा लोन के तहत बैंक से एक लाख रुपये लोन लिया और फिर 2 भैंस खरीद कर डेयरी का काम शुरू कर दिया. नागेंद्र ने पीएम को यह सारी बातें बताईं. इस दौरान पीएम ने नागेंद्र से पूछा कि अहमदाबाद में कितना कमा लेते थे, जिसके जवाब में नागेंद्र ने बताया कि वो 8 हजार रुपये महीना कमा लेता था. इस जवाब को सुनकर पीएम मोदी ने पूछा कि दूध बेचकर कितनी कमाई हो रही है, जिसके जवाब में नागेंद्र ने कहा कि अब वो 12 हजार रुपये कमा लेता है.

पीएम मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना संकट ने नागेंद्र को परिवार से भी मिलाया और अच्छी कमाई का जरिया भी दिया. इसके साथ ही पीएम ने एक बार फिर दोहराया कि आफत से घबराएं नहीं, बल्कि अवसर में बदलें. पीएम मोदी ने इस दौरान अधिकारियों और अन्य लोगों को भी नसीहत दी कि आफत को अवसर में बदलें और लोगों को खुशियों से जोड़ें. इस दौरान जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने नागेंद्र के हौसले की तारीफ की.

गोरखपुर में लॉकडाउन के बाद से करीब डेढ़ लाख मजदूर मुंबई, बंगलुरु, दिल्ली, अहमदाबाद समेत विभिन्न शहरों से आ चुके हैं, जिनमें एक लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार से जोड़ा गया है. जुलाई महीने में करीब 18 हजार मजदूरों को पटरी व्यवसाय के लिए 10-10 हजार का ऋण दिया जाएगा. वहीं 10 हजार मजदूरों में मुद्रा लोन के वितरण के साथ उनके रोजगार को शुरू कराने का प्रयास जिला प्रशासन करेगा.

आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत करोड़ों लोगों को रोजगार मिल सकेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की.

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत योजना' के साथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई. इस अभियान के तहत पीएम मोदी ने प्रदेश के कई हिस्सों के लाभार्थी मजदूरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की, जिसकी पूरी तैयारी जिला प्रशासन स्तर से पहले ही कर ली गई थी. गोरखपुर में भी इस योजना के तहत 4 लाभार्थियों से पीएम मोदी ने बात की. इसमें नागेंद्र मद्धेशिया से बात कर पीएम मोदी भी बेहद खुश हुए और नागेंद्र की खुशी का भी ठिकाना न रहा. नागेंद्र का कहना है कि पीएम मोदी से मिले प्रोत्साहन और समर्थन के बल पर वे अपने व्यापार को और आगे बढ़ाएंगे.

आत्मनिर्भर रोजगार कार्यक्रम में नागेंद्र ने पीएम मोदी से की बात.

नागेंद्र गुजरात के अहमदाबाद में कई सालों से एक स्टील फैक्ट्री में काम कर रहे थे, लेकिन जब लॉकडाउन हुआ तो वे भी बाकी प्रवासियों की तरह ही वापस लौट आए. इस दौरान उनके सामने परिवार को संभालने की जिम्मेदारी बनी हुई थी, जिसको पूरा करने के लिए नागेंद्र ने मुद्रा लोन के तहत बैंक से एक लाख रुपये लोन लिया और फिर 2 भैंस खरीद कर डेयरी का काम शुरू कर दिया. नागेंद्र ने पीएम को यह सारी बातें बताईं. इस दौरान पीएम ने नागेंद्र से पूछा कि अहमदाबाद में कितना कमा लेते थे, जिसके जवाब में नागेंद्र ने बताया कि वो 8 हजार रुपये महीना कमा लेता था. इस जवाब को सुनकर पीएम मोदी ने पूछा कि दूध बेचकर कितनी कमाई हो रही है, जिसके जवाब में नागेंद्र ने कहा कि अब वो 12 हजार रुपये कमा लेता है.

पीएम मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना संकट ने नागेंद्र को परिवार से भी मिलाया और अच्छी कमाई का जरिया भी दिया. इसके साथ ही पीएम ने एक बार फिर दोहराया कि आफत से घबराएं नहीं, बल्कि अवसर में बदलें. पीएम मोदी ने इस दौरान अधिकारियों और अन्य लोगों को भी नसीहत दी कि आफत को अवसर में बदलें और लोगों को खुशियों से जोड़ें. इस दौरान जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने नागेंद्र के हौसले की तारीफ की.

गोरखपुर में लॉकडाउन के बाद से करीब डेढ़ लाख मजदूर मुंबई, बंगलुरु, दिल्ली, अहमदाबाद समेत विभिन्न शहरों से आ चुके हैं, जिनमें एक लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार से जोड़ा गया है. जुलाई महीने में करीब 18 हजार मजदूरों को पटरी व्यवसाय के लिए 10-10 हजार का ऋण दिया जाएगा. वहीं 10 हजार मजदूरों में मुद्रा लोन के वितरण के साथ उनके रोजगार को शुरू कराने का प्रयास जिला प्रशासन करेगा.

आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत करोड़ों लोगों को रोजगार मिल सकेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की.

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