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बीजेपी और सपा के पार्षद पांचवीं जीत को लेकर आश्वस्त, रिकॉर्ड बनाकर फतह करेंगे मैदान

गोरखपुर में नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी जीत का दावा कर रही हैं. वहीं, भाजपा और सपा के पार्षद 5वीं बार जीत को लेकर आश्वस्त हैं. दोनों अपनी जीत का दावा कर रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.

municipal elections in up
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Published : May 3, 2023, 12:04 PM IST

गोरखपुर में बीजेपी और सपा के पार्षद पांचवीं जीत को लेकर आश्वस्त

गोरखपुर: चुनाव कोई भी हो, छोटा या बड़ा. इसमें जो जीत हासिल करता है, वही महान होता है. जनता में उसका भरोसा कायम दिखता है. बात करें स्थानीय निकाय चुनाव की तो गोरखपुर में दो वार्ड ऐसे हैं, जहां के पार्षद का चुनाव भले ही कोई लड़ता हो. लेकिन, चुनाव वही जीतता है, जो पिछले 4 चुनाव से लगातार जीत रहा है. यह उपलब्धि सपा और भाजपा दोनों के खाते में है. घंटाघर से समाजवादी पार्टी के जियाउल इस्लाम इस बार अपनी पांचवीं जीत को लेकर आश्वस्त हैं. वह समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव भी हैं. महानगर अध्यक्ष की भी भूमिका अदा कर चुके हैं. वहीं, सामान्य सीट पर बार-बार अपने परिश्रम की बदौलत अनुसूचित जनजाति का होने के बाद भी चुनाव लड़कर जीतने वाले देवेंद्र कुमार उर्फ पिंटू गौंड के नाम भी पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बन सकता है. पिंटू इसके लिए आश्वस्त हैं और अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है.

निकाय चुनाव की राजनीति में पिछले 23 वर्ष से लगातार यह दोनों नेता अपने वार्ड में सक्रिय हैं. जनता की उम्मीदों, सड़क, नाली, बिजली, सफाई, वाटर सप्लाई सभी मुद्दों पर पूरी गंभीरता से प्रयास करने का नतीजा है कि इनके मुकाबले चुनाव तो पिछले 4 चुनावों में बहुत लोग लड़े. लेकिन, जीत कोई नहीं पाया. समाजवादी पार्टी के नेता जियाउल इस्लाम कहते हैं कि उनका वार्ड नगर निगम का ऐसा पहला वार्ड है, जहां पर पहली इंटरलॉकिंग की सड़क बनी. विकास के मामले में उनका वार्ड पहले पायदान पर है. सबसे ज्यादा मिनी ट्यूबवेल लगाने का काम उन्होंने अपने वार्ड में कराया है.

ईटीवी भारत से बातचीत में जियाउल कहते हैं कि नगर निगम सदन के अंदर विपक्ष के नेता की उन्होंने पूरी मजबूती से भूमिका निभाई है. यही वजह है कि उन्हें पार्टी ने और पार्षदों ने मिलकर दो बार अपना उपसभापति चुना है. जियाउल इस्लाम अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. वह कहते हैं कि जब प्रचार को लेकर लोग पूरी तरह से दिन-रात एक किए हुए हैं तो वह बहुत ही निश्चिंत भाव से अपने वार्ड में भ्रमण कर रहे हैं. क्षेत्र के मतदाता और जनता उन्हें जीत के प्रति आश्वस्त कर चुकी है. इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी पांचवीं जीत निगम चुनाव की ऐतिहासिक और रिकॉर्ड वाली जीत होगी.

गोरखपुर नगर निगम के 80 वार्ड में सिविल लाइंस प्रथम सामान्य यानी कि अनारक्षित कोटे की पार्षद सीट है. लेकिन, इस सीट को पिछले 4 चुनाव से यानी कि 20 वर्षों से अनुसूचित जनजाति के देवेंद्र कुमार गौड़ भाजपा प्रत्याशी के रूप में लगातार जीतते चले आ रहे हैं. वह कहते हैं कि न तो उनके लिए जात-पात कोई मायने रखता है और न ही उनके वार्ड की जनता के लिए. पिंटू कहते हैं कि एक बालक की तरह वह अपने वार्ड के नागरिकों के आदेश को मानते हैं. समस्याओं को सुलझाने के लिए दिन-रात उनके बीच रहते हैं. पिंटू कहते हैं कि जो जनता के बीच रहेगा, कार्य करेगा जनता उसे जरूर चुनेगी. वह पांचवीं बार मैदान में है और जीत को लेकर पूरी तरह निश्चिंत. यही नहीं जनता के भरोसे इस जीत के साथ वह निगम में पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बनाकर भारतीय जनता पार्टी और अपने मतदाताओं के विश्वास पर भी खरा उतरने का कार्य करेंगे. निश्चित रूप से निकाय चुनाव के इतने बड़े क्षेत्र में यह दोनों नेता अपने आप में मिसाल हैं, जो लाख विपरीत परिस्थितियों के बाद भी लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव के लिए 37 जिलों में तैनात किए गए 1.8 लाख पुलिस जवान, चप्पे-चप्पे पर होगी नजर

गोरखपुर में बीजेपी और सपा के पार्षद पांचवीं जीत को लेकर आश्वस्त

गोरखपुर: चुनाव कोई भी हो, छोटा या बड़ा. इसमें जो जीत हासिल करता है, वही महान होता है. जनता में उसका भरोसा कायम दिखता है. बात करें स्थानीय निकाय चुनाव की तो गोरखपुर में दो वार्ड ऐसे हैं, जहां के पार्षद का चुनाव भले ही कोई लड़ता हो. लेकिन, चुनाव वही जीतता है, जो पिछले 4 चुनाव से लगातार जीत रहा है. यह उपलब्धि सपा और भाजपा दोनों के खाते में है. घंटाघर से समाजवादी पार्टी के जियाउल इस्लाम इस बार अपनी पांचवीं जीत को लेकर आश्वस्त हैं. वह समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव भी हैं. महानगर अध्यक्ष की भी भूमिका अदा कर चुके हैं. वहीं, सामान्य सीट पर बार-बार अपने परिश्रम की बदौलत अनुसूचित जनजाति का होने के बाद भी चुनाव लड़कर जीतने वाले देवेंद्र कुमार उर्फ पिंटू गौंड के नाम भी पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बन सकता है. पिंटू इसके लिए आश्वस्त हैं और अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है.

निकाय चुनाव की राजनीति में पिछले 23 वर्ष से लगातार यह दोनों नेता अपने वार्ड में सक्रिय हैं. जनता की उम्मीदों, सड़क, नाली, बिजली, सफाई, वाटर सप्लाई सभी मुद्दों पर पूरी गंभीरता से प्रयास करने का नतीजा है कि इनके मुकाबले चुनाव तो पिछले 4 चुनावों में बहुत लोग लड़े. लेकिन, जीत कोई नहीं पाया. समाजवादी पार्टी के नेता जियाउल इस्लाम कहते हैं कि उनका वार्ड नगर निगम का ऐसा पहला वार्ड है, जहां पर पहली इंटरलॉकिंग की सड़क बनी. विकास के मामले में उनका वार्ड पहले पायदान पर है. सबसे ज्यादा मिनी ट्यूबवेल लगाने का काम उन्होंने अपने वार्ड में कराया है.

ईटीवी भारत से बातचीत में जियाउल कहते हैं कि नगर निगम सदन के अंदर विपक्ष के नेता की उन्होंने पूरी मजबूती से भूमिका निभाई है. यही वजह है कि उन्हें पार्टी ने और पार्षदों ने मिलकर दो बार अपना उपसभापति चुना है. जियाउल इस्लाम अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. वह कहते हैं कि जब प्रचार को लेकर लोग पूरी तरह से दिन-रात एक किए हुए हैं तो वह बहुत ही निश्चिंत भाव से अपने वार्ड में भ्रमण कर रहे हैं. क्षेत्र के मतदाता और जनता उन्हें जीत के प्रति आश्वस्त कर चुकी है. इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी पांचवीं जीत निगम चुनाव की ऐतिहासिक और रिकॉर्ड वाली जीत होगी.

गोरखपुर नगर निगम के 80 वार्ड में सिविल लाइंस प्रथम सामान्य यानी कि अनारक्षित कोटे की पार्षद सीट है. लेकिन, इस सीट को पिछले 4 चुनाव से यानी कि 20 वर्षों से अनुसूचित जनजाति के देवेंद्र कुमार गौड़ भाजपा प्रत्याशी के रूप में लगातार जीतते चले आ रहे हैं. वह कहते हैं कि न तो उनके लिए जात-पात कोई मायने रखता है और न ही उनके वार्ड की जनता के लिए. पिंटू कहते हैं कि एक बालक की तरह वह अपने वार्ड के नागरिकों के आदेश को मानते हैं. समस्याओं को सुलझाने के लिए दिन-रात उनके बीच रहते हैं. पिंटू कहते हैं कि जो जनता के बीच रहेगा, कार्य करेगा जनता उसे जरूर चुनेगी. वह पांचवीं बार मैदान में है और जीत को लेकर पूरी तरह निश्चिंत. यही नहीं जनता के भरोसे इस जीत के साथ वह निगम में पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बनाकर भारतीय जनता पार्टी और अपने मतदाताओं के विश्वास पर भी खरा उतरने का कार्य करेंगे. निश्चित रूप से निकाय चुनाव के इतने बड़े क्षेत्र में यह दोनों नेता अपने आप में मिसाल हैं, जो लाख विपरीत परिस्थितियों के बाद भी लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं.

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